संस्‍कृति मंत्रालय

गायब होने से पहले धूमकेतु की झलक देखें

Posted On: 22 JUL 2020 5:11PM by PIB Delhi

यह कई वर्षों के बाद यह हो रहा है कि आप रात में आकाश में अपनी खुली आंखों से धूमकेतु को देख पा रहे हैं। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है जो कई वर्षों बाद होती है।

नेहरू विज्ञान केंद्र ने अपनी लॉकडाउन व्याख्यानमाला में धूमकेतु से संबंधित अन्वेषण पहलुओं पर चर्चा करने के लिए कॉमेट नियोवाइज- ए प्राइमरका आयोजन किया। नेहरू तारामंडल, नई दिल्ली की निदेशक डॉ. एन रत्नाश्री ने धूमकेतु को आकाश में उनकी स्थिति और कैसे एक दूरबीन, डीएसएलआऱ कैमरा या खुली आंखों से देख सकते हैं, के बारे में समझाया।

कॉमेट नियोवाइज को आधिकारिक तौर पर सी/2020एफ3 के रूप में जानते हैं। 2020एफ3 सबसे चमकदार धूमकेतु है जिसे आकाश में देखा जा सकता है। अभी यह दुनिया भर में दिखाई देगा क्योंकि यह इन दिनों पृथ्वी के सबसे करीब है। नियोवाइज एक बार गायब होता है तो 6800 वर्षों के बाद दिखाई देगा।

कॉमेट नियोवाइज को पहली बार नासा के अंतरिक्ष यान मिशन नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (नियोवाइज) द्वारा 27 मार्च 2020 को देखा गया था और इसलिए इसका नाम नियोवाइज कहा जाता है।

धूमकेतु बर्फीला और आकार में छोटा होता है जिसमें अधिकतर चट्टानी पदार्थ, धूल और बर्फ होते हैं। जैसे ही वे सूर्य के करीब आते हैं, इन धूमकेतुओं से वाष्पशील पदार्थों का वाष्पीकरण होता है। जब वे पिघलने लगते हैं, तो परावर्तित सूर्य के प्रकाश से कण चमकने लगते हैं।

डॉ. एन रत्नश्री ने बताया, ‘जुलाई के शुरुआती दिनों में नियोवाइज धूमकेतु सूरज के करीब पहुंच जाता है, जो नासा के सौर मिशन एसओएचओ की नजर में आया है।  यह विशेष रूप से सूर्य और उसकी गतिविधियों का अध्ययन करता है। भारत में भी एक ऐसा ही अंतरिक्ष उपक्रम आदित्य-एल1 मिशन है जो सूर्य का अध्ययन करने के लिए आकाश में जाने वाला है।

उन्होंने जुलाई 2020 के दौरान खगोलविदों द्वारा अपने कैमरे में कैद की गई तस्वीरों को भी साझा किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धूमकेतु उन शहरों में कैसे दिखाई देता है जहां ज्यादा प्रदूषण है।

डॉ. रत्नाश्री ने अपने व्याख्यान के दौरान धूमकेतु को देखने के लिए और इसे डीएसएलआर कैमरे के माध्यम से कैप्चर करने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया, अपने कैमरे को उत्तर पश्चिम दिशा की ओर सेट करें और एक लंबा एक्सपोजर शॉट लेने की कोशिश करें। क्षितिज के संबंध में धूमकेतु के प्रक्षेपवक्र का पता लगाने के लिए एक ही कैमरा सेटिंग्स के साथ एक ही समय में अलग-अलग दिनों पर नियमित तस्वीरें क्लिक करने की कोशिश करें।

Description: https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/culture1_22july.jpg

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हालांकि धूमकेतु खुली आंखों से दिखता है लेकिन किसी किसी को आकाश में इसे खोजने में मुश्किल हो सकती है, विशेष रूप से जो पहली बार इसे खोजने का काम कर रहे हैं।

डॉ. रत्नाश्री ने बताया, धूमकेतु को देखने की कोशिश करने वालों को पहले सप्तऋषि यानी आकाश के सात सितारों को देखने की कोशिश करनी चाहिए। एक बार जब आप उन्हें देख लेते हैं तो उस हिस्से को खोजने का प्रयास करें जो पोलारिस की ओर इशारा कर रहा है। धूमकेतु पोलारिस या सप्त ऋषि के विपरीत दिशा में दिखाई देगा."

उन्होंने ऐसी वेबसाइटों के बारे में भी बताया जिनसे आकाशीय पिंडों का पता लगाने में मदद मिल सकती है। जो लोग आसमान में सितारों को देखना चाहते हैं या इस तरह की खगोलीय घटनाओं को देखने में रुचि रखते हैं वे https://calsky.com/ और https://darksitefinder.com/ पर जा कर सर्च कर सकते हैं। इसके अलावा https://mausam.imd.gov.in/ की मदद से बादलों की स्थिति को पहले जाना जा सकता है जो आकाश के स्पष्ट दृश्य में बाधा डालते हैं। हवा की स्थिति के बारे में जानना चाहिए क्योंकि हवा का रुख ही बादलों की स्थिति तय करते हैं।.

उन्होंने यह भी बताया कि इस धूमकेतु की एक झलक जल्द ही देखने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि वह सूर्य से दूर जा रहा है और दिन प्रति दिन यह धूमिल हो रहा है। यहां तक कि जब यह पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर है, तो सूर्य और धूमकेतु के बीच का कोण धीरे-धीरे बढ़ रहा है और इसलिए यह दूर हो जाएगा।

बता दें कि धूमकेतु को कम प्रकाश प्रदूषण वाले क्षेत्रों में आकाश में साफ तौर पर देखा जा सकता है और अंधेरा होने पर यह आकाश में पूरी तरह से साफ-साफ दिखाई देता है।

इस व्याख्यान का आयोजन सभी खगोलविदों, अंतरिक्ष उत्साही, सितारों में रुचि रखने वालों के लिए आयोजित किया गया।

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फोटोः 1. मलय पात्रा, 2. गौतम डेका, 3. कार्तिक जयशंकर

इस व्याख्यान को निम्न लिंक पर भी देखा सुना जा सकता है.

https://www.facebook.com/watch/?v=3222113797849519

https://www.facebook.com/watch/?v=2021723044631632

https://www.facebook.com/watch/?v=967790263692144

https://www.facebook.com/watch/?v=359188478400811

 

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