रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

उचित मूल्य निर्धारण और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री गौड़ा और श्री मंडाविया ने आज 23वें स्थापना दिवस पर एनपीपीए को बधाई दी


श्री गौड़ा ने उचित मूल्य पर जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और सभी नागरिकों को किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली उपलब्ध कराने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के अनुरूप काम करने के लिए एनपीपीए की सराहना की

एनपीपीए ने कोविड-19 के दौरान दवाओं की कमी नहीं होने दी और लोगों की शिकायतों को कुशलता से हल किया: श्री गौड़ा

श्री मंडाविया ने प्रधानमंत्री के विज़न - स्वस्थ राष्ट्र के लिए अथक परिश्रम करने, आम लोगों को करोड़ों रुपए बचाने में मदद करने और डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढाने हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए एनपीपीए की प्रशंसा की

Posted On: 29 AUG 2020 4:23PM by PIB Delhi

 राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के स्थापना दिवस पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने “सभी नागरिकों को किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली उपलब्ध करने संबंधी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न के अनुरूप उचित मूल्य पर जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु अथक परिश्रम करने के लिए” एनपीपीए को बधाई दी। कोविड-19 महामारी के दौरान एनपीपीए द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में मंत्री ने कहा, “एनपीपीए ने कोविड-19 के दौरान दवाओं की कमी नहीं होने दी और सक्रिय नियंत्रण कक्ष के माध्यम से लोगों के शिकायतों को कुशलतापूर्वक हल किया। साथ ही, कोविड-19 के दौरान एनपीपीए द्वारा 120 से अधिक देशों को महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति करके उनकी जरूरतों को पूरा किया गया।

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केन्द्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने एनपीपीए द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा, "29 अगस्त भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इस दिन आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एनपीपीए की स्थापना हुई थी। एनपीपीए प्रधानमंत्री के स्वस्थ राष्ट्र के लक्ष्य के लिए अथक प्रयास कर रहा है और आम लोगों को करोड़ों रुपए बचाने में मदद कर रहा है।” एनपीपीए अपने कार्यों के निर्वहन के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रहा है।

डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढाने के लिए एनपीपीए द्वारा निम्न कार्य किये जा रहे हैं 

  1. दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए - “फार्मा सही दाम” एप

2. लोगों की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए फार्मा जन समाधान- जन शिकायत प्रणाली

3. फार्मा निर्माताओं से ऑनलाइन सूचना संग्रह के लिए – “फार्मा डेटा बैंक”।  

इस अवसर पर फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डॉ. पी.डी. वाघेला ने कहा कि एनपीपीए ने निगरानी करने और लोगों को जागरूक बनाने के लिए 13 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मूल्य निगरानी और अनुसंधान इकाइयां (पीएमआरयू) स्थापित की हैं। उन्होंने विशिष्ट मुद्दों पर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों / विभागों को महत्वपूर्ण इनपुट देने संबंधी एनपीपीए की भूमिका को रेखांकित किया, जो नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर एनपीपीए की चेयरपर्सन श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि एनपीपीए डीपीसीओ के दायरे में उपभोक्ताओं और फार्मास्युटिकल उद्योग के हितों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है। पिछले 23 वर्षों से एनपीपीए एनएलईएम ड्रग्स, घुटने के प्रत्यारोपण उपकरण, स्टेंट और हाल ही में कैंसर दवाओं के लिए कारोबार अंतर युक्तिकरण (टीएमआर) के माध्यम से किफायती स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करके स्वस्थ राष्ट्र के बड़े लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है। इससे देश भर के उपभोक्ताओं को पर्याप्त वार्षिक बचत हुई। विशेष रूप से, कोविड-19 महामारी के समय में, एनपीपीए ने अपने नियंत्रण कक्ष के माध्यम से नागरिकों, निर्माताओं और विपणण की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए 24x7 काम किया।

लॉकडाउन अवधि के दौरान, एनपीपीए ने कच्चे माल, पैकेजिंग सामग्री और श्रमिकों की अनुपलब्धता संबंधी आपूर्ति-श्रृंखला की बाधाओं का भी समाधान किया।

दवाओं के मूल्य निर्धारण और सस्ती कीमत पर दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए के लिए एनपीपीए की स्थापना 29 अगस्त, 1997 को एक स्वतंत्र नियामक के रूप में की गयी थी। नियामक, औषधि विभाग (डीओपी), रसायन और उर्वरक मंत्रालय के एक संलग्न कार्यालय के रूप कार्य करता है, जिसे भारत सरकार के प्रस्ताव के तहत गठित किया गया था। प्रस्ताव को भारत के राजपत्र में संख्या 159 दिनांक 29 अगस्त, 1997 द्वारा प्रकाशित किया गया था। एनपीपीए के कार्यों में अनुसूचित दवाओं की कीमतें का निर्धारण और संशोधन शामिल हैं। ड्रग (मूल्य नियंत्रण) आदेशों के तहत अनुसूचित दवाओं की कीमतें समय-समय पर जारी की जाती हैं। इसके साथ ही एनपीपीए गैर-अनुसूचित दवाओं सहित सभी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कीमतों की निगरानी, उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करती है।

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