मंत्रिमण्डल
कैबिनेट ने संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना को मंजूरी दी
Posted On:
21 MAR 2020 4:28PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों (ईएमसी) के जरिए विश्वस्तरीय अवसंरचना के साथ-साथ साझा सुविधाओं को विकसित करना है। यह आशा की जा रही है कि इन ईएमसी से ईएसडीएम सेक्टर के साथ-साथ उदयमिता संबंधी परिवेश के विकास में मदद मिलेगी, नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और संबंधित क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। यह इस सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने और रोजगार अवसरों एवं टैक्स राजस्व में वृद्धि के जरिए संभव होगा।
संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों (ईएमसी) और साझा सुविधा केंद्रों दोनों की ही स्थापना में आवश्यक सहयोग मिलेगा। इस योजना को ध्यान में रखते हुए एक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) को विशिष्ट न्यूनतम दायरे वाले निकटवर्ती भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। इसके तहत बुनियादी अवसंरचना, विशिष्ट सुविधाओं और ईएसडीएम इकाइयों के लिए अन्य साझा सुविधाओं के विकास पर फोकस किया जाता है। साझा सुविधा केंद्र (सीएफसी) के लिए संबंधित क्षेत्र में बड़ी संख्या में मौजूदा ईएसडीएम इकाइयां अवस्थित होनी चाहिए और इसके तहत साझा तकनीकी अवसंरचना को उन्नत करने एवं इस तरह के ईएमसी, औद्योगिक क्षेत्रों/पार्कों/औद्योगिक कॉरिडोर में ईएसडीएम इकाइयों के लिए साझा सुविधाएं मुहैया कराने पर फोकस किया जाता है।
वित्तीय निहितार्थ
प्रस्तावित ईएमसी 2.0 योजना का कुल परिव्यय 3762.25 करोड़ रुपये है जिसमें 3,725 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता और आठ वर्षों की अवधि के दौरान 37.25 करोड़ रुपये का प्रशासनिक एवं प्रबंधन संबंधी व्यय शामिल हैं।
लाभ
इस योजना से ईएसडीएम सेक्टर में निवेश आकर्षित करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के लिए एक सुदृढ़ अवसंरचना आधार का सृजन होगा और इससे रोजगार अवसर बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस योजना के लिए अपेक्षित परिणाम निम्नलिखित हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार अवसंरचना और कंप्यूटर प्रणाली से जुड़े उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित होगा।
- विनिर्माण इकाइयों द्वारा रोजगार सृजित किए जाएंगे।
- विनिर्माण इकाइयों द्वारा अदा किए जाने वाले टैक्स के रूप में राजस्व अर्जित होगा।
पृष्ठभूमि
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हेतु आवश्यक अवसंरचना परिवेश के निर्माण के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना को अधिसूचित किया जिसके तहत अक्टूबर 2017 तक आवेदन आमंत्रित किए गए। स्वीकृत परियोजनाओं हेतु धनराशि के वितरण के लिए पांच वर्षों की अवधि (यानी वर्ष 2022 तक) तय है। ईएमसी योजना के तहत देश भर में 15 राज्यों में कुल 3,565 एकड़ क्षेत्र में फैले 20 नए ईएमसी और 3 साझा सुविधा केंद्रों (सीएफसी) को मंजूरी दी गई है। इन पर 3,898 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसमें 1577 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता शामिल है।
देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग हेतु अवसंरचना आधार को और मजबूत करने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ करने के लिए इस योजना को संशोधित रूप में जारी रखने की जरूरत है।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 के 1,90,356 करोड़ रुपये (29 अरब अमेरिकी डॉलर) से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 4,58,006 करोड़ रुपये (70 अरब अमेरिकी डॉलर) के स्तर पर पहुंच गया। अत: इस दौरान लगभग 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) रही। वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी 1.3 प्रतिशत (वर्ष 2012) से बढ़कर 3.0 प्रतिशत (वर्ष 2018) हो गई। वर्तमान में भारत की जीडीपी में इसका योगदान 2.3 प्रतिशत है।
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एएम/आरआरएस-
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