पर्यटन मंत्रालय

पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत‘योगा एंड वैलनेस’- “चुनौतीपूर्ण समय के लिए एक पेशकश” शीर्षक से 33वें वेबिनार का आयोजन किया


वेबिनार में श्वसन स्वास्थ्य और संपूर्ण प्रतिरोधक क्षमताको सुधारनेमें सहयोगके एक महत्वपूर्ण साधन योग की मूल क्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया

Posted On: 20 JUN 2020 2:49PM by PIB Delhi

पर्यटन मंत्रालय ने19 जून 2020 को देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के 33वें सत्रका आयोजन किया। इस सत्र के अंतर्गतयोगा और वैलनेस- “चुनौतीपूर्ण समय के लिए एक पेशकश”शीर्षक के माध्यम सेश्वसन स्वास्थ्य और संपूर्ण प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में सहयोग के एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन- योग की मूल क्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।इस महामारी के दौरान होने वाले संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए योगके माध्यम से श्वसन स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता दोनोंका हीमजबूत होना आवश्यक हैं। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है।

19 जून, 2020 को देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के इस सत्र में तीन प्रसिद्ध योग गुरुओं-योग गुरु भरत ठाकुर, अंतर्राष्ट्रीय योग चिकित्सक और आध्यात्मिक गुरुडॉ. चिन्मय पंड्या औरदेव संस्कृति विश्व विद्यालय के सम-उपकुलपति और नाड़ी विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी द्वारा प्रस्तुतिदी गईं।प्रस्तुतकर्ताओं ने जानकारी दी कि किस प्रकार सेयोग के प्राचीन सिद्धांत हमें स्वस्थ, प्रसन्न और तनाव मुक्त जीवन जीने में सहायता कर सकते हैं।

डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने विश्व को योग की राजधानी के रुप में विख्यात ऋषिकेश से अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने आयुर्वेद में एक लोकप्रिय शब्द नाड़ी विद्या के विषय में चर्चा की। संस्कृत में नाड़ी का अर्थ है पाइप/ट्यूब लेकिन इसकीव्याख्या ऊर्जा के ऐसे चैनलों के रूप में की जा सकती है जो शरीर में जीवनप्रदायिनी शक्ति के रूप में उपस्थित प्राणके संचरण का कार्य करती हैंऔर संपूर्ण शरीर में यह जिन विशिष्ट बिंदुओं पर मिलती हैंउन्हें नाड़ीचक्र के रूप में जाना जाता है। हमारे शरीर में 72000 नाड़ियाँ होती हैं, लेकिन इनमें से 7 सबसे महत्वपूर्ण हैं और उनमें से 3 अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। तीन प्रमुख नाड़ियां रीढ़ के आधार से सिर तक चलती हैं, बाईं ओर इडा, मध्य में सुषुम्ना और दाईं ओर पिंगला है। नाड़ियाँ योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि कई ऐसे योगाभ्यासजैसे‘शतकर्म’,‘मुद्रा’और‘प्राणायाम’का उद्देश्य इन नाड़ियों को खोलना और इनमें आ रहे अवरोधों को हटाना है। नाड़ी विद्या के माध्यम सेशरीर सौष्ठव,  उचित मुद्रा और रक्तापूर्ति संभव है।

डॉ. चिन्मय पंड्या ने स्वामी विवेकानंद के मानव उत्कृष्टता पर दिए गए एक उद्धरण के माध्यम से अपने विचार रखते हुए कहाकि प्रत्येक आत्मा सशक्त रूप से दिव्य है। ब्रह्मांड में समस्त शक्ति पहले से ही हमारी हैं। यह हम हैं जो अपनी आंखों पर हाथ ऱखकर यह रूदन करते रहते है कियहाँ तो अंधेरा है।

उनके अनुसार योग व्यक्ति के लिए एक सकारात्मक दिशा और परिवर्तन का नाम है। जीवन का वास्तविक लक्ष्य आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक आत्मा की शुद्धि है। यह एक ही दिन में संभव नहीं है, परन्तु इसके लिए निरंतर अभ्यास, सतर्कता और ध्यान की आवश्यकता होती है। हमें जानना चाहिए: जीवन का उद्देश्य क्या है और हम इस धरती पर क्यों आए हैं। यहाँ विभिन्न रूपों में कई जीवन हैं, लेकिन केवल मानव रूप में, हम परम-अस्तित्व को महसूस कर सकते हैं, वह वास्तविक शक्ति जो इस पूरे ब्रह्मांड को नियंत्रित कर रही है।

योग गुरु भरत ठाकुर ने कहा कि योग एक प्राचीन विज्ञान है, जो 5,000वर्षों से अधिक प्राचीन है, इसे ऐसे योगियों द्वारा चिंतन के माध्यम से रचा गया था, जो जीवन और इससे परे क्या है इस उत्तर की खोज में हिमालय पर चले गए। वर्तमान में बहुत से लोग शारीरिक,मानसिक भावनात्मक और आध्यात्मिक समाधान की खोज कर रहे हैं और यह सबकुछ योग के माध्यम से संभव है क्योंकि इसकाअभ्यास- एक बालक से लेकर एक वरिष्ठ नागरिक तक- किसी के द्वारा भी किया जा सकता है।

योग की परिकल्पना में हमेशा से मानव का पूर्ण विकास किया जाना शामिल रहा है जो मानव को उसकी उच्चतम क्षमता के यर्थात स्वरूप की ओर अग्रसर करता है। इसलिए योग के माध्यम से फिटनेस, स्वास्थ्य और बेहतर शारीरिक स्थिति को और उन्नत बनाया जा सकता है।

वर्तमान महामारी से निपटने के लिए, श्री भरत ठाकुर ने कहा कि सूर्य नमस्कार और प्राणायाम शारीरिक सौष्ठव बनाने मेंसहायता करेगा और शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान केंद्रित करते हे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) के साथ मिलकर देखो अपना देशवेबिनार के आयोजन किए जाते हैं।

वेबिनार के सत्र अबhttps://www.youtube.com/channel/UCbzIbBmMvtvH7d6Zo_ZEHDA/featuredपर उपलब्ध हैं और यह पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट्स incredibleindia.org और tourism.gov.inके अलावा भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सभी सोशल मीडिया हैंडल पर भी उपलब्ध हैं।

पर्यटन मंत्रालय के देखो अपना देश का अगला संस्करण सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी के साथ वार्तालाप करेगा। 'भारत: एक सांस्कृतिक खजाना' शीर्षक से युक्त यह सत्र 20 जून 2020 को दोपहर 2 बजे से अपराह्न 3 बजे के लिए निर्धारित है। इस वार्तालाप का नेतृत्व केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल करेंगे और इसमे5 प्रसिद्ध पैनलिस्ट स्पाइसजेट के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री अजय सिंह; ओयो के श्री रितेश अग्रवाल; फैशन डिजाइनर सुश्री अनीता डोंगरे; जाने माने शेफ श्री रणवीर बराड़ औरमैरीट मार्केटिंग की उपाध्यक्ष सुश्री रंजू एलेक्स शामिल होंगे।

यह सत्र को अतुल्य भारत के सोशल मीडिया हैंडल्स facebook.com/incredibleindia/औरYoutube.com/incredibleindia पर लाइव दिखाया जाएगा।

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