कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
स्किल इंडिया मिशन तथा विश्व युवा कौशल दिवस के पांच गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर डिजिटल कॉन्कलेव का आयोजन किया गया
स्किल इंडिया के पांच सार्थक वर्षों की यात्रा ने कौशल प्रशिक्षण का विस्तार एवं उद्यमशीलता भावना का अंतर्निवेशन देखा है
Posted On:
15 JUL 2020 5:43PM by PIB Delhi
स्किल इंडिया मिशन तथा विश्व युवा कौशल दिवस के पांच गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर आज एक डिजिटल कांकलेव का आयोजन किया गया।
कॉन्कलेव को दिए गए अपने संदेश में, प्रधानमंत्री ने तेजी से बदलते व्यवसाय, माहौल एवं बाजार स्थितियों में संगत बने रहने के लिए युवाओं को कौशल, पुनर्कौशल तथा अपस्किल के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस अवसर पर देश के युवाओं को बधाई दी तथा कहा कि यह दुनिया युवाओं की है क्योंकि उनमें हर वक्त नए कौशल सीखते रहने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया मिशन पांच वर्ष पहले आज ही के दिन लॉन्च किया गया था और इसने स्किलिंग, रिस्किलिंग तथा अपस्किलिंग के लिए एक विशाल अवसंरचना का सृजन किया है तथा स्थानीय एवं वैश्विक दोनों ही स्तरों पर रोजगार की सुविधा प्राप्त करने के लिए अवसरों को बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के संदेश को https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1638689 पर देखा जा सकता है।
इस अवसर पर, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि हमारे युवा देश के आर्थिक विकास एवं सामाजिक प्रगति की सबसे बड़ी परिसंपत्ति तथा एक महत्वपूर्ण ताकत हैं। हम उन्हें राष्ट्रीय तथा वैश्विक रूप से नई प्रौद्योगिकियों की सहायता के साथ उद्योग की मांगों को पूरा करने के उपयुक्त बनाते हुए विभिन्न कौशलों की विविधता को बढ़ाने पर अपनी ऊर्जा को केंद्रित करेंगे।
विद्युत, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार) तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री आर. के. सिंह ने भी डिजिटल स्किल्स कॉन्कलेव को संबोधित किया। इस अवसर पर, प्रशिक्षण महानिदेशालय ने दो क्षेत्रीय कार्यालय आरंभ किए जिनका ई-उद्घाटन किया गया। इनमें से एक केंद्र शासित प्रदेश लेह में था तथा दूसरा पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में। लेह के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री आर. के. माथुर ने लेह शाखा का उद्घाटन किया। कुछ राज्यों के कौशल विकास मंत्रियों ने भी वीडियो संदेश के जरिये डिजिटल स्किल्स कॉन्कलेव को संबोधित किया। इनमें गुजरात, कर्नाटक, असम, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के मंत्री शामिल थे।
उद्घाटन संबोधन एमएसडीई के सचिव श्री प्रवीण कुमार द्वारा दिया गया। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष श्री ए. एम. नाइक ने भी कॉन्कलेव को संबोधित किया। प्रशिक्षुओं के व्यापक नेटवर्क सहित प्रणाली के सभी हितधारकों ने कॉन्कलेव में भाग लिया। एक ऑडियो-विजुअल कोविड-19 के दौरान कौशल प्रशिक्षुओं द्वारा नवोन्मेषी समाधानों के बारे में प्रदर्शित किया गया जबकि दूसरा ऑडियो-विजुअल भी स्किल मैपिंग पर प्रदर्शित किया गया।
स्किल इंडिया मिशन के पांच वर्ष उल्लेखनीय रहे हैं और इसने कौशल विकास अवसंरचना तथा सुविधा केंद्रों के विस्तार तथा उद्यमशीलता भावना का अंतर्निवेशन और समर्थन सहित बड़ी संख्या में उपलब्धियों को देखा है।
स्किल इंडिया मिशन: कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय तथा कौशल निर्माण से जुड़े अन्य मंत्रालयों तथा विभागों के प्रयासों ने कुशल श्रमबल की मांग की पूर्ति के लिए प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल इंडिया मिशन में जुड़ते देखा है।
आईटीआई क्षमता में बढोतरी: आईटीआई परितंत्र के आकार में उल्लेखनीय बढोतरी रही है, पिछले पांच वर्षों के दौरान लगभग 5000 आईटीआई की स्थापना हुई है और संस्थानों की कुल संख्या 15,000 के करीब पहुंच गई है। पिछले पांच वर्षों के दौरान इन आईटीआई में नामांकित उम्मीदवार बढ़कर 27.56 लाख तक पहुंच गए हैं। आईटीआई की क्षमता बढ़कर 34.63 लाख हो गई है जो 2015 की तुलना में 85.5 प्रतिशत अधिक है। उद्योग परामर्शों के साथ अपग्रेड किए गए 63 कोर्स करीकुला, 35 नए विषयों के जरिये आईटीआई का उन्नयन किया गया है तथा 11 उद्योग 4.0 कोर्स आरंभ किए गए हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षण:
1. पीएमकेवीवाई के तहत, 250 से अधिक रोजगार भूमिकाओं में 37 सेक्टरों में अभी तक कुल 92 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है। पीएमकेवीवाई एमएसडीई के तहत एक प्रमुख योजना है।
2. कृषि क्षेत्र पर विशेष फोकस दिया गया और विशिष्ट फार्मिंग में 3.42 लाख को प्रशिक्षित किया गया। कुछ विशेष परियोजनाएं भी आरंभ की गईं जिसके तहत 5514 जेल बंदियों तथा 5549 दिग्भ्रमित युवाओं को दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया।
पीएमकेके: अल्पकालिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए, भारत के 704 जिलों में मॉडल कौशल केंद्र के रूप में 720 से ज्यादा प्रधानमंत्री कौशल केंद्र खोले गए हैं। ये आकांक्षा, गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने देश में कुशल कार्यबल के लिए क्षमता निर्माण करने, अंतरराष्ट्रीय मानकों पर संयुक्त रूप से काम करने और इन देशों में कुशल कार्यबल की मांग को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों के साथ उनकी आपूर्ति करने के लिए, सिंगापुर, यूएई, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कौशल विकास के लिए काम कर रहे समकक्षों के अधिकारियों से मुलाकात की।
प्रशिक्षुता कार्यक्रमों में भागीदारी में बढ़ोत्तरी: प्रशिक्षुता मध्यवर्तन के लिए की गई विभिन्न पहलों के कारण, वित्त वर्ष 18-19 की तुलना में प्रशिक्षुओं के नामांकन में 44 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी और प्रशिक्षुता प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले प्रतिष्ठानों में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीसी) के अंतर्गत कुल 8.61 लाख लोगों को संलग्न किया गया है, जिसमें लगभग 85,000 प्रतिष्ठानों द्वारा प्रशिक्षुओं को काम पर रखा गया है।
जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना: पिछले वित्तीय वर्ष में, जेएसएस योजना के अंतर्गत, कुल 4.10 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया जबकि 2018-19 के दौरान 1.67 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया था, छह महीने की अवधि में 2.5 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
ई-स्किल इंडिया प्लेटफॉर्म: प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित वातावरण में, भारतीय युवाओं के लिए कौशल के अवसरों तक पहुंच को मजबूती प्रदान करने में ई-लर्निंग निर्णायक भूमिका अदा करता है। एनएसडीसी ने भारतीय युवाओं को ई-कौशल का अवसर प्रदान करते हुए एक बहुभाषी ई-लर्निंग एग्रीगेटर पोर्टल ई-स्किल इंडिया बनाया है। ई-स्किल इंडिया, भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने की दिशा में एनएसडीसी की प्रतिबद्धता को साझा करने वाले प्रमुख ज्ञान संगठनों द्वारा क्यूरेट किए गए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को मजबूती प्रदान करके, ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने में भारतीय और वैश्विक अग्रणियों से कौशल के अवसरों का लाभ उठाता है। ई-स्किल इंडिया स्थान और समय की सीमाओं से उपर उठकर, कभी भी, कहीं भी कौशल प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम अंग्रेजी, हिंदी और 9 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध हैं। छात्रों को स्व-पुस्तक इंटरैक्टिव वीडियो और क्विज़ के माध्यम से निर्देशित किया जाता है। पोर्टल में 500 से ज्यादा पाठ्यक्रम शामिल हैं और लगभग 2.5 लाख छात्रों ने अपना पंजीकरण इस पर कराया हुआ है।
विजन रिपोर्ट 2025: एमएसडीई ने विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके अपनी विजन रिपोर्ट 2025 तैयार की है। विजन रिपोर्ट 2025 के मसौदे पर एमएसडीई के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित कई समीक्षा बैठकों में चर्चा की गई है, जिसमें मंत्रालय के विभिन्न अंगों के प्रमुख और संलग्न संगठन जैसे डीजीटी, एनएसडीए, एनएसडीसी और एनआईईएसबीयूडी एंड आईआईई शामिल हुए।
महिलाओं के लिए पहल:
8 मार्च 2020 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, आईआईएम बैंगलोर, कर्नाटक में एमएसडीई द्वारा महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप (एमजीएनएफ) प्रोग्राम नामक दो वर्षीय प्रोग्राम की शुरूआत की गई। इस फेलोशिप प्रोग्राम की अवधारणा वर्ल्ड बैंक लोन असिस्टेड स्किल एक्विजिशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन (संकल्प) प्रोग्राम के अंतर्गत की गई है। कुल चयनित 75 फैलो में से, 32 महिला हैं (कुल का 43 प्रतिशत)।
कोविड-19 के लिए पहल:
i. कोविड-19 के आलोक में रणनीति योजना बनाने के लिए गठित किए गए मंत्रालय के एक टास्क फोर्स ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट 16.04.2020 को प्रस्तुत की, जिसमें इस क्षेत्र के विकास के लिए तत्काल कदम उठाने, बाधाओं का सामना करने वाली नीतियों को पूरा करने के लिए रणनीतियां बनाने, कार्य की शुरूआत करने के लिए इस क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए व्यापार योजना तैयार करने, मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने और विश्व निर्यात में भारत की भागेदारी को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने के सुझाव दिए गए हैं।
ii. यद्यपि, मंत्रालय ने एनएसटीआई/ आईटीआई के सभी परिसरों को आइसोलेशन/ क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराया है, अब तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, कोरोना के आलोक में जिला प्राधिकारियों द्वारा 12 एनएसटीआई/ आईटीआई भवनों की मांग की गई है। इसी प्रकार, पीएमकेवीवाई प्रशिक्षण साझेदारों द्वारा भी अस्थायी अस्पताल सहित ऐसी सुविधाओं के लिए अपने परिसर उपलब्ध कराए गए हैं।
iii. एमएसडीई पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आने वाले संस्थान, मास्क और हैंड सैनिटाइजर के निर्माण में सक्रिय रहे हैं। जेएसएस के द्वारा अब तक जहां 30 लाख से ज्यादा मास्क बनाए गए हैं, वहीं आईटीआई ने 20 लाख से ज्यादा मास्क बनाए गए हैं, वहीं पीएमकेवीआई प्रशिक्षण साझेदारों ने 20 लाख मास्क बनाए हैं। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कुल 70 लाख मास्क बनाए गए हैं।
iv. आईटीआई और एनएसटीआईएस द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। इनमें आईटीआई कटक द्वारा डिजाइन और विकासित किए गए डिजाइन रोबोट (रोगियों को भोजन/ दवा देने के लिए) और टेली-प्रेजेंटेशन रोबोट (टेली-मॉनिटरिंग और टेलीमेडिसिन को सक्षम बनाने के लिए) शामिल हैं। आईटीआई बरहमपुर ने एक एयरोसोल बॉक्स तैयार किया है जो स्वास्थ्य प्रदाता के चेहरे की मजबूती से रक्षा करता है। एनएसटीआई ने एक एयरो ब्लास्टर विकसित किया है और इसे शहर की सफाई के लिए जिला प्रशासन को सौंपा गया है।
स्वदेश: कौशल विकास एवं उद्यमिता, नागरिक उड्डयन और विदेश मंत्रालयों की एक सहयोगात्मक पहल, स्वदेश (स्किल्ड वर्कर्स एराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट), वंदे भारत अभियान के अंतर्गत वापस लौटने वाले नागरिकों के लिए एक कौशल मानचित्रण अभ्यास है। स्वदेश का उद्देश्य, भारतीय और विदेशी कंपनियों की मांग पूरा करने और उनके कौशल का उपयोग करने के लिए, कौशल और अनुभव के आधार पर योग्य नागरिकों के लिए एक डाटाबेस तैयार करना है।
असीम: सूचना प्रवाह में सुधार लाने और बाजार में कुशल कार्यबल की मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए, एमएसडीई द्वारा हाल ही में कुशल लोगों के लिए आजीविका का स्थायी अवसर खोजने में सहायता प्रदान करने के लिए 'आत्मनिर्भर स्किल्ड एम्प्लॉई इम्प्लॉयर मैपिंग’ (असीम) पोर्टल की शुरूआत की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म की परिकल्पना, कार्यबल के कैरियर को मजबूती प्रदान करने के लिए की गई है, उद्योगों के लिए उन्हें प्रासंगिक कौशल प्रदान करने और उनकी यात्राओं के माध्यम से उभरते रोजगार के अवसरों का पता लगाने के लिए। पीएमकेवीवाई और शुल्क-आधारित पाठ्यक्रमों के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए 24 लाख उम्मीदवार असीम पर उपलब्ध हैं। इसमें प्रशिक्षण महानिदेशालय के अंतर्गत आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए 1.5 लाख उम्मीदवारों को भी जोड़ा गया है और नियोक्ताओं के लिए ‘स्वदेश’ (स्किल्ड वर्कर्स एराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट) के अंतर्गत डाटा उपलब्ध है। साथ ही, पीएमकेवीवाई 2.0 के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए सभी 1.2 करोड़ उम्मीदवारों के डेटा से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है।
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