सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा-2019– सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय


मजबूती का वर्ष

Posted On: 01 JAN 2020 12:42PM by PIB Delhi

     यह वर्ष पिछले पांच वर्षों के दौरान लिए गए प्रमुख नीतिगत निर्णयों से अर्जित लाभ को मजबूत करने, चालू परियोजनाओं की निगरानी करने और रोड़ ब्लॉक से निपटने तथा पहले से प्रभावी कार्य गति को बढ़ावा देने में पिछले वर्षों के दौरान हासिल किए गए पहले से ही प्रभावशाली कार्यों को अधिक गति प्रदान करने का वर्ष था। वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग 5,494 किमी लंबाई की परियोजनाएं सौंपी गई और लगभग 10,855 किलोमीटर लम्‍बी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया गया। सड़कों के विकास की दर  जो 2013-14 के दौरान लगभग 11.7 किमी थी। इसमें महत्‍वपूर्ण वृद्धि हुई और अब यह बढ़कर लगभग 30 किमी हो गई है। चालू वर्ष के दौरान 3211 किमी लंबाई की परियोजनाओं का निर्माण कार्य सौंपा गया तथा नवंबर 2019 तक 5958 किमी लंबी सड़कों का निर्माण हुआ है।

      वर्ष के दौरान मंत्रालय और इससे संबद्ध संगठनों ने पिछले वर्षों में किए गए अच्छे काम को आगे बढ़ायादेश में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार किया है, इन राजमार्गों को यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्‍न  कदम उठाए और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम से कम करने के लिए बेहतर प्रयास किए। परिणामस्‍वरूप राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की लंबाई अप्रैल, 2014 में 91,287 किमी थी जो 31 दिसंबर, 2019 को बढ़कर लगभग 1,32,500 किमी हो गई है।

राष्‍ट्रीय राजमार्गों का निर्माण

वर्ष

ठेका   (किलोमीटर)

निर्माण (किलोमीटर)

2019-20*

3211

5958

2018-19

5493

10855

2017-18

17055

9829

2016-17

15948

8231

2015-16

10098

6061

2014-15

7972

4410

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

*नवबंर 2019 तक उपलब्धि

2019-20 के लिए लक्ष्‍य –

       ठेका दिया गया       -     10,000 किलोमीटर

   निर्माण –    11,000 किलोमीटर

 

       टीओटी मोड के तहत  इस‍ वित्‍तीय वर्ष के दौरान  566 किमी की कुल लंबाई वाली 9 परियोजनाओं के एक समूह का टीओटी मोड के तहत निर्माण ठेका 4,998.71 करोड़ रूपये  आरक्षित मूल्‍य के सापेक्ष में 5,011 करोड़ रुपये के रियायती शुल्क पर प्रदान किया गया।  इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष के दौरान टीओटी मोड के तहत अधिक परियोजनाओं की ठेके की बोली आयोजित करने के लिए पहल की जा रही हैं।

 

राजमार्गों का त्वरित विकास

 

      मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए अतिरिक्त 60,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास का प्रस्ताव किया है। इनमें 2500 किलोमीटर एक्सप्रेस वे/एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे, 9000 किलोमीटर आर्थिक गलियारे,  2000 किलोमीटर तटीय और बंदरगाह जुड़ाव राजमार्ग तथा 2000 किलोमीटर सीमा सड़क/रणनीतिक राजमार्ग हैं। मंत्रालय इस अवधि के दौरान 100 पर्यटन स्थलों के लिए जुड़ाव में सुधार और 45 कस्बों/शहरों के लिए बायपास बनाने का भी इरादा रखता है।

 

      मंत्रालय का व्‍यय जो 2013-14 में 33,745 करोड़ रूपये था जो  2018-19 में बढ़कर 1,37,354 करोड़ रूपये हो गया। चालू वर्ष के दौरान नवंबर 2019 तक एनएचएआई के आईईबीआर सहित 85,275 करोड़ रुपये का खर्च पहले ही हो चुका है।

 

नवाचार उपकरणों के माध्यम से वित्त पोषण में बढ़ोतरी

 

      राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के वित्‍त पोषण के संसाधनों में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से एनएचएआई ने अगले पांच वर्षों में परिसंपत्ति मुद्रीकरण के मॉडल टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये जुटाने का इच्‍छुक है। टोल राजस्व के प्रतिभूतिकरण के साथ-साथ इंफ्रा इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) की स्थापना से भी वित्‍त जुटाने की संभावना है। एनएचएआई द्वारा उठाए जा रहे अन्य कदमों में एसपीवी के माध्यम से राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) द्वारा नई परियोजनाओं का वित्‍त पोषण भी शामिल है।

 

टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) और राष्‍ट्रीय राजमार्ग की उपयोगकर्ता शुल्क प्राप्तियों का प्रतिभूतिकरण

 

      प्रतिभूतिकरण के माध्यम से पहचान की गई सार्वजनिक वित्त पोषित/हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम) परियोजनाओं से टोल प्राप्तियों के सापेक्ष वित्त जुटाने के लिए  टीओटी मोड के तहत मुद्रीकरण के लिए एनएचएआई के पास उपलब्ध परियोजना के आधार का विस्तार करने की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पुष्टि की है। समिति ने (संदेश संख्‍या सीसीईए/ 20/2019 (i) दिनांक 25 नवंबर, 2019 के द्वारा): निम्नलिखित अनुमोदन प्रदान किया है-

 

      एनएचएआई सार्वजनिक वित्तपोषित राष्‍ट्रीय राजमार्ग उन परियोजनाओं का मुद्रीकरण करने के लिए अधिकृत है, जो परिचालित हैं और मामले दर मामले आधार पर टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) के माध्यम से सीओडी के बाद कम से कम एक साल से टोल एकत्र कर रही हैं।

      एनएचएआई परियोजना की विशेषताओं के आधार पर 15 से 30 वर्षों के बीच रियायत अवधि में परिवर्तन करने के लिए अधिकृत है।

 

      प्रत्येक टीटी बंडल के लिए विस्‍तृत प्रस्‍ताव, जिसमें प्रस्तावित परियोजना खंड भी शामिल है;  अनुमानित रियायत मूल्य और प्रस्तावित रियायत अवधि एनएचएआई बोर्ड (प्राधिकरण) द्वारा अनुमोदित की जाएगी।

 

      एनएचएआई को परिसंपत्ति मुद्रीकरण के वैकल्पिक मोड के रूप में शुल्क प्लाजा से उपयोगकर्ता शुल्क प्राप्तियों का मुद्रीकरण करके बैंकों से दीर्घकालिक वित्त जुटाने की भी अनुमति है।

 

      प्रतिभूतिकरण पहचान किए गए सार्वजनिक वित्‍त पोषित/एचएएम परियोजनाओं से टोल प्राप्तियों के सापेक्ष वित्त जुटाने के लिए एक वैकल्पिक मोड का प्रस्‍ताव करेगा। एक मॉडल के रूप में प्रतिभूतिकरण कुछ परिसंपत्तियों द्वारा जुटाए गए आगामी नकदी प्रवाह के सापेक्ष अग्रिम निधि का सृजन करने के मॉडल को आवश्‍यक बना देता है।

 

बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्‍ट

 

      एनएचएआई के संसाधनों में वृद्धि करने के लिए मंत्रिमंडल ने (संदेश 39/सीएम/2019 (i) दिनांक 13 दिसंबर, 2019 के द्वारा) निम्नलिखित मंजूरी दी हैं- 

 

      एनएचएआई सेबी द्वारा जारी इनविट दिशानिर्देशों के अनुसार संपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों को मुद्रीकरण करनेके लिए बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्‍ट स्थापित करने के लिए अधिकृत है, लेकिन राष्‍ट्रीय राजमार्गों का टोल संग्रह ट्रैक रिकॉर्ड कम से कम एक वर्ष का होना चाहिए। एनएचएआई के पास पहचान किए गए राजमार्गों पर टोल लगाने का अधिकार सुरक्षित है।  एनएचएआई एसपीवी (एस) को शामिल करने के लिए अधिकृत है जो पूरे इनविट ढांचे का आवश्यक और अभिन्न अंग हैं।

 

      एनएचएआई बोर्ड द्वारा अनुमोदित संरचना के अनुसार पहला इनविट स्थापित करने के लिए तथा इनविट संरचना के आवश्यक और अभिन्न अंग दो एसपीवी को शामिल करने के लिए अधिकृत है:-

 

  • एसपीवी में एक इनविट में रखी जाने वाली सभी पहचान की गई सार्वजनिक वित्त पोषित परियोजनाओं को रखा जाता है
  • एक एसपीवी प्रस्तावित इनविट में एक निवेश प्रबंधक के रूप में काम करती हैं

 

      एनएचएआई इनविट से प्राप्त रकम से आरक्षित निधि का सृजन करने के लिए अधिकृत है। य‍ह निधि ऋण चुकाने के लिए एक अलग खाते में रखी जाएगी।

 

मुख्‍य कार्यक्रमों/महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति

 

      शरावती बैकवाटर के लिए प्रमुख पुल का कार्य  कर्नाटक में अंबरगोडु और कलासवाली के बीच पहुंच गया है। ट्रांस राजस्थान राजमार्ग परियोजना के 16 पैकेजों का ठेका दे दिया गया है।

 

      नई दिल्ली में 12 जुलाई, 19 को एनएच-8 पर मानेकशॉ केंद्र के पास परेड रोड जंक्शन पर एक तीन लेन के अंडरपास का उद्घाटन किया गया। इस अंडरपास के खुलने से एयरपोर्ट से धौला कुआं तक यातायात की आवाजाही सिग्नल फ्री हो गई है।

 

      उत्तर प्रदेश के पिलखुवा में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (पैकेज-3) के डासना-हापुड़ खंड का माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा 30 सितंबर, 2019 को उद्घाटन किया गया है।  इस खंड का काम पूरा होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़ को और कम करने में मदद  मिलेगी। इसके अलावा प्रदूषण का स्तर कम करने और यात्रा के समय में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। कटक (ओडिशा) और बद्दी (हिमाचल प्रदेश) में एकीकृत बस पोर्ट के निर्माण की मंजूरी दे दी गई है और इन पर डीपीआर किए जा रहे हैं।

 

राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रोनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम

      सड़क और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम आरएफआईडी प्रौद्योगिकी पर आधारित फास्‍ट टैग के माध्‍यम से उपयोगकर्ता शुल्‍क का संग्रह करने का प्रावधान उपलब्‍ध कराता है। ईंधन, समय और प्रदूषण से बचाव तथा यातायात की इस सहज आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए फास्‍ट टैग्स के माध्‍यम से इलेक्‍ट्रोनिक टोल संग्रह कार्यक्रम के लिए शुल्‍क प्‍लाजा में सभी लेन को समर्थ बनाने का निर्णय लिया गया है। यह टोल प्रणाली सभी राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए सहज टोल संग्रह का डिजिटल अनुभव उपलब्‍ध कराएगी।

 

       मंत्रालय ने अपने पत्र दिनांक 29 नवंबर, 2019 के द्वारा सभी लेन को फास्टैग लेन ऑफ फी प्लाजा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की। इसका 15 दिसंबर, 2019 से अनुपालन किया जाना था। हालांकि, एनएचएआई के अनुरोध पर विचार करते हुए कि इस शर्त से  नागरिकों को असुविधा होगी इस शर्त को अगले 30 दिनों के लिए हटा दिया गया। तदनुसार यह निर्णय लिया गया 25% से कम फास्ट लेन शुल्क प्लाजा वाले उच्च यातायात वाले फी प्लाजा पर भारी ट्रैफिक को देखते हुए इन्‍हें अस्थायी रूप से हाइब्रिड लेन में परिवर्तित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कम से कम संख्‍या में लेनों को हाइब्रिड लेन में परिवर्तित किया जाए,  ताकि हर फी प्‍लाजा की कम से कम 75% लेनों को फास्टैग लेन फी प्लाजा घोषित और परिचालित किया जा सके और फास्टैग वाले वाहनों को आसानी रहे। 26 दिसंबर, 2019 तक कुल 1,11,70,811 फास्टैग जारी किए गए हैं।

 

      मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ फास्टैग की अंतर-परिचालनता लाने की कोशिश कर रहा है ताकि एक ही फास्टैग का राज्य राजमार्ग राजमार्ग प्लाजा और राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा दोनों पर उपयोग किया जा सके। एक एनएचएआई प्रीपेड वॉलेट की शुरूआत की गई है जिसमें ग्राहकों को अपने फास्टैग को अपने बैंक खातों से न जोड़ने का विकल्प दिया गया है। इसमें यूपीआई रिचार्ज की सुविधा भी शामिल है।

 

'एकल-उपयोग प्लास्टिक' के उपयोग को निरुत्साहित करना

 

      सरकार ने सभी कार्यालयों/अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्यालय परिसर में एकल उपयोग प्‍लास्टिक का प्रयोग करने से मना किया है। इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल उत्‍पादों जैसे कुल्हड़, मिट्टी के गिलास और प्‍लेट आदि का नुकसानदेह प्‍लास्टिक उत्‍पादों की जगह उपयोग करने का भी सुझाव दिया है।

 

स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान (एसएचएस)

 

      सरकार ने निर्णय लिया कि 2019-20 में 11 सितंबर, 2019 से 27 अक्टूबर, 2019 के बीच स्वच्‍छता ही सेवा अभियान आयोजित किया जाए। इसमें मुख्य विषय के रूप में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्‍यान केंद्रित किया गया। इस अभियान के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की और कर्मचारियों ने श्रमदान किया। यह भी सुनिश्चित किया गया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर और उसके आसपास सभी प्लास्टिक कचरे का संग्रह सुनिश्चित किया जाए। जागरूकता पैदा करने के भी सफल प्रयास किए गए। मोटे तौर पर इस अभियान के दौरान लगभग 69000 व्‍यक्तियों को प्रोत्‍साहित किया गया और 2,22,226 लाख मानव घंटे का श्रमदान किया गया। नवंबर, 2019 तक प्लास्टिक कचरे का 56.96 किलोमीटर लंबी सड़क में उपयोग किया गया। प्लास्टिक कचरे का इस्‍तेमाल करके अन्‍य सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। 

 

सड़क सुरक्षा

राज्य सहायता कार्यक्रम

 

      राज्य सहायता कार्यक्रम का उद्देश्य राज्यों को अपनी सड़क सुरक्षा कार्य में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में 25% तक कमी लाने का भी प्रस्ताव है। दुर्घटना के विवरण सही ढंग से दर्ज करने की दृष्टि से "इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी)" के तहत एक जियो-टैगेड दुर्घटना डेटा संग्रह कार्यक्रम शुरू किया गया, ताकि समय पर सुधारात्मक कार्रवाई की जाए। सभी राजमार्गों के चार लेन पर आईटी आधारित सड़क सुरक्षा ढांचा खड़ा किया जाएगा। ऐसे सभी राजमार्गों पर दुर्घटना प्रबंधन प्रणाली भी उपलब्‍ध कराई जाएगी।

 

 

मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019

 

      मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एक प्रमुख साधन है जिसके माध्यम से देश में सड़क परिवहन को नियंत्रित किया जाता है। इसे पहली बार एक व्यापक तरीके से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा तीस वर्षों के बाद संशोधित किया गया है से संसद द्वारा पारित किया था और 9 अगस्त, 2019 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।

 

      यह अधिनियम सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार, नागरिक सुविधा, पारदर्शिता लाने के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से भ्रष्टाचार को दूर करने और बिचौलियों को दूर रखने में मदद करेगा। यह अधिनियम सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाएगा और लोगों की सुरक्षा करेगा तथा बीमा और क्षतिपूर्ति व्यवस्था में सुधार करेगा। यह चालक रहित वाहनों जैसे नवाचार और नई प्रौद्योगिकियों को सहमति देगा और परीक्षण और अनुसंधान में

मदद करेगा। यह अधिनियम मोटर वाहनों को दिव्यांग के कार्योंत्‍तर अनुमोदन से वाहनों को  अनुकूलित बनाने तथा इन अनुकूलित वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस दिलाने में मदद करेगा। क्षतिपूर्ति और दुर्घटना के बाद के उपचार के प्रावधानों में संशोधन किया गया है और दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार प्रदान करने के उपाय किए जाएंगे।

 

सड़क सुरक्षा प्रावधान और दंड

  • यह यातायात नियमों को लागू करने के लिए वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की सुविधा प्रदान करता है।
  • ओवर स्‍पीडिंग/शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसे कुछ अपराधों के लिए लाइसेंस निलंबन या निलंबन या रिवोकेशन के बाद लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक रिफ्रेशर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का प्रावधान।
  • नए अपराधों के लिए दंड की शुरूआत की गई है और मौजूदा अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया है।
  • किशोरों द्वारा किए गए अपराधों के लिए-
  • मालिक/अभिभावक को 25000 रुपये का जुर्माना और 3 वर्ष तक का कारावास।
  • डिजिटल मध्यस्थ और एग्रीगेटर (ओला और उबर) भी केंद्र द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
  • सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के बारे में पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन।

 

 

नागरिक सुविधा, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी

 

  • इस अधिनियम के तहत मानवीय हस्तक्षेप रोकने के लिए सभी फॉर्म, शुल्क और दस्तावेज ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं।
  • डीलर प्वाइंट पंजीकरण - नए मोटर वाहनों के पंजीकरण के लिए, पंजीकरण हेतु आवेदन करने का काम डीलर को स्थानांतरित कर दिया गया है और प्राधिकरण के सामने वाहनों को प्रस्‍तुत करने की जरूरत को हटा दिया गया है।
  • पारदर्शिता लाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर का गठन किया गया है।
  • स्वचालित परीक्षण।
  • ड्राइविंग लाइसेंसों की वैधता अवधि बढ़ा दी गई है।
  • ड्राइविंग लाइसेंसों का नवीनीकरण लाइसेंस की अवधि समाप्‍त होने से 1 वर्ष पहले या 1 वर्ष बाद तक कराया जा सकता है, ताकि घर से दूर गए या विदेश गए और पुराने रोगियों आदि की मदद की जा सके।  

 

रोजगार की सुविधा

  • परिवहन वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस बनवाने हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता को हटा दिया गया है।
  • केंद्रीय सहायता से ड्राइविंग स्कूल स्थापित करने की योजना।

 

मोटर वाहनों के निर्माताओं की जवाबदेही बढ़ी

  • केंद्र किसी भी दोष के लिए मोटर वाहनों को पेश करने का आदेश दे सकता है।

 

बीमा और मुआवजा

  • मोटर वाहन दुर्घटना निधि का गठन।
  • हिट एंड रन मामलों के लिए मुआवजा।
  • महत्‍वपूर्ण घंटे के दौरान सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज।
  • बीमा के उद्देश्य से ड्राइवर और सह-चालक/सहायक को तीसरे पक्ष के रूप में शामिल किया गया है।

 

मोटर वाहन अधिनिमय, 2019 की कार्यान्वयन स्थिति

      केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 1 सितंबर, 2019 से शुरू होने वाले नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम के लगभग 60 प्रावधानों को शुरू कर दिया है।

 

  • इन प्रावधानों के संचालन के लिए नियमों में संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • 1 सितंबर से लागू किए गए प्रावधानों में निम्नलिखित से संबंधित प्रावधान शामिल हैं-
  • मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया।  
  • लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया, ताकि कोई भी नागरिक राज्य में लर्नर लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस या उसका नवीकरण प्राप्त करने के लिए कहीं भी आवेदन कर सके।
  • ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को लाइसेंस की  अवधि समाप्त होने के एक वर्ष के पहले या एक वर्ष के बाद किसी भी समय लाइसेंस का नवीकरण के लिए आवेदन करने की अनुमति देना। इससे विदेशों में काम करने और रहने वाले नागरिकों को बहुत मदद मिलेगी।
  • वाहनों के पंजीकरण प्रक्रिया की सुविधा ताकि नागरिक अपने वाहनों का राज्य में कहीं भी पंजीरण कराने या किसी अन्य परिवर्तन को दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सके।
  • नियमों को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को अधिकार उपलब्‍ध कराने के प्रावधान।
  • गंभीर अपराधों के लिए वसूल की जाने वाली राशि के संबंध में राज्‍य अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया में हैं।
  • जैसे ही उनके लिए नियमों का मसौदा तैयार  होगा शेष प्रावधान भी संचालित होंगे। नियमों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है और हम उम्मीद हैं कि अगले 2 से 4 महीनों में नियम लागू हो जाएंगे। 

 

परिवहन क्षेत्र

      मंत्रालय ने जीएसआर 886 (ई) दिनांक 29 नवंबर, 2019 को अधिसूचित किया है ताकि वाहनों के पंजीकरण से संबंधित किसी भी सेवा का लाभ उठाते समय मालिकों के मोबाइल नंबरों का पता चल सके। दिल्ली में बिगड़ते यातायात के प्रबंधनविषय की जाँच के लिए विभागीय संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने भी यह पाया है कि  वाहन डेटा बेस के वाहनों में मोबाइल नंबर नहीं होते। उपरोक्त को ध्‍यान में रखते हुए और इस मुद्दे की  तात्कालिकता पर विचार करते हुए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के संबंधित फार्मों को जारी करने की जरूरत पर विचार करते हुए किया गया है। ये फॉर्म मोटर वाहनों की सेवा से संबंधित है। इन सेवाओं में पंजीकरण, स्थानांतरण, मोटर वाहन का पंजीकरण, नवीकरण, डुप्लीकेट कॉपी, एनओसी प्रदान करना, पते में परिवर्तन, प्रवेश या किराया/खरीद/हाइपोथेकेशन की प्रविष्टि में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें सेवाओं का लाभ उठाने के लिए मालिक द्वारा की गई कॉल से मोबाइल नंबर का पता लगाना शामिल करने का प्रस्‍ताव है

 

      आरटीओ में कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए, यह प्रस्ताव किया गया है कि 2020 से लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन जारी किए जाएंगे और वाहनों का पंजीकरण भी उसी दिन किया जाएगा तथा लाइसेंस के स्थानांतरण एवं पंजीकरण को ऐप द्वारा संभावित बनाया जाएगा।

 

मंत्रालय ने 12 नवंबर, 2008 को जीएसआर 784 (ई) संख्‍या की अधिसूचना जारी की थी जिसके द्वारा यह अनिवार्य कर दिया गया था कि अप्रैल 2009 के बाद निर्मित सभी वाणिज्यिक वाहनों पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाना आवश्‍यक होगा। यह सीएमवीआर के नियम 104 के अनुसार है। सरकार की यह जानकारी में आया है कि  अधिकांश पुराने वाहन इस अधिसूचना का लाभ उठाकर अपने वार्षिक फिटमेंट टेस्ट के दौरान छूट प्राप्‍त कर रहे हैं। इस संबंध में इस मंत्रालय ने जीएसआर 80 (ई) दिनांक 23 अक्टूबर, 2019 के द्वारा रेट्रो-परावर्तक टेप का वाहनों पर निर्धारण जरूरी बना दिया है। चाहे वाहनों के निर्माण की कोई भी तारीख हो। इस विनिर्देश को भी अधिसूचित किया है। इससे सड़क सुरक्षा में वृद्धि होने की उम्मीद है।

 

      आर्थिक रूप से पिछड़े और बेरोजगार लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस मंत्रालय ने जीएसआर 681 () दिनांक 23 सितंबर, 2019 की अधिसूचना के द्वारा सीएमवीआर 1989 के नियम 8 को हटाने का निर्णय लिया है। इस नियम में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शैक्षिक योग्यता निर्धारित की गई है।

 

      मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 23 सितंबर, 2019 को सभी राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों को एक सलाह जारी की गई है ताकि नागरिकों को सुविधा प्रदान की जा सके कि वे ड्राइविंग लाइसेंस पंजीकरण प्रमाण-पत्र इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में दिखाने के लिए डिजिलॉकर या एमपाइवाहन ऐप का उपयोग कर सकें। राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया था कि अपेक्षित एमपरिवहन या ई-चालान के लिए  हाथ में लेने वाले उपकरणों के लिए प्रवर्तन अधिकारियों को पर्याप्‍त मात्रा पीओएस मशीनें  उपलब्ध कराई जाएं।

 

मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में जीएसआर 527 (ई) दिनांक 6 जून, 2018 के द्वारा संशोधन किया है जिसमें वाहन डेटाबेस के साथ पीयूसी प्रमाण-पत्र का ऑनलाइन आईटी आधारित लिंकेज प्रावधान किया गया है। राज्यों को 23 सितंबर, 2019 को एक परामर्श के माध्यम से यह अनुरोध किया गया है कि पीयूसी निरीक्षण से संबंधित जानकारी मंत्रालय द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करके दर्ज की जाए और यह डेटा एम-परिवहन मंच पर भी 'इलेक्ट्रॉनिक रूप' में नागरिकों को उपलब्ध कराया जाए।

 

      वाहन में सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से इस मंत्रालय ने जीएसआर 521 (ई) दिनांक 24 जुलाई, 2019 अधिसूचना का मसौदा जारी किया जिसमें मोटर वाहनों, उनके पुर्जों, घटकों, एसेम्बिलयों, उप-एसेम्बिलयों को स्थायी रूप से और लगभग अदृश्य माइक्रोडॉट्स में स्‍थापित किया जाए ताकि माइक्रोस्कोप की सहायता से भौतिक रूप से से पढ़ा जा सके।

 

      कम प्रदूषित ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा देकर प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए मंत्रालय ने अतिरिक्‍त वै‍कल्पिक ईंधनों के लिए उत्‍सर्जन मानकों के संबंध में मसौदा अधिसूचना जीएसआर 522 (ई) दिनांक 24 जुलाई, 2019 जारी किया।

 

      मंत्रालय ने आर्थिक रूप से पिछड़े और बेरोजगार लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए सीएमवीआर 1989 के नियम 8 को सामप्‍त करने के लिए अधिसूचना जीएसआर 681 (ई) दिनांक 23 सितंबर, 2019 को जारी की है।  

 

      बैटरी-ऑपरेटेड वाहनों/इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने में छूट देने के लिए 19 जून, 2019 को ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की गई है।

 

      इस मंत्रालय ने वाहनों के परीक्षण के लिए एक और वाहन परीक्षण एजेंसी को अधिकृत किया है। 18 जुलाई, 2019 की अधिसूचना जीएसआर 511 (ई) के अनुसार मंत्रालय ने मोटर वाहन संशोधन नियम, 1989 के नियम 126 में संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (नेटरेक्‍स) इंदौर को जोड़ा है। इससे मौजूदा वाहन परीक्षण एजेंसियों जैसे एआरएआई, आईसीएटी, एआरएआई, जीएआरसी, आदि पर काम का बोझ और दबाव कम हो जाएगा।

 

"2018 में भारत में सड़क दुर्घटनाएँ" पर डेटा

 

      सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2018 पर अपना वार्षिक प्रकाशन जारी किया है। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभाग द्वारा उपलब्‍ध की गई जानकारी के आधार पर वर्षवार दुर्घटना से संबंधित मौतों और चोटों के बारे में डेटा उपलब्‍ध कराता है। रिपोर्ट के अनुसार  देश में सड़क दुर्घटनाओं वर्ष 2018 के दौरान 0.46% की मामूली वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में हुई 4,64,910 की तुलना में इस वर्ष 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिली हैं। इसी अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37% और की वृद्धि हुई है।  2018 में 51,471 लोग मारे गए जबकि 2017 में 1,47,913 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे। सड़क दुर्घटना में लगने वाली चोटों में 2017 के मुकाबले 2018 में 0.33% की कमी दर्ज हुई।

 

 

 

नवगठित केंद्रशासित प्रदेश, लद्दाख के लिए पंजीकरण मार्क

 

      मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 सेक्‍शन के 41 (6) के तहत वाहनों के पंजीकरण के लिए नवगठित केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को एसओ 4262 (ई) दिनांक 25 नवंबर, 2019 के तहत एलएके रूप में नया पंजीकरण मार्क प्रदान किया है। यह इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से लागू हो गया है।

 

     

आरकेमीणा/आरएनएम/एमएस/आईपीएस/एसके-5192


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