जनजातीय कार्य मंत्रालय

गुजरात के केवडिया में संविधान दिवस समारोह पर ट्राइफेड जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों को प्रदर्शित कर रहा है

Posted On: 25 NOV 2020 6:10PM by PIB Delhi

जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (ट्राईफेड) गुजरात के केवडिया में आयोजित भव्य पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के 80वें संस्करण में संविधान दिवस (26 नवंबर) को मनाने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए लोकसभा टीम के साथ साझेदारी कर रही है। ट्राइफेड जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों को बड़े पैमाने पर प्रदर्शित कर रहा है। इस आयोजन का उद्घाटन राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा किया गया था और इसमें उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू सहित कई गणमान्य लोग शामिल हो रहे हैं।

इस आयोजन के हिस्से के रूप में ट्राइफेड कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा जो जनजातीय परंपराओं पर ध्यान आकर्षित करने के साथ साथ जनजातीय सशक्तीकरण के मसले को भी सबके समक्ष लाएगा. गुजरात में इस दो दिवसीय समारोह के आयोजकों के साथ आयोजन स्थल को आदिवासी रूपांकनों से सजाया गया है. यहां चार 44 फीट लंबे और तीन फीट चौड़े आदिवासी चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया है। इन चार रूपों के चित्रों पर काम करने के लिए आदिवासी कारीगरों को तैयार किया गया था। जीवंत नॉर्थ-ईस्ट की समृद्ध जनजातीय परंपराओं को उजागर करने के लिए कार्यक्रम स्थल के प्रवेश द्वार पर एक नागा झोपड़ी वाला स्थान बनाया गया है। समारोह स्थल के अंदरूनी हिस्सों को आकर्षक आदिवासी दीवार-झूलों और तोरणों से भी सजाया गया है।

प्रदर्शनी क्षेत्र पर मुख्य हॉल के समीप एक 'वन धन' की डेमो यूनिट को स्थापित किया गया है। राजस्थान से 'वन धन' केंद्रों द्वारा प्रबंधित यह डेमो यूनिट दिखाएगी कि प्राकृतिक उत्पाद जैसे आमले को कैसे संरक्षित करना है और अंतिम उत्पाद के रूप में पैक करना है. यह इकाई 'वन धन' केंद्रों में संसाधित विभिन्न जैविक, प्रतिरक्षा बढ़ाने, प्राकृतिक उत्पादों को भी यहां प्रदर्शित करेगी। इस कार्यक्रम के प्रतिनिधियों और उपस्थित लोगों को कई मनोरम जनजातीय व्यंजन भी परोसे जाएंगे और उन्हें देश भर के समृद्ध आदिवासी व्यंजनों से परिचित कराया जाएगा।

यहां शामिल हो रहे सभी लोगों को भारत के संविधान की प्रस्तावना को प्रदर्शित करने वाला बांस से बना स्मृति चिन्ह बिदाई उपहार स्मारिका के रूप में दिया जाएगा। एक आकर्षक टोकरी में सजाए गए और जूट बैग में पैक किए गए इस हैंपर में हस्तकला से बनी एक जैकेट, अशोक स्तम्भ का एक छोटा सा दस्तकारी संस्करण और रोग प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पाद जैसे शहद और काजू जैसी कई चीजें शामिल होंगी।

यह भागीदारी आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने और भारतीय समाज के इन वंचित वर्गों को सशक्त करने का ट्राईफेड का नवीनतम प्रयास है। महामारी के इस मुश्किल वक्त में 'गो वोकल फॉर लोकल' के मंत्र को अब ट्राइफेड और जनजातीय कार्य मंत्रालय इसे 'गो वोकल फॉर लोकल गो ट्राइबल' में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। मंत्रालय ने अपने इस कार्यक्रमों के अलावा जनजातीय लोगों की जीवन स्थिति में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण और राहत कार्य कर चुका है।

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