जल शक्ति मंत्रालय

जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने में स्थानीय प्रशासन की सहायता करने के लिए एक बहु-विषयक केंद्रीय टीम केन्द्र शासित प्रदेश लेह पहुंची

Posted On: 04 NOV 2020 5:03PM by PIB Delhi

  

सुदूर क्षेत्रों, विकास की आकांक्षा वाले जिलों, सीमावर्ती क्षेत्रों आदि में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की ओर केंद्र सरकार के ध्यान केन्द्रित करने के साथ, जल जीवन मिशन (जेजेएम) लद्दाख जैसे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पीने का सुरक्षित पानी की बुनियादी सुविधा को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों की वर्ष 2022 तक, जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायेगा, ग्रामीण इलाके के हर घर में पानी के नल का कनेक्शन प्रदान करने की योजना है। केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासन की मदद करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की एक बहु-विषयक टीम, जिसमें मंत्रालय के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल थे, ने लद्दाख का दौरा किया और केन्द्र शासित प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में तेजी लाने में मदद की।

इस टीम ने 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्टोक गांव का दौरा किया और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ सरपंच, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) के सदस्यों सहित स्थानीय समुदाय के साथ बातचीत की। टीम ने लोगों के घरों में नियमित और लंबे समय तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने, प्रबंधित करने, संचालित करने और उसे टिकाऊ बनाए रखने के उद्देश्य से स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा हैंड पंप का इस्तेमाल करने की क्षमता का आकलन किया।

लद्दाख की उप-शून्य वायुमंडलीय स्थिति के साथ-साथ सिर्फ 5-6 महीने के कामकाजी मौसम के कारण यहां के दुर्गम इलाकों में पानी के नल के घरेलू कनेक्शन का प्रावधान करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस मिशन का यह प्रयास है कि उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए उप-शून्य तापमान के दौरान यहां के घरों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इसमें कम खर्चीले परिचालन एवं रखरखाव के साथ कम लागत वाले गुरुत्वाकर्षण आधारित जलापूर्ति प्रणालियों के निर्माण पर जोर दिया गया है। तापमान में बेहद कमी होने के कारण पानी को जमने और उसकी वजह से पाइप को फटने से बचाने के लिए पाइपलाइनों को भूमिगत रूप से बिछाने की जरुरत है। बर्फबारी के दौरान भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिहाज से केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासन को पानी की धाराओं के साथ–साथ भूजल, दोनों, पर भरोसा करते हुए पानी के बेहतर सदुपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।  

सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट से पानी के नमूने का संग्रह

यह मिशन हर घर में पीने योग्य पानी की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। नाममात्र के शुल्क पर लोगों के पानी के नमूनों के परीक्षण के लिए जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को आम जनता के लिए खोला जा रहा है। ग्राम पंचायत / वीडब्ल्यूएससी / पानी समिति को किट का उपयोग करके पानी का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है और संबंधित आंकड़ों को तत्काल प्रभाव से अपलोड किया जाता है। यह कदम पानी की पीने योग्य क्षमता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। इस प्रकार, इन प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने और उन्हें आम जनता के लिए खोले जाने से नल के जरिए आपूर्ति की गई पानी की पीने योग्य क्षमता का पता लगाने में मदद मिलेगी। यह मिशन स्थानीय समुदायों को किटों की आपूर्ति सुनिश्चित करता है। प्रत्येक गांव में कम से कम पांच व्यक्तियों, खासकर आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसी महिलाओं, स्कूल शिक्षक, वीडब्ल्यूएससी / पाणि समिति सदस्य आदि की पहचान कर उन्हें फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि गांवों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी का स्थानीय स्तर पर परीक्षण किया जा सके। इसके पीछे का उद्देश्य पीने के पानी की आपूर्ति की एक विश्वसनीय और भरोसेमंद व्यवस्था करना है।

लद्दाख का केन्द्र शासित प्रशासन फील्ड टेस्ट किट के उपयोग के बारे में ग्राम पंचायत और वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। एनजेजेएम टीम की यात्रा के दौरान, ग्राम समुदाय और पीएचईडी अधिकारियों को यह दिखाया गया कि कैसे पीएच, फ्लोराइड, लोहा, नाइट्रेट, फॉस्फेट, कठोरता, मैलापन, आदि जैसे पानी की गुणवत्ता के बुनियादी मापदंडों का परीक्षण किया जा सकता है।  

लेह के नेक गांव में एफटीके प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम की आत्मा गांव में जलापूर्ति योजना के संचालन और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सामुदायिक भागीदारी है। इसके तहत प्रत्येक गांव को एक इकाई के रूप में लिया जाता है और प्रत्येक गांव के लिए पांच वर्षों के लिए ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार की जाती है, जिसमें प्रत्येक समुदाय के लिए स्थानीय पेयजल स्रोतों को मजबूत करने; पानी का नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए गांव के भीतर पानी की आपूर्ति संबंधी आधारभूत संरचना;  मैले पानी का उपचार और उसका दोबारा उपयोग; और पानी की आपूर्ति प्रणालियों के संचालन और रखरखाव ताकि हर परिवार को पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके जैसे अनिवार्य घटकों के साथ स्थानीय समुदाय की भागीदारी होती है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का राष्ट्रीय जल जीवन मिशन हर साल घरेलू नल कनेक्शन की ‘कार्यक्षमता’ यानि गांव के प्रत्येक घर को आपूर्ति किए जाने वाले नियमित आधार पर पर्याप्त मात्रा में पानी और उसके लिए निर्धारित गुणवत्ता की मात्रा का मूल्यांकन करेगा। इसका तात्पर्य 'सेवा की आपूर्ति' पर ध्यान केन्द्रित करना है। इस वर्ष यह मूल्यांकन नवंबर-दिसंबर, 2020 के दौरान किया जाएगा। केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम, जल जीवन मिशन, राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक गांव के हर घर में पानी का नल कनेक्शन प्रदान करना है। इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर गांव / बस्ती में हर घर को एक चालू नल कनेक्शन मिले और 'कोई भी पीछे नहीं छूटे'।

 

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