विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

शेडस्मार्ट और रेडिएंट कूलिंग प्रौद्योगिकी इमारतों में ऊर्जा-कुशल शीतलन को बढ़ावा देती हैं

Posted On: 05 AUG 2020 1:08PM by PIB Delhi

भारतीय भवन क्षेत्र ने ऊर्जा कुशलता के महत्व को महसूस किया हुआ है लेकिन निर्माण उद्योग में इसे प्रभावी रूप से एकीकृत किया जाना अभी बाकी है। जलवायु वाले क्षेत्रों और भारत के अक्षांश में कमरों को ठंडा रखने वाले स्मार्ट, डायनेमिक छायादार उपकरण और एयर कंडीशनिंग के लिए कम ऊर्जा खाने वाली प्रौद्योगिकियां दरअसल अपने देश में ऊर्जा दक्षता की दिशा में प्रगति करने में मदद कर सकते हैं, जहां का एक बड़ा हिस्सा ऊंचे तापमान वाली परिस्थितियों का अनुभव करता है।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टीईआरआई) ने दक्षता और आराम के लिए आवास मॉडल परियोजना के अंतर्गत आवासीय और वाणिज्यिक भवनों में खिड़कियों के लिए बाहरी छाया का नवीन उपाय विकसित किया है। इस छाया प्रणाली को “शेडस्मार्ट” नाम दिया गया है। इसे एयर कंडीशनिंग और रोशनी के लिए कम बिजली की खपत के साथ घरों में अंदरूनी आराम प्राप्त करने के एक अभिनव और लागत प्रभावी समाधान के रूप में विकसित किया गया है।

बाहरी छाया के उपकरण आधुनिक इमारतों में आम नहीं हैं, जिन्हें ज्यादातर चमकीला रखा जाता है या पर्दे वाली दीवारों की इमारतों जैसे बनाया जाता है। वे आम तौर पर ऐसी स्थायी संरचनाएं होती हैं जो रखरखाव, घर से बाहर के नजारे देखने में बाधा और ग्राहक की आकांक्षाओं को पूरा न कर पाने वाले स्थापत्य जैसी चुनौतियों को प्रस्तुत करती हैं। इसके विपरीत शेडस्मार्ट सूर्य की स्थिति के आधार पर अपने विन्यास को बदलता है। उदाहरण के लिए, जब सूर्य पूर्व दिशा में होता है तो पूर्व दिशा की तरफ वाली खिड़कियों पर छाया हो जाती है। जब दोपहर में सूर्य दक्षिण दिशा की तरफ होता है तो पूर्व दिशा की तरफ शेडस्मार्ट का कनफिगरेशन बदल जाता है ताकि बिना बाधा के बाहरी नज़ारा और दिन की चिलचिलाहट मुक्त रोशनी प्रदान की जा सके।

आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के लिए डिजाइन का पैमाना गतिविधि और निवास के प्रतिरूपों में फर्क के कारण पर्याप्त रूप से भिन्न होता है, प्रत्येक डिजाइन एक खास पद्धति के माध्यम से पैदा की जाती है जो आराम और ऊर्जा दक्षता के उच्चतम मानक सुनिश्चित करती है। इन डिजाइनों में से प्रत्येक के प्रदर्शन को सॉफ्टवेयर सिमुलेशन के साथ-साथ परीक्षण मंचों पर रियल-टाइम क्षेत्र माप के माध्यम से जांचा गया है।

शेडस्मार्ट का व्यवसायीकरण किया जा रहा है और बाहरी खिड़कियों के बगल में छोटे थर्मल ज़ोन में एयर कंडीशनिंग की तुलना में शेडस्मार्ट को अधिक किफायती बनाने का प्रयास किया जा रहा है, खास तौर पर आवासीय क्षेत्र में। यह तकनीक इमारतों में अंदर कम गर्मी के साथ दिन का ज्यादा उजाला लाने में मदद करेगी, जो इमारत में रहने वालों के लिए ज्यादा आरामदायक और अधिक उत्पादक व स्वास्थ्यपूर्ण होगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई अलग तरह के छाया उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन चूंकि शेडस्मार्ट भारत में स्थानीय रूप से उत्पादित होता है इसलिए ये आर्थिक रूप से व्यवहार्य ऊर्जा-कुशल उपाय बन जाता है जिसे ऊर्जा दक्षता प्राप्त करने के लिए हर इमारत अपने में एकीकृत कर सकती है।

रेडिएंट कूलिंग को कोविड से सुरक्षित माना जाता है

दूसरी तकनीक रेडिएंट कूलिंग की है जिसमें शीतलता को आम संवहनी एयर कंडीशनिंग के बजाय रेडिएंट हीट ट्रांसफर के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। ये तकनीक कुशल है और गर्मी में आराम की अच्छी गुणवत्ता देती है। वर्तमान में रेडिएंट से ठंडी होने वाली मौजूदा इमारतों के ऊर्जा और आराम संबंधी ऑडिट, ऊर्जा सिमुलेशन और प्रदर्शन के लिए बनाए जाने वाले आवासों के निर्माण का काम किया जा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय भवन संहिता में रेडिएंट कूलिंग को एकीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

रेडिएंट से ठंडी होने वाली इमारतों में ऊर्जा-बचत (60-70 प्रतिशत) की संभावना बहुत ज्यादा है। भारत में रेडिएंट से ठंडी होने वाली इमारतों के लिए मानक प्रोटोकॉल और उनकी रेडिएंट कूलिंग वाली इमारतों के लिए अनुकूलक गर्मी संबंधी आराम मानक दरअसल यहां की जनता के लिए रेडिएंट कूलिंग तकनीक अपनाने को सुविधाजनक बनाएंगे।

 

चित्र 1 : रेडिएंट कूलिंग वाली इमारतों के कम्फर्ट ऑडिट के दौरान थर्मल मानकों को मापा जा रहा है

रेडिएंट कूलिंग वाली इमारतों में कम ऊर्जा वाली हाइब्रिड कूलिंग तकनीक और नियंत्रण तंत्र को इस उद्योग के भागीदारों के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है। सस्ती कीमत पर इस तरह की तकनीक की उपलब्धता आयातित उत्पादों पर हमारी निर्भरता को कम करने में मदद करेगी।

कोविड 2019 महामारी के कारण पारंपरिक एयर कूलिंग, जिसमें वापस आने वाली हवा का पुनः संचलन शामिल होता है, उसे संबंधित आवास में रहने वालों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जा रहा है। इस लिहाज से रेडिएंट कूलिंग जिसमें 100 फीसदी ताजी हवा की आपूर्ति होती है, उसके एयर-कंडीशनिंग उद्योग में लोकप्रियता और उच्च स्वीकृति दर प्राप्त करने की उम्मीद है। इसलिए रेडिएंट कूलिंग वाली इमारतों में अनुकूलक कम्फर्ट बैंड और ऑपरेटिंग मानक स्थापित करने से भवन निर्माण क्षेत्र को कम ऊर्जा की खपत में कूलिंग करने वाली तकनीक अपनाने में मदद मिल सकती है। पेटेंटेबिलिटी रिपोर्ट पर काम शुरू कर दिया गया है और शेडस्मार्ट के लिए पेटेंट दायर किया जा रहा है।

[अधिक जानकारी के लिए इनसे संपर्क किया जा सकता है : मिन्नी सास्त्री (9886572122, minnim@teri.res.in), विनी हाल्वे (9168669660, vini.halve@teri.res.in), कीर्ति साहू (9916459169, kiriti.sahoo@teri.res.in) , हर कुमार वर्मा एन. (8884409809, hara.varma@teri.res.in)]

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