वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

एसईजेड से निर्यात ने 100 अरब अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा छुआ


सर्विस सेक्‍टर ने रुपये की दृष्टि से 23.69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है

परिचालन कर रहे एसईजेड की संख्‍या बढ़कर 241 के स्‍तर पर पहुंच गई है

Posted On: 18 FEB 2020 5:28PM by PIB Delhi

विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) देश से निर्यात बढ़ाने में निरंतर अगुवाई कर रहे हैं। यहां तक कि वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था में तेज उतार-चढ़ाव के दौरान भी भारत में एसईजेड ने उल्‍लेखनीय प्रदर्शन किया है। एसईजेड से निर्यात वित्त वर्ष 2019-20 में 17 फरवरी 2020 तक की अवधि में ही 100 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया है। उल्‍लेखनीय है कि एसईजेड से निर्यात ने 2018-19 के पूरे वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर के आंकड़े को छूने की ऐतिहासिक उपलब्‍ध‍ि हासिल की थी। 17 फरवरी तक वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2018-19 के आंकड़ों की तुलना नीचे दर्शाई गई है।

रुपये में निर्यात (करोड़ रुपये में)

निर्यात खंड

वित्त वर्ष 2019-20 (17 फरवरी तक)

वित्त वर्ष 2018-19 (17 फरवरी तक)

निर्यात मूल्‍य में वृद्धि (रुपये में)

निर्यात मूल्‍य में वृद्धि (प्रतिशत में)

वस्‍तुएं

2,97,557

2,86,553

11,004

3.84%

सेवाएं

4,04,264

3,26,825

77,439

23.69%

 

7,01,821

6,13,378

88,443

14.42%

 

अमेरिकी डॉलर में निर्यात (मिलियन डॉलर में)

निर्यात खंड

वित्त वर्ष 2019-20 (17 फरवरी तक)

वित्त वर्ष 2018-19 (17 फरवरी तक)

निर्यात मूल्‍य में वृद्धि (अमेरिकी डॉलर में)

निर्यात मूल्‍य में वृद्धि (प्रतिशत में)

वस्‍तुएं

42,702

41,471

1,231

2.97%

सेवाएं

57,891

47,217

10,674

22.61%

 

1,00,593

88,688

11,906

13.42%

 

यह पाया गया है कि सर्विस सेगमेंट, जिसमें मुख्‍यत: आईटी एवं आईटी आधारित सेवाएं शामिल हैं, ने 23.69 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ निर्यात में प्रमुख योगदान दिया, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्धि दर रही। यह देश में एसईजेड के समग्र विस्‍तार और इनमें बढ़ती रुचि को दर्शाता है। यही नहीं, परिचालन कर रहे एसईजेड की संख्‍या भी बढ़कर 241 के स्‍तर पर पहुंच गई है, जबकि यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2018-19 के आखिर में 235 था।

चालू वित्त वर्ष में जिन महत्‍वपूर्ण सेक्‍टरों ने उल्‍लेखनीय वृद्धि दर दर्शाई है उनमें रत्‍न व जेवरात (13.3 प्रतिशत), व्‍यापार (ट्रेडिंग) एवं लॉजिस्टिक्‍स (35 प्रतिशत), चमड़ा व फुटवियर (15 प्रतिशत), गैर-परंपरागत ऊर्जा (47 प्रतिशत) और कपड़ा एवं परिधान (17.6 प्रतिशत) शामिल हैं। वैसे तो एसईजेड से कुल निर्यात में पेट्रोरसायन का अहम योगदान होता है, लेकिन इस सेगमेंट में वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम रही। ऐसा संभवत: कच्‍चे तेल (क्रूड) के अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्‍यों में कमी आने से हुआ है।

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एस.शुक्‍ला/एएम/आरआरएस/वीके- 5818

 



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