श्रम और रोजगार मंत्रालय

कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक - मई, 2020

Posted On: 19 JUN 2020 5:07PM by PIB Delhi

श्रम ब्यूरो हर माह 20 राज्यों में फैले 600 सैंपल गांवों से एकत्र किए गए मूल्य संबंधी डेटा के आधार पर कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन करता रहा है। निर्दिष्ट आउटलेट्स या विक्रय केंद्रों पर व्यक्तिगत रूप से जाकर ये आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। हालांकि, कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए किए गए रोकथाम संबंधी उपायों को ध्‍यान में रखते हुए फील्ड स्टाफ की व्यक्तिगत यात्रा पर 19 मार्च 2020 से अस्‍थायी रोक लगा दी गई और इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से मूल्‍य संबंधी आंकड़े एकत्र किए गए। मई 2020 में 433 गांवों से मूल्य संबंधी डेटा प्राप्त किया गया, जो यथासंभव व्यक्तिगत यात्राओं और टेलीफोन कॉल के माध्यम से एकत्र किया गया।

मई, 2020 में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष: 1986-87 = 100) क्रमश: 5 अंक और 6 अंक बढ़कर क्रमश: 1019 एवं 1025 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में हुई वृद्धि में मुख्‍य योगदान खाद्य पदार्थों का रहा, जो क्रमशः (+) 4.44 अंकों और (+) 4.70 अंकों का रहा। यह वृद्धि चावल, अरहर दाल, मसूर दाल, मूंगफली के तेल, बकरे के मांस, पोल्ट्री, सब्जियों और फलों, इत्‍यादि की कीमतें बढ़ने की वजह से हुई।  

सूचकांक में वृद्धि/गिरावट हर राज्‍य में भिन्‍न रही। कृषि श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 14 राज्यों में 2 से 19 अंकों तक की वृद्धि दशाई, जबकि इसने 5 राज्यों में 1 से 7 अंकों तक की कमी दर्ज की। वहीं, यह सूचकांक राजस्थान राज्य में स्थिर रहा। तमिलनाडु राज्य 1208 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 788 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा।  

ग्रामीण श्रमिकों के मामले में सूचकांक ने 15 राज्यों में 1 से 18 अंकों तक की वृद्धि दर्शाई, जबकि इसने 5 राज्यों में 1 से 7 अंकों तक की कमी दर्ज की। तमिलनाडु राज्य 1194 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि हिमाचल प्रदेश 838 अंकों के साथ इस तालिका में सबसे नीचे रहा।

जहां तक राज्यों का सवाल है, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सर्वाधिक वृद्धि कर्नाटक राज्य (क्रमशः 19 अंक और 18 अंक) में दर्ज की गई। इतनी वृद्धि मुख्यत: चावल, ज्वार, रागी, बकरे के मांस, पोल्ट्री, सब्जियों एवं फलों, बीड़ी, इत्‍यादि की कीमतें बढ़ने के कारण दर्ज की गई। इसके विपरीत, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सर्वाधिक कमी बिहार राज्य (प्रत्येक -7 अंक) में दर्ज की गई। इस हद तक कमी मुख्यत: मक्का, प्याज, फलों और सब्जियों, इत्‍यादि की कीमतें घटने से ही संभव हो पाई।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक (सीपीआई-एएल) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक (सीपीआई-आरएल) पर आधारित बिंदु दर बिंदु मुद्रास्फीति दर अप्रैल 2020 के क्रमशः 8.80% और 8.52% से घटकर मई 2020 में क्रमश: 8.40% और 8.12% रह गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण श्रमिक के खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर मई 2020 में क्रमशः (+) 10.40% और (+) 10.21% आंकी गई।

 

अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सामान्य और समूह-वार)

 

समूह

कृषि श्रमिक

ग्रामीण श्रमिक

 

अप्रैल, 2020

मई, 2020

अप्रैल, 2020

मई, 2020

सामान्य सूचकांक

1014

1019

1019

1025

खाद्य पदार्थ

971

977

975

982

 पान, सुपारी, इत्यादि

1654

1665

1666

1678

ईंधन और प्रकाश

1104

1105

1099

1099

वस्त्र, बिस्तर और फुटवियर

1003

1003

1022

1022

 विविध  

1019

1020

1024

1025

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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