विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर-एनईआईएसटी ने आईआईएसएफ 2020 के बारे में पूर्व-परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया


विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को लोगों तक ले जाना मूल उद्देश्य है: महानिदेशक, सीएसआईआर, डॉ.शेखर सी. मांडे

आईआईएसएफ का उद्देश्य विज्ञान में जनता को शामिल करना है और विज्ञान की खुशी का जश्न मनाना है और देखना है कि कैसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए समाधान प्रदान करते हैं: डॉ. जी.नरहरि शास्त्री, निदेशक सीएसआईआर – एनआईआईएसटी

Posted On: 01 DEC 2020 8:40PM by PIB Delhi

छठे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2020 के बारे में पूर्व-परिचय कार्यक्रम समूचे राष्‍ट्र में विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित किये जा रहा हैं ताकि जनता के बीच वैज्ञानिक घटनाओं को लोकप्रिय बनाया जा सके। आईआईएसएफ-2020 का आयोजन 22 से 25 दिसंबर, 2020 के बीच होना है। इसे ध्यान में रखते हुए, सीएसआईआर-पूर्वोत्‍तर विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्‍थान (सीएसआईआर-एनआईईएसटी), जोरहाट ने आज (01 दिसंबर, 2020) वर्चुअल मोड में आईआईएसएफ 2020 के बारे में पूर्व-परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया।

सीएसआईआर-एनआईईएसटी के निदेशक डॉ. जी.नरहरि शास्त्री ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आईआईएसएफ का उद्देश्य विज्ञान में जनता को शामिल करना है और विज्ञान का आनंद लेना है और देखना है कि कैसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए समाधान प्रदान करते हैं। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि मुख्य आयोजन के लिए युवा वैज्ञानिकों के सम्मेलन, महिला वैज्ञानिकों के सम्मेलन, जल खंड, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता, विज्ञान यात्रा, पारंपरिक शिल्प और कारीगरों से मिलने, जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

आईआईएसएफ विज्ञान का उत्‍सव मनाने का अवसर है जो 2015 में शुरू किया गया था। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का एक माध्‍यम है और यह दर्शाता है कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की क्‍या भूमिका है। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे ने लोगों से आग्रह किया कि वे आभासी मोड के अवसर का लाभ उठाते हुए अधिकाधिक संख्‍या में इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लें। उन्होंने कहा कि मूल मकसद विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना जाना है।

सीएसआईआर-एनआईईएसटी के अनुसंधान योजना व्यवसाय विकास प्रभाग के प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जतिन कलिता ने 22-25 दिसंबर, 2020 को होने जा रहे आईआईएसएफ 2020 के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी और संस्थान की सफलता की कहानियों को रेखांकित किया। उन्‍होंने कहा कि अब तक 120 से अधिक तकनीकों का विकास किया गया है और उनमें से बहुतायत का व्यवसायीकरण किया गया है और भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में आजीविका बढ़ाने और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पहली पीढ़ी के उद्यमियों की मदद की है।

डॉ. कलिता ने कहा कि सीएसआईआर-एनआईईएसटी पूरे दिल से सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संस्थान विज्ञान प्रेरणा कार्यक्रम, जिज्ञासु कार्यक्रम और अन्य विस्तार गतिविधियों जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में छात्रों और आम जनता के बीच वैज्ञानिक मानसिकता विकसित करने में भरपूर योगदान कर रहा है। संस्थान ने हाल ही में देश के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए समर रिसर्च ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया और कोविड-19 महामारी के कठिन समय में देश भर में 16,000 से अधिक प्रतिभागियों के साथ शानदार भागीदारी की। उन्होंने आगामी आईआईएसएफ 2020 में भाग लेने के लिए समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों की अधिकतम भागीदारी का अनुरोध किया।

डॉ. शास्त्री और डॉ. मांडे ने केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के संदेश और शुभकामनाओं से अवगत कराया। विज्ञान भारती के राष्‍ट्रीय संचालन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे, भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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