विधि एवं न्याय मंत्रालय
आभासी न्यायालय और ई-चालान परियोजना असम में शुरू; महाराष्ट्र को भी हाल ही में उसका दूसरा आभासी न्यायालय मिला
इसके साथ ही देश भर में 9 आभासी न्यायालयों में कामकाज शुरू हुआ 7 आभासी न्यायालयों द्वारा 30 लाख से अधिक मामलों को निबटाया गया; 10 लाख से अधिक मामलों में, 9 नवंबर तक 123 करोड़ रूपए से अधिक का ऑनलाइन जुर्माना वसूल किया गया
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20 NOV 2020 5:34PM by PIB Delhi
आभासी न्यायालय (यातायात) और ई-चालान परियोजना का हाल ही में (12 नवंबर, 2020) असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा उद्घाटन किया गया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के तत्वावधान में असम सरकार और असम पुलिस के सहयोग से गौहाटी उच्च न्यायालय की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समिति राज्य में इस परियोजना की शुरुआत कर रही है। महाराष्ट्र का दूसरा आभासी न्यायालय, जिसे “न्यायकौशल” कहा जाता है, का उद्घाटन हाल ही में 31 अक्टूबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री अरविन्द बोबडे और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी. वाई.चंद्रचूड़ द्वारा नागपुर में न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में किया गया।
ई-चालान समाधान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की एक पहल है, जबकि इसके सॉफ्टवेयर को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किया गया है। यह मैनुअल चालान की वर्तमान अवधारणा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से निर्मित डिजिटल चालान से बदल देगा।
आभासी न्यायालयभारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय केन्याय विभागके साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति की एक पहल है। आभासी न्यायालय एक ऑनलाइन न्यायालय है, जिसे आभासी न्यायधीश (जो एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक एल्गोरिथम है) द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है, जिसके अधिकार क्षेत्र को पूरे राज्य में बढ़ाया जा सकता है और काम के घंटे 24X7 हो सकते हैं। इस न्यायालय का ईंट और मोर्टार से निर्मित कोई भवन नहीं है। आभासी न्यायालयद्वारा किसी मुकदमे की सुनवाई में, न तो वादीन्यायालय में आएगा और न ही न्यायाधीश को किसी मामले में निर्णयदेने के लिए न्यायालयमें शारीरिक रूप से बैठना होगा।संवाद केवल इलेक्ट्रॉनिक तरीके होगा और सजा एवं आगे जुर्माने या मुआवजे का भुगतान भी ऑनलाइन होगा। इसमें केवल एकल प्रक्रिया की अनुमति है और कोई तर्क नहीं हो सकता है। इससे आरोपी द्वारा अपराध को शीघ्र कबूलना या इलेक्ट्रॉनिक रूप में सम्मन प्राप्त होने पर प्रतिवादी द्वारा हित का शीघ्र अनुपालन संभव हो सकता है। जुर्माने का भुगतान हो जाने पर, ऐसे मामलों को निपटाया हुआ माना जा सकता है। नागरिकों को न तो अदालतों में लाइनों में इंतजार करना पड़ेगा और न ही ट्रैफिक पुलिस वाले से भिड़ना पड़ेगा। यह नागरिकों के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा। यह यातायात पुलिस विभाग में अधिक जवाबदेही और निम्न भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा, जिससे लोगों का जीवन बेहतर होगा। आभासी न्यायालयके कारण असम में 10 न्यायाधीशों का काम केवल एकल न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा औरइस प्रकार, 9 न्यायाधीशों को न्यायिक कार्य करने मेंलगाया जाएगा।
एक आभासी न्यायालयका उद्घाटन 26 जुलाई 2019 को दिल्ली में और 17 अगस्त 2019 को हरियाणा में शुरू में ट्रैफिक चालान मामलों की सुनवाई के लिए किया गया था। वर्तमान में भारत में 9 आभासी न्यायालय कार्यरत हैं- दिल्ली (2 न्यायालय), हरियाणा (फरीदाबाद), महाराष्ट्र (पुणे), मद्रास, कर्नाटक (बेंगलुरु), महाराष्ट्र (नागपुर), केरल (कोच्चि) और असम (गौहाटी)। ये सभी न्यायालयकेवल ट्रैफ़िक चालान मामलों को निपटा रहे हैं। 7 आभासी न्यायालयों द्वारा 30 लाख से अधिक मामलों को निबटाया गया है और 10 लाख से अधिक मामलों में हाल तक में 123 करोड़ रुपये से अधिक का ऑनलाइन जुर्माना वसूला गया है। वास्तव में, दिल्ली की एक एकल अदालत ने ऑनलाइन जुर्माने के रूप में 115 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र की है।
आभासी न्यायालयों में दायर मामलों की स्थिति (9 नवंबर, 2020 तक):
राज्य
|
चालान प्राप्त
|
कार्यवाही की गई
|
चालान जिनमें जुर्माना दिया गया
|
जुर्माना एकत्र
|
contested
|
दिल्ली
|
1,363,516
|
1,342,001
|
907,206
|
1,115,201,287
|
58,440
|
दिल्ली एनबीटी
|
1,726,155
|
1,670,402
|
150,057
|
107,747,802
|
5,065
|
हरियाणा
|
7,157
|
1,553
|
124
|
109,001
|
10
|
महाराष्ट्र (पुणे यातायात विभाग)
|
4,811
|
4,790
|
324
|
64,801
|
11
|
तमिलनाडु
|
35,777
|
34,915
|
3,052
|
13,495,440
|
162
|
केरल
|
1,648
|
1,027
|
118
|
184,501
|
4
|
कर्नाटक
|
6612
|
6,569
|
3,731
|
992,640
|
75
|
कुल संख्या
|
3,145,676
|
3,061,257
|
1,064,612
|
1,237,795,472
|
63,767
|
*असम एंड नागपुर के आभासी न्यायालय हाल ही में शुरू किये गये हैं, इसलिए इन न्यायालयों में मामलों की स्थिति अब तक उपलब्ध नहीं है।
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एमजी/एएम/आर/एसएस
(Release ID: 1674603)
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