सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

क्रय शक्ति समानताएं और भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार: 2017 अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम के परिणाम

Posted On: 23 JUN 2020 2:00PM by PIB Delhi

विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (आईसीपी) के तहत संदर्भ वर्ष 2017 के लिए नई क्रय शक्ति समानताएं (पीपीपी) जारी की हैं जो विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं में जीवन की लागत में अंतरों को समायोजित करती है। वैश्विक रूप 176 अर्थव्यवस्थाओं ने आईसीपी के 2017 चक्र में भाग लिया।

2.   अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम (आईसीपी) संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (यूएनएससी) के दिशानिर्देश के तहत दुनिया की सबसे बड़ी डाटा-संग्रह पहल है जिसका लक्ष्य क्रय शक्ति समानताओं (पीपीपी) की उत्पत्ति करना है जो सभी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तुलना किए जाने के लिए आर्थिक गतिविधियों के उपायों को रूपांतरित करने के लिए अहम हैं। पीपीपी के साथ-साथ, आईसीपी मूल्य स्तर सूचकांकों (पीएलआई) और जीडीपी व्यय के अन्य क्षेत्रीय तुलना योग्य समुच्चयों की भी उत्पत्ति करता है।

3.   भारत ने 1970 में इसकी शुरूआत से लगभग सभी आईसीपी दौरों में भाग लिया है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत के लिए राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजंसी (एनआईए) है जिसके पास राष्ट्रीय आईसीपी कार्यकलापों के योजना निर्माण, समन्वयन तथा कार्यान्वयन की जिम्मेदारी है। भारत को आईसीपी 2017 चक्र के लिए स्टैटिक्स आस्ट्रिया के साथ-साथ आईसीपी गवर्निंग बोर्ड का सह अध्यक्ष बनने का गौरव भी हासिल होता रहा है। 

विश्व व्यापी स्थिति

4.   सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्तर पर प्रति डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की क्रय शक्ति समानताएं (पीपीपी) 2017 में 20.65 है जो 2011 में 15.55 थी। भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के साथ विनिमय दर समान वर्ष की इसी अवधि के 46.67 के मुकाबले अब 65.12 है। इसके तदनुरूप बाजार विनिमय दर का पीपीपी का अनुपात-मूल्य स्तर सूचकांक (पीएलआई) का उपयोग भारत की अर्थव्यवस्था की कीमत के स्तरों की तुलना के लिए किया जाता है जो 2011 के 42.99 की तुलना में 2017 में 47.55 है।

5.   2017 में, भारत ने तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी वैश्विक स्थिति को बनाये रखा तथा इसे मजबूत बनाया, जो क्रमशः चीन (16.4 प्रतिशत) और अमेरिका (16.3 प्रतिशत) की तुलना में पीपीपी के लिहाज से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.7 प्रतिशत (वैश्विक रूप से कुल 119,547 बिलियन अमेरिकी डॉलर में से 8,051 बिलियन अमेरिकी डॉलर) था। भारत वैश्विक वास्तविक एकल उपभोग एवं वैश्विक सकल पूंजी निर्माण में अपने पीपीपी आधारित हिस्से के लिहाज से भी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

क्षेत्रीय स्थिति: एशिया-प्रशांत क्षेत्र

6.   2017 में, भारत ने विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी क्षेत्रीय स्थिति बनाये रखी जो पीपीपी के लिहाज से क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 20.83 प्रतिशत (एशिया प्रशांत के कुल 232,344 बिलियन हांगकांग डॉलर में से 48,395 हांगकांग डॉलर) था, जहां चीन का प्रतिशत 50.76 प्रतिशत (प्रथम) तथा इंडोनेशिया का 7.49 प्रतिशत (तृतीय) था। भारत क्षेत्रीय वास्तविक एकल उपभोग एवं क्षेत्रीय सकल पूंजी निर्माण में अपने पीपीपी आधारित हिस्से के लिहाज से भी दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

7.   एशिया प्रशांत क्षेत्र में 22 प्रतिभागी देशों के बीच सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर प्रति हांगकांग डॉलर भारतीय रुपये की क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) अब 2017 में 3.43 है जबकि 2011 में यह 2.97थी। भारतीय रुपये से हांगकांग डॉलर की विनिमय दर इसी अवधि की तुलना में 6.00 से बढ़कर अब 8.36 है। भारत का मूल्य स्तर सूचकांक (पीएलआई) 2011 के 71.00 की तुलना में अब 2017 में 64.00 है।

8.   आईसीपी 2017 के परिणाम आईसीपी वेबसाइट और विश्व बैंक के डाटाबैंक तथा डाटा कैटलॉग पर उपलब्ध हैं। पूर्व आईसीपी संदर्भ वर्ष, 2011 के संशोधित परिणाम तथा 2012-2016 की अवधि के लिए वार्षिक पीपीपी के अनुमान भी जारी कर दिए गए। अगली आईसीपी तुलना संदर्भ वर्ष 2021 के लिए की जाएगी।

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