वित्त मंत्रालय
एडीबी और भारत ने बेंगलुरु में बिजली वितरण प्रणाली के उन्नयन के लिए 100 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए
Posted On:
04 JAN 2021 2:14PM by PIB Delhi
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 31 दिसंबर 2020 को कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में बिजली वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने और इसके उन्नयन के लिए 100 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बेहतर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बेंगलुरु स्मार्ट ऊर्जा-कुशल विद्युत वितरण परियोजना पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अपर सचिव डॉ. सीएस महापात्र और एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के प्रभारी-अधिकारी श्री हो यू यून ने हस्ताक्षर किए।
100 मिलियन डॉलर के सोवेरन ऋण के अलावा, एडीबी,बेंगलुरु विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड (बीईएससीओएम) , जो कर्नाटक में राज्य-स्वामित्व वाली पांच वितरण कंपनियों में से एक है,को परियोजना के लिए सोवेरन गारंटी के बिना 90 मिलियन डॉलर का ऋण प्रदान करेगा।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, डॉ. महापात्र ने कहा कि ऊपरी केबललाइनों को भूमिगत करने से ऊर्जा-कुशल वितरण नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी, तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को कम किया जा सकेगा तथा चक्रवात जैसे प्राकृतिक खतरों और अन्य बाधाओं से ऊपरी केबल लाइन के क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं में कमी आयेगी, जिससे विद्युत आपूर्ति बेहतर होगी।
श्री जियोंग ने कहा कि परियोजना एक अभिनव वित्तपोषण व्यवस्था को प्रदर्शित करती है, जो एडीबी के लिए पहली है। इसके तहत, राज्य सरकार के स्वामित्व वाले उद्यम के लिए सोवेरनऔर गैर-सोवेरन ऋण की एक साथ व्यवस्था की गयी है। इसका उद्देश्य सोवेरन जोखिम को कम करना है और बीईएससीओएमको पूंजीगत व्यय हेतु धन जुटाने के लिए बाजार-आधारित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करना है।
भूमिगत वितरण केबलों के समानांतर, संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2,800 किमी से अधिक फाइबर ऑप्टिकल केबल भी बिछाये जाएंगे। लगभग 7,200 किलोमीटर की वितरण लाइनों के भूमिगत होने से तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को लगभग 30% तक कम करने में मदद मिलेगी। फाइबर ऑप्टिकल केबल्स का उपयोग, स्मार्ट मीटरप्रणाली, वितरण ग्रिड में वितरण स्वचालन प्रणाली (डीएएस) और अन्य संचार नेटवर्क के लिए किया जाएगा। नियंत्रण केंद्र से वितरण लाइन स्विचगियर्स की निगरानी और नियंत्रण के लिए परियोजना के अंतर्गत डीएएस के साथ अनुकूलित 1,700 स्वचालित रिंग मुख्य इकाइयों को भी स्थापित किया जायेगा।
ऋण से भूमिगत केबल, पर्यावरण व सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय प्रबंधन और वाणिज्यिक वित्तपोषण के संचालन तथा रख-रखाव में बीईएससीओएमकी क्षमता मजबूत होगी। बेहतर वित्तीय प्रबंधन क्षमता,बीईएससीओएम को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक वित्तपोषण बाजारतक पहुंचने में मदद करेगी।
एडीबी एक समृद्ध, समावेशी, सहनशील और सतत एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है।एडीबी ने अत्यधिक गरीबी को मिटाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखा है।1966 में स्थापितएडीबीका स्वामित्व68 सदस्यों के पास है, जिनमें से 49 इस क्षेत्र से हैं।
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