मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
                
                
                
                
                
                
                    
                    
                        मत्स्य पालन पर भारत-श्रीलंका के संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक
                    
                    
                        
                    
                
                
                    Posted On:
                30 DEC 2020 7:52PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                
मत्स्य पालन पर भारत-श्रीलंका संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ. राजीव रंजन, सचिव, मत्स्य विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, तमिलनाडु सरकार, पुडुचेरी, भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।
वहीं दूसरी ओर श्रीलंका के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सुश्री आर.एम.आई. रथनायके, सचिव, मत्स्य मंत्रालय, श्रीलंका सरकार ने किया। श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में उनके विदेश मंत्रालय, मत्स्य विभाग और जलीय संसाधन, नौसेना, तटरक्षक बल और अटॉर्नी जनरल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी थे।
इस बैठक में मछुआरों और मछली पकड़ने की नौकाओं से संबंधित मुद्दों पर बात हुई जो कई वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय चर्चा के एजेंडे पर हैं। 26 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान "नियमित परामर्श और द्विपक्षीय माध्यमों से मछुआरों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की थी।
मत्स्य पालन मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय पक्ष श्रीलंकाई पक्ष के साथ रचनात्मक रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और मछुआरों और उनकी आजीविका से जुड़े सभी मुद्दों को मानवीय तरीके से संबोधित करने और बीते वक्त में बनी आपसी सहमति के अनुरूप है।
श्रीलंका की नौसेना द्वारा 40 मछुआरों और 6 नावों के बारे में जताई गई आशंका का उल्लेख करते हुए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अधिकारी ने श्रीलंकाई प्रतिनिधि से बात की और भरोसा दिलाया कि ऐसे वक्त में मछुआरों तक राजनयिक पहुंच और अन्य आवश्यक सहायता की सुविधा प्रदान की जाएगी। भारतीय पक्ष ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति द्वारा नवंबर 2019 में उनकी भारत की भारत यात्रा के दौरान प्रतिबद्धता के अनुरूप सभी मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जारी करने की आवश्यकता को भी दोहराया।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नौसेना और तटरक्षक बल के बीच गश्त, कोस्ट गार्ड्स और संबंधित परिचालन मामलों के बीच मौजूदा हॉटलाइन और समुद्री पर्यावरण के संरक्षण जैसे मुद्दों में आपसी सहयोग के साथ-साथ जेडब्ल्यूजी की पांचवीं बैठक के कार्यक्रम पर भी विचार-विमर्श किया। भारतीय पक्ष ने दोनों पक्षों के मत्स्य मंत्रियों की एक प्रारंभिक बैठक बुलाने के लिए श्रीलंका के पक्ष के साथ रचनात्मक भावना से काम करने के अपने दृढ़ निश्चय से अवगत कराया।
दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि कोविड -19 महामारी के चलते पाबंदियों के कारण जेडब्ल्यूजी को वर्चुअल माध्यम पर आयोजित किया जाए। साथ ही दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय तंत्र का उपयोग करने और मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए रचनात्मक रूप से काम करने की एकरूप इच्छा दिखाई।
मत्स्य पालन, भारत सरकार के सचिव ने नई प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और भारत सरकार की अन्य योजनाओं के साथ-साथ तमिलनाडु और पुडुचेरी की अन्य योजनाओं के तहत भारत द्वारा की जा रही पहलों को साझा किया और पालक खाड़ी में मछली पकड़ने के दबाव को कम करने और इसमें विविधता लाने की पहल की जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से पल्क बे क्षेत्र के मछुआरों द्वारा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने में विविधता लाने के लिए की गई पहल की भी जानकारी दी, जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की सुविधा, समुद्री शैवाल की खेती के माध्यम से वैकल्पिक आजीविका को बढ़ावा देने, समुद्री कृषि और जलीय कृषि गतिविधियों की किस्मों के लिए बनाई गई है।
याद रहे कि इस संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक 31 दिसंबर 2016 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। दूसरा संयुक्त कार्यदल 7 अप्रैल 2017 को कोलंबो में आयोजित किया गया था जबकि तीसरी बैठक 13 अक्टूबर 2017 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
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एसजी/एएम/पीकेडी/डीके-
 
                
                
                
                
                
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