पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय

मुंबई जल्द ही बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होगा, इससे लोगों के जीवन और संपत्ति के रक्षा करने में मदद मिलेगी


मुंबई के लिए अत्याधुनिक बाढ़ चेतावनी प्रणाली का शुभारंभ हुआ

Posted On: 12 JUN 2020 2:09PM by PIB Delhi
  • बाढ़ का अनुमान वार्ड स्तर पर 3 दिन पहले लगाया जा सकेगा
  • निर्णय समर्थन प्रणाली, जोखिम आकलन के आधार पर स्मार्ट निर्णय लेने और क्षेत्र स्तर पर कार्रवाई करने में सक्षम बनायेगी
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयद्वारा विकसित अत्याधुनिक बाढ़ चेतावनी प्रणाली मुंबई-वासियों के लिए एक उपहार है: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
  • डॉ हर्षवर्धनने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा, विज्ञान के मामले में हम,पूरी दुनिया में किसी से कम नहीं हैं

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुंबई के लिए अत्याधुनिक एकीकृत बाढ़ चेतावनी प्रणाली, “आईफ्लोज-मुंबईका शुभारम्भ किया।

यह प्रणाली, विशेष रूप से भारी वर्षा और चक्रवातों के दौरान बाढ़ के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करके, महानगर को बढ़ का सामना करने में मदद करेगी। इसके उपयोग से3 दिन पहले बाढ़ का अनुमान लगाना संभव होगा। इसके साथ ही 3 घंटे - 6 घंटे के नाउकास्ट (तत्काल मौसम अपडेट) देना भी संभव होगा।लोगों को निचले इलाकों से खाली करानेके लिए भी यह बहुत उपयोगी सिद्ध होगाक्योंकि 12 घंटे पहले ही अनुमान लगाया जा सकेगा कि किसी विशेष स्थान पर बाढ़ आ सकती है। प्रणाली प्रत्येक क्षेत्र-विशेष में वर्षा का पूर्वानुमान लगाने में भी सक्षम है।

 

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वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने विशेष संबोधन में, केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयके वैज्ञानिकों को बधाई दी, जिन्होंने बाढ़ की चेतावनी प्रणाली विकसित की है। उन्होंने कहा, हम विज्ञान के मामले में पूरी दुनिया में किसी से कम नहीं हैं । मुंबई में बाढ़, विशेष रूप से 2005 और 2017 में आयी बाढ़ सभीको याद है। अत्याधुनिक बाढ़ चेतावनी प्रणाली मुंबई-वासियों को व्यापक स्तर पर मदद करेगी। इसी तरह की एक प्रणाली एमओईएस द्वारा पहले विकसित की गई थी और यह चेन्नई में परिचालन में है।"

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डॉ हर्षवर्धन ने आगे कहा कि एमओईएस वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में सुनामी के लिए सबसे अच्छी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित की है और इस मामले में कभी भी खतरे की गलत सूचना नहीं दी गयी है। इस सेवा का हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के लिए भी विस्तार किया गया है, जो इससे अत्यधिक लाभान्वित हो रहे हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि एमओईएस द्वारा विकसित अत्याधुनिक बाढ़ चेतावनी प्रणाली मुंबई के लोगों के लिए एक उपहार है। स्वास्थ्य आपदा के साथ-साथ हाल ही में निसर्ग चक्रवात के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि रक्त प्रबंधन और बाढ़ प्रबंधन (ब्लड और फ्लड) दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में चक्रवात निसर्ग और मानसून की सटीक भविष्यवाणी के लिए एमओईएस और आईएमडी के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईएमडी द्वारा की गयी चक्रवात निसर्ग की प्रारंभिक भविष्यवाणी ने राज्य को बड़ी आपदा और जानमाल के नुकसान से बचाने में राज्य सरकार की मदद की।

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इस अवसर पर, एमओईएस के सचिव डॉ एम राजीवन ने बताया कि मुंबई के लिए 160 से अधिक प्रेक्षण केन्द्रों और 4 और रडार (जिनका उपयोग अगले मानसून के मौसम में किया जाना है) हम 500 मीटर औरहरेक 15 मिनट की सटीकता के साथ वर्षा का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होंगे। बाढ़ की चेतावनी प्रणाली के बारे में उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि हम समय पर आईफ्लोज-मुंबईपरियोजना को पूरा कर सके।"

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मुंबई के नगर आयुक्त श्री इकबाल सिंह चहल ने कहा, आईफ्लोज-मुंबईदेश के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल हो सकता है। उन्होंने एमओईएस के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, मुंबई में मानसून की शुरुआत से बहुत पहले इसे लॉन्च किया जा रहा है।

इस अवसर पर, मुंबई बाढ़ चेतावनी प्रणाली पर आधारित वीडियो दिखाया गया और प्रणाली का एक डिजिटल ब्रोशर भी जारी किया गया।

आईएमडी, मुंबई के डीडीजीएम श्री के एस होसलिकरभी लॉन्च कार्यक्रम में उपस्थित थे।

पूर्वानुमान प्रणाली कैसे काम करती है

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने ग्रेटर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के साथ मिलकर अपनी इन-हाउस विशेषज्ञता का उपयोग करके इस परिष्कृत प्रणाली को विकसित किया है। प्रणाली, वर्षा माप डेटा और स्थानीय डेटा जैसे भूमि उपयोग, स्थलाकृति, जल निकासी प्रणाली, शहर में जल निकायों, ज्वार-स्तर, बुनियादी ढांचे और आबादी का उपयोग करती है, जिन्हें बीएमसी द्वारा उपलब्ध कराया गया है। भविष्यवाणी प्रणाली इनपुट के रूप में इनका उपयोग करेगी और मौसम, वर्षा, जल प्रवाह, ज्वार और तूफान के प्रभाव के मॉडलके आधार पर नगर के लिए प्रारंभिक चेतावनी उपलब्ध करायेगी। इससे  वर्षा, नदी में बाढ़, तूफान के बढ़ने, सड़कों, इमारतों व रेल लाइनों के कारण प्रवाह में रुकावट, उच्च ज्वार और समुद्र के जल-स्तर में वृद्धि के कारण जल-प्रवाह में अवरोध की समस्या का भी समाधान होगा।

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आईफ्लोज-मुंबईको एक मॉड्यूलर संरचना पर बनाया गया है और इसमें सात मॉड्यूल हैं। डेटा संग्रह मॉड्यूल आईएमडी मौसम पूर्वानुमान और मुंबई शहर में नदियों और झीलों की पानी की गहराई सहित कई डेटा एकत्र करता है। जल-प्लावन (इनड्यूडेशन) मॉड्यूल 3 दिन पहले बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने के लिए डेटा का उपयोग करेगा, जबकि बाढ़ (फ्लड) मॉड्यूल यह भविष्यवाणी करेगा कि बाढ़ के आसार वाले क्षेत्रों में पानी किस दिशा में प्रवाहित होगा ?संवेदनशीलता और जोखिम मॉड्यूल में निर्णय समर्थन प्रणाली शामिल है। बाढ़ के जोखिम के वैज्ञानिक और समग्र मूल्यांकन के आधार पर स्थिति का प्रबंधन करने के लिए यहप्रशासन को स्मार्ट निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा। प्रसार मॉड्यूल विभिन्न संचार चैनलों के माध्यम से क्षेत्र के अधिकारियों को जानकारी उपलब्ध कराएगा, जिससे वे क्षेत्र मेंत्वरित कार्रवाई करने में सक्षम होंगे।

यह कैसे हुआ?

मुंबई, महाराष्ट्र की राज्य की राजधानी, एक महानगर और भारत की वित्तीय राजधानी है। नगर को बाढ़ का सामना करना पड़ता है और इसकी आवृति भी बढ़ रही है। प्राकृतिक और स्टॉर्म जल निकासी व्यवस्था के बावजूद महानगर एक ठहराव की स्थिति में आ जाता है।ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) के आपदा प्रबंधन विभाग ने मुंबई हेतु  एकीकृत बाढ़ चेतावनी प्रणाली विकसित करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयसे संपर्क किया। चेन्नई के लिए पहले ही इस तरह की प्रणाली विकसित की गई थी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयने जुलाई 2019 में एमसीजीएम के आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय सेभारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडबल्यूएफ), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी (आईएमएम) और नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च (एनसीसीआर) की विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए बाढ़ चेतावनी प्रणाली के विकास की शुरुआत की।

 

एसजी / एएम / जेके


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