सूचना और प्रसारण मंत्रालय

अच्छी फिल्म बनाने के तीन महत्वपूर्ण पहलू पटकथा, सिनेमाटोग्राफी तथा प्रोडक्शन डिजाइन हैं: श्री प्रियदर्शन


समारोह नये फिल्मकारों को अपने विचार दिखाने का अवसर हैः आईएफएफआई 2019 भारतीय पैनोरमा भाग के निर्णायक मंडल के सदस्य

Posted On: 21 NOV 2019 5:30PM by PIB Delhi

गोवा में चल रहे 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) में भारतीय पैनोरमा की फीचर फिल्मों के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री प्रियदर्शन नायर ने आज निर्णायक मंडल की सदस्य श्रीमती श्रीलेखा मुखर्जी, श्री हरीश भिमानी और श्री विनोद गनात्रा तथा गैर फीचर फिल्म भाग के निर्णायक मंडल की सदस्य श्रीमती आरती श्रीवास्तव तथा श्री रोनेल हाओबैम के साथ संवाददाता सम्मेलन में भाग लिया।

संवाददाता सम्मेलन के प्रारंभ में अध्यक्ष प्रियदर्शन नायर ने कहा कि निर्णायक मंडल ने भारत के यथार्थवादी फिल्मकारों की गुणवत्ता में काफी अधिक गिरावट पाई। उन्होंने कहा, यह कठिन कार्य था, लेकिन उतना नहीं, जितना हमने सोचा था। 30 दिनों में 314 फिल्में देखना बड़ा काम है, लेकिन हमने विभिन्न राज्यों की विभिन्न किस्म की फिल्मों को देखते हुए आनंद उठाया। कल के फिल्मकारों ने बड़ा काम किया है, लेकिन यह देखा गया है कि जब विषयवस्तु अच्छी हो तो गुणवत्ता खराब हो सकती है या विपरीत भी हो सकता है। हमें खुशी है कि इस बार फिल्मों के चयन में अधिक विवादों में नहीं जाना पड़ा

नये फिल्मकारों को सलाह देते हुए श्री प्रियदर्शन ने कहा कि अच्छी फिल्म बनाने के तीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलू हैं- पटकथा, सिनेमोटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन। उन्होंने कहा, हमारे समय में कैमरा के पीछे रहना कठिन था। आज कल प्रत्येक व्यक्ति अपनी जेब में कैमरा लेकर चलता है। प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क में एक फिल्म है। लोग वही बना रहे हैं जो उनके मस्तिष्क में है, लेकिन ऐसे लोगों में प्रशिक्षण का अभाव है। फील्ड वर्क नहीं दिख रहा है। युवाओं में काफी चिनगारी पाई जा सकती है। प्रशिक्षण और फील्ड वर्क से उन्हें बेहतर फिल्में बनाने में मदद मिलेगी।

निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों ने फिल्म समारोह को नये फिल्मकारों के लिए अपने विचारों को दिखाने का एक अवसर बताया। श्री विनोद गनात्रा ने बताया कि टेक्नोलॉजी सभी क्षेत्रों के फिल्मकारों की मदद कर रही है, यहां तक कि भारत के दूर-दराज के हिस्से से भी बड़ी दर्शक आबादी तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को राष्ट्रीय मंच मिलना बड़ी बात है। श्री हरीश भिमानी ने कहा कि हमने कुछ असाधारण फिल्में देखी।

श्रीमती आरती श्रीवास्तव ने कहा कि लघु फिल्मों तथा वृत्तचित्र निर्माताओं को समर्थन के लिए अधिक कोष की आवश्यकता है।

आईएफएफआई 2019 में पूरे विश्व की फिल्में दिखाई जा रही हैं। भारतीय पैनोरमा आईएफएफआई का अग्रणी भाग है, जिसमें समकालीन 26 भारतीय फिल्में तथा 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जा रही हैं।

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आर.के.मीणा/आरएममीणा/एजी/एमएस-4325



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