श्रम और रोजगार मंत्रालय
                
                
                
                
                
                
                    
                    
                        कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- जुलाई 2020
                    
                    
                        
                    
                
                
                    Posted On:
                20 AUG 2020 2:59PM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                जुलाई, 2020 में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष: 1986-87 = 100) क्रमश: 3 और 4 अंक घटकर बढ़कर क्रमश: 1021 (एक हजार इक्कीस) और 1028 (एक हजार अट्ठाइस) के स्तर पर पहुंच गया। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में हुई बढ़ोत्तरी में मुख्य योगदान कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों का रहा, जो क्रमशः (+) 2.49 अंक और (+) 2.64 अंकों का रहा। मुख्यत: यह बढोत्तरी अरहर दाल, मसूर दाल, अखरोट का तेल, मांस बकरी, पोल्ट्री, सब्जियों और फलों आदि की कीमतों में वृद्धि की वजह से हुई।
सूचकांक में वृद्धि/गिरावट हर राज्य में भिन्न रही। कृषि श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 17 राज्यों में 1 से 15 अंकों तक की वृद्धि दर्शायी, जबकि इसने 3 राज्यों में 3 से 8 अंकों तक की कमी दर्ज की। तमिलनाडु राज्य 1216 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 786 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा।  
ग्रामीण श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 15 राज्यों में 1 से 14 अंकों तक की वृद्धि दर्शायी, जबकि इसने 4 राज्यों में 1 से 5 अंकों तक की कमी दर्ज की। वहीं, यह सूचकांक राजस्थान में स्थिर रहा। तमिलनाडु राज्य 1202 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 838 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा।
राज्यों के बीच, कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि मेघालय राज्य (15 अंक) में दर्ज की गई और ग्रामीण मजदूरों के लिए यह जम्मू- कश्मीर और मेघालय राज्यों (14 अंक) दर्ज की गई। इतनी वृद्धि का मुख्य कारण दूध, मांस बकरी, मछली सूखा, बीड़ी, सब्जियां और फल और बस किराया आदि की कीमतों में वृद्धि रहा। इसके विपरीत, कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम कमी त्रिपुरा राज्य (क्रमश:-8 अंक और -5 अंक) दर्ज की गई और इसका मुख्य कारण चावल, मांस बकरी, मछली ताजे / सूखे आदि की कीमतों में गिरावट रही।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) पर आधारित बिंदु दर बिंदु मुद्रास्फीति दर जून 2020 के 7.16 प्रतिशत और 7.00 प्रतिशत से घटकर जुलाई 2020 में क्रमश: 6.58 प्रतिशत और 6.53 प्रतिशत रह गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक के खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर जुलाई 2020 में क्रमशः (+) 7.83 प्रतिशत और (+) 7.89 प्रतिशत आंकी गई।

अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सामान्य और समूह-वार)
	
		
			| 
			 समूह 
			 | 
			
			 कृषि श्रमिक 
			 | 
			
			 ग्रामीण श्रमिक 
			 | 
		
		
			| 
			   
			 | 
			
			 जून, 2020 
			 | 
			
			 जुलाई, 2020 
			 | 
			
			 जुलाई, 2020 
			 | 
			
			 जुलाई, 2020 
			 | 
		
		
			| 
			 सामान्य सूचकांक 
			 | 
			
			 1018 
			 | 
			
			 1021 
			 | 
			
			 1024 
			 | 
			
			 1028 
			 | 
		
		
			| 
			 खाद्य पदार्थ 
			 | 
			
			 975 
			 | 
			
			 978 
			 | 
			
			 980 
			 | 
			
			 984 
			 | 
		
		
			| 
			 पान, सुपारी, इत्यादि 
			 | 
			
			 1674 
			 | 
			
			 1679 
			 | 
			
			 1686 
			 | 
			
			 1691 
			 | 
		
		
			| 
			 ईंधन और प्रकाश 
			 | 
			
			 1099 
			 | 
			
			 1099 
			 | 
			
			 1094 
			 | 
			
			 1094 
			 | 
		
		
			| 
			 वस्त्र, बिस्तर और फुटवियर 
			 | 
			
			 1004 
			 | 
			
			 1007 
			 | 
			
			 1026 
			 | 
			
			 1029 
			 | 
		
		
			| 
			 विविध  
			 | 
			
			 1025 
			 | 
			
			 1029 
			 | 
			
			 1030 
			 | 
			
			 1034 
			 | 
		
	

एमजी/एएम/केजे/डीसी
 
                
                
                
                
                
                (Release ID: 1649039)
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