पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय

डीएसटी सचिव ने भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी और विज्ञान में उद्योग जगत की भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया

Posted On: 06 AUG 2020 12:32PM by PIB Delhi

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भारत क्वांटम प्रौद्योगिकी सम्मलेन (आईक्यूटीसी 2020)के दौरान देश में क्वांटम प्रौद्योगिकी और विज्ञान में उद्योग जगत को साथ लाने के महत्व को रेखांकित किया। यह सम्मलेन एक वेबिनार के रूप में, "क्वांटम वर्चस्व" के लिए भारत के प्रयास विषय पर एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचेम) द्वारा आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा, "भविष्य क्वांटम और उद्योग 4.0 से सम्बंधित है, जिसमें संचार, कंप्यूटिंग, निर्णय लेने और इस पर कार्य करने के लिए साइबर और डिजिटल क्षेत्रों का समन्वय शामिल है, और इसमें भाग लेने की जरूरत है।"

क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में डीएसटी की पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रो आशुतोष शर्मा ने कहा, ''तीन साल पहले डीएसटी ने 'फ्रंटियर टेक्नोलॉजी' नाम से एक नया प्रभाग शुरू किया था, जिसने साइबर-भौतिकप्रणाली पर एक मिशन शुरू किया है। इस मिशन ने पूरे भारत में लगभग 21 हब और 4 रिसर्च पार्क स्थापित किए हैं, जो क्वांटम टेक्नोलॉजी मिशन की संरचना और प्रक्रियाओं के लिए आधार बनेंगे और उद्योग को सशक्त बनाएंगे।

 

उन्होंने कहा, “प्रत्येक हब एक समग्र संस्थान है, जिसमेंबुनियादी अनुसंधान, मानव संसाधन निर्माण और विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण शामिल है, ताकि संस्थानसे जुड़े इनक्यूबेटरों के साथ ज्ञान को साझा किया जा सके।इस प्रकार यह मॉडल ज्ञान निर्माण से लेकर इसके उपयोग तक की संपूर्ण ज्ञान श्रृंखला को पूरा करता है।

प्रोफेसर शर्मा ने कहा, “क्वांटम टेक्नोलॉजी (क्यूटी) के लिए, भारत सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के एक और महत्वाकांक्षी मिशन,राष्ट्रीय क्वांटम टेक्नोलॉजी मिशन की शुरुआत की है। डीएसटी ने क्यूटी के क्षेत्र में काम करने वाले भारत के सभी लोगों और समूहों की मैपिंग की है और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्हें साथ लाया गया है।

उन्होंने कहा, "डीएसटी के ये दोनों मिशन, ज्ञान के निर्माण तथा प्रोटोटाइप डिजाइन के लिए ज्ञान के उपयोग के मामले में आत्मनिर्भर हैंऔर यह पारिस्थितिकी तंत्र भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के सन्दर्भ मेंआत्मनिर्भर भारत' का हिस्सा है।

वेबिनार मेंभारत में क्वांटम कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी अनुकूलनसे सम्बंधित तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहां प्रतिभागियों ने भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए भविष्य की रणनीतियों और रोडमैप पर चर्चा की।

वेबिनार के प्रमुख प्रतिभागियों में एसोचैम के महासचिव श्री दीपक सूद;आईबीएमके वरिष्ठ क्वांटम राजदूत डॉशेषा शाई रघुनाथन;माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अधिकारी डॉ रोहिणी श्रीवत्स;नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के सेंटर फॉर क्वांटम टेक्नोलॉजीज के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर प्रो मानस मुखर्जी; आईटीऔर ई-कॉमर्स पर एसोचैम के राष्ट्रीय परिषदकी चेयरमैन डॉलवनीश चन्ना; एक्सेंचर के एमडीश्री आदित्य चौधरी; सीडीएसी के महानिदेशकडॉ हेमंत दरबारी तथा हनीवेल क्वांटम सॉल्यूशंस, यूएसए के क्वांटम मार्केटिंग मैनेजरडॉ फिलिप मकोतिनशामिल थे।वेबिनार में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र, उद्योग जगत और शिक्षा जगत के देश- विदेशकी प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। भारत क्वांटम टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव ने ऐसे समय में प्रासंगिक समाधानों पर ध्यान दिया जब पूरी दुनिया कोविड का मुकाबला कर रही है, और प्रौद्योगिकी ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

 

 

एमजी / एएम / जेके


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