वित्त मंत्रालय
अधूरी किफायती एवं मध्यम-आय आवास परियोजनाओं के लिए कैबिनेट द्वारा 6 नवम्बर, 2019 को मंजूर ‘स्पेशल विंडो’ फंड के बारे में प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न
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07 NOV 2019 2:12PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कल उन अधूरी या अटकी पड़ी आवास परियोजनाओं को पूरा करने हेतु प्राथमिकता के आधार पर ऋण वित्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए एक ‘स्पेशल विंडो’ फंड बनाने को मंजूरी दे दी, जो किफायती और मध्यम-आय आवास सेक्टर के अंतर्गत आती हैं।
इस फंड के लिए सरकार एक प्रायोजक की भूमिका निभाएगी। सरकार इसमें 10,000 करोड़ रुपये तक की कुल राशि लगाएगी।
यह फंड दरअसल श्रेणी-II के एक एआईएफ (वैकल्पिक निवेश फंड) डेट फंड के रूप में होगा, जो सेबी में पंजीकृत होगा। इस फंड का संचालन प्रोफेशनल ढंग से होगा।
स्पेशल विंडो के तहत प्रथम एआईएफ के लिए यह प्रस्ताव किया गया है कि एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड की सेवाएं निवेश प्रबंधक के रूप में ली जाएंगी।
यह फंड उन डेवलपरों को राहत प्रदान करेगा, जिन्हें अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने और अंतत: घर खरीदने वालों को उनके मकानों की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता है।
रियल एस्टेट उद्योग चूंकि कई अन्य उद्योगों से अंतर्निहित रूप से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस सेक्टर में तेजी से विकास होने से इसका सकारात्मक असर होगा और देश की अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख सेक्टरों की भी मुश्किलें कम होंगी।
पृष्ठभूमि
माननीय वित्त मंत्री ने 14 सितम्बर, 2019 को घोषणा की थी कि किफायती और मध्यम-आय आवासीय परियोजनाओं के लिए एक स्पेशल विंडो सृजित की जाएगी। यह स्पेशल विंडो उन आवास परियोजनाओं के लिए अत्यंत जरूरी धनराशि उपलब्ध कराएगी, जो अटकी पड़ी हैं।
इसके बाद अंतर-मंत्रालय परामर्श के साथ-साथ आवास वित्त कंपनियों, बैंकों, एनबीएफसी, निवेशकों और रियल एस्टेट के डेवलपरों सहित आवास उद्योग के हितधारकों के साथ भी कई परामर्श बैठकें आयोजित की गईं। घर खरीदारों, डेवलपरों, ऋणदाताओं और निवेशकों के समक्ष मौजूद उन समस्याओं पर गौर किया गया जिनका निराकरण स्पेशल विंडो के जरिए किया जा सकता है।
अधूरी किफायती एवं मध्यम-आय आवास परियोजनाओं के लिए कैबिनेट द्वारा 6 नवम्बर, 2019 को मंजूर ‘स्पेशल विंडो’ फंड के बारे में प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
- इस स्पेशल विंडो में सरकार और निवेश प्रबंधकों की क्या भूमिका है?
उत्तर : सरकार प्रस्तावित फंड के लिए एक प्रायोजक की भूमिका निभाएगी और उसके पास विशेष अधिकार एवं जवाबदेही होगी, जैसा कि सेबी (एआईएफ) नियमन, 2012 में निर्दिष्ट किया गया है। उधर, निवेश प्रबंधक धनराशि जुटाने, निवेश और फंड से जुड़ी टीम के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी होगा।
2. फंड का आकार क्या है?
उत्तर : किफायती और मध्य आय वर्ग आवास क्षेत्र के लिए विशेष विंडो के जरिये सरकार 10,000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेगी। इस फंड में बैंकों, एलआईसी और अन्य के योगदान के माध्यम से 25,000 करोड़ रुपये के फंड बनाया जाएगा।
3. फंड का प्रबंधन कौन करेगा?
उत्तर : विशेष विंडो के अंतर्गत पहले एआईएफ के लिए एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड को निवेश प्रबंधक नियुक्त किया गया है।
4. फंड के निवेशक कौन होंगे?
उत्तर : विशेष विंडो के अंतर्गत गठित किये गये/कोष उपलब्ध कराये गये एआईएफ सरकार और अन्य निजी निवेशकों से निवेश आकर्षित करेंगे। इनमें वित्तीय संस्थाएं, सोवेरन वेल्थ फंड, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंक, घरेलू पेंशन और भविष्य निधि, वैश्विक पेंशन कोष और अन्य संस्थागत निवेशक शामिल हैं।
5. क्या एनपीए और एनसीएलटी के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं को फंड उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा?
उत्तर : हां। हितधारकों से प्राप्त इनपुट के आधार पर सरकार ने निवेश को विस्तार देने का निर्णय लिया है और इसमें एनपीए एवं एनसीएलटी परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा। धनराशि प्राप्त करने संबंधी सभी आवेदनों की समीक्षा निवेश समिति करेगी। आवेदन पर मंजूरी के लिए समिति, ऋण देने वाली कंपनियों और कानूनी सलाहकारों के साथ विचार-विमर्श करेगी।
6. विशेष विंडो के तहत एनसीएलटी की किन परियोजनाओं को विचार के योग्य माना जाएगा?
उत्तर : एनसीएलटी के समक्ष कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाली कोई या सभी परियोजनाओं को विशेष विंडो के जरिए फंडिग करने पर विचार किया जा सकता है। यह उस स्थिति तक मान्य है जहां दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के लिए समाधान योजना को ऋण प्रदाताओं की समिति ने मंजूरी नहीं दी है/निरस्त नहीं किया है।
7. क्या यह फंड उन मामलों में भी निवेश करेगा, जो उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है?
उत्तर : नहीं। इस विशेष विंडो का फोकस उन परियोजनाओं पर है, जो विनिर्माण फंडिंग के आभाव में रूकी हुई है। यह फंड उन परियोजनाओं पर भी ध्यान देगा, जो एनपीए हो गई है या एनसीएलटी कार्रवाई के अंतर्गत है, विशेषकर ऐसी परियोजनाएं जहां धनराशि उपलब्ध कराने पर निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सकता है।
8. फंडिंग के लिए परियोजनाओं के चयन के लिए मानदंड क्या होंगे?
उत्तर : उन परियोजनाओं को फंड उपलब्ध कराया जाएगा, जो निम्न मानदंडों को पूरा करते हो-
- पर्याप्त फंड के आभाव में रूकी हुई परियोजनाएं।
- किफायती और मध्य आय वर्ग।
- परियोजनाएं जिनका नेट वर्थ पॉजिटिव है (एनपीए और एनसीएलटी प्रक्रियाओं के अंतर्गत की परियोजनाएं)।
- रेरा पंजीकृत।
- उन परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएंगी, जो पूरी होने के करीब हैं।
9. किफायती और मध्य आय आवास परियोजनाएं क्या है?
उत्तर : विशेष विंडो के अंतर्गत पहले फंड के उद्देश्य के लिए, किफायती या मध्य आय आवास को ऐसी आवास परियोजनाओं के रूप में पारिभाषित किया गया है, जहां आवासीय इकाइयों का क्षेत्रफल 200 वर्ग मीटर (रेरा कारपेट एरिया) से अधिक नहीं है और इन इकाइयों की कीमत निम्न है:
- मुम्बई महानगर पालिका क्षेत्र में 2 करोड़ रुपये तक या इससे कम।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलूरू और अहमदाबाद में 1.5 करोड़ रुपये तक या इससे कम।
- शेष भारत में एक करोड़ रुपये तक या इससे कम।
10. नेट वर्थ पॉजिटिव परियोजनाएं क्या है?
उत्तर : विशेष विंडो के अंतर्गत फंड उपलब्ध कराने के लिए नेट वर्थ पॉजिटिव परियोजनाएं का अर्थ है ऐसी परियोजनाएं जिनमें ऋण प्राप्त करने का मूल्य और विक्रय के लिए उपलब्ध आवास इकाइयों का मूल्य परियोजनाओं के पूरा होने की लागत और अन्य देयताओं के मूल्य से अधिक है।
11. किस मूल्य वर्ग के अंतर्गत की परियोजनाओं को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा?
उत्तर : कृपया उत्तर संख्या 9 देखें।
12. विभिन्न नगरों के लिए निर्धारित मूल्य वर्ग के अंतर्गत किन चीजों को शामिल किया जाएगा?
उत्तर : इस मूल्य में सामाजिक सुविधाएं, पार्किंग, हाऊसिंग सोसाइटी, ब्रोकरेज, पंजीयन, स्टॉम्प ड्यूटी जैसे शुल्कों को शामिल नहीं किया गया है।
13. कारपेट एरिया की परिभाषा क्या है?
उत्तर : कारपेट एरिया का अर्थ रेरा के खंड-2 के उपखंड-के में दी गई परिभाषा के अनुसार होगा। कारपेट एरिया का अर्थ है एक अपार्टमेंट के कुल उपयोग की जाने किये जाने फर्श का क्षेत्रफल। इसमें बाहरी दीवारें, सुविधा सेवा की जगह, विशेष बॉलकोनी या बरामदा, विशेष खुला टैरेस एरिया को शामिल नहीं किया गया है, परन्तु इसमें अपार्टमेंट के आंतरिक अलग करने वाली दीवारों को शामिल किया गया है।
14. क्या यह फंड विला परियोजनाओं के लिए भी है?
उत्तर : यह फंड ऐसी किसी भी परियोजना में निवेश करेगा, जो आवास इकाइयों को पूरा करने के संदर्भ में निवेश उद्देश्यों को पूरा करते है, जिनका आकार 200 वर्ग मीटर से कम है और जिनका मूल्य वर्ग 2 करोड़ रुपये से कम है।
15. पूरे देश में रूकी हुई आवासीय परियोजनाओं को फंड प्रदान करने के संदर्भ में किन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी? क्या फंड का आवंटन क्षेत्र के आधार पर किया जाएगा?
उत्तर : फंड का पोर्टफोलियो निवेश पूरे देश के लिए है और इसमें कोई भौगोलिक अवरोध नहीं है। मानक जोखिम प्रबंधन अभ्यास के आधार पर परियोजना स्तर पर, डेवलपर स्तर पर और नगर स्तर पर उच्चतम सीमा मान्य होगी।
16. रूकी हुई आवास परियोजनाओं का कितना बड़ा हिस्सा किफायती और मध्य आय वर्ग के अंतर्गत आता है?
उत्तर : उद्योग जगत के आकलन के मुताबिक रूकी हुई आवास परियोजनाओं का 90 प्रतिशत हिस्सा किफायती और मध्य आय वर्ग के अंतर्गत है।
17. क्या कुछ रूकी हुई परियोजनाओं के खुदरा ऋण (रिटेल लोन) की पुनर्संरचना की जाएगी?
उत्तर : यह आरबीआई के दिशा-निर्देशों तथा बैंक बोर्ड से मंजूरी प्राप्त नीतियों के अनुरूप किया जाएगा।
18. इस फंडिंग से घर खरीदने वालों को कैसे लाभ मिलेगा?
उत्तर : रूकी हुई परियोजनाओं को फिर से चालू करने पर आवास परियोजनाएं शीघ्र पूरी होंगी। घर खरीदने वालों को समय पर आवास इकाइयां प्राप्त होंगी, जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश घर खरीदने के लिए किया था।
19. संबंधित परियोजना पर डेवलपर द्वारा आवंटित धन का उपयोग किए जाने की निगरानी प्रक्रिया क्या है?
उत्तर : स्पेशल विंडो रूकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी उपलब्ध कराएगा। निवेश प्रबंधक डेवलपर तथा नियुक्त की गई परियोजना प्रबंधक कंपनी के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगा कि फंड की राशि परियोजनाओं को पूरा करने के काम में ही खर्च की जाए। इसके लिए रेरा द्वारा तय वित्तीय मानकों और नियंत्रण व्यवसथा का अनुपालन किया जाएगा।
20. क्या मौजूदा ऋण प्रदाताओं यानी की फंड को वितरण, निगरानी और क्रियान्वयन का अधिकार दिया जाएगा?
उत्तर : फंड की ओर से ही पूंजी के वितरण की निगरानी की जाएगी और डेवलपरों की परियोजनाओं क्रियान्वयन का काम भी सीधे तौर पर या थर्ड पार्टी के माध्यम से यही देखेगा। परियोजनाओं की मंजूरी के बारे में मौजूदा ऋण प्रदाताओं से परामर्श किया जाएगा।
21. परियोजनाओं के चयन के बाद इनके लिए फंड जारी करने की क्या प्रक्रिया होगी?
उत्तर : निवेश प्रबंधक विस्तृत निवेश समीक्षा करेगा जिसमें निर्धारित की गई बाहरी एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए इनपुट शामिल किए जाएंगे। यह निगरानी तंत्र फंड के निवेश और उसकी अनुमति के लिए डेवलपरों के साथ किए गए अनुबंध के अनुरूप होगा। सभी दस्तावेज तैयार हो जाने के बाद फंड का वितरण किया जाएगा।
22. इस योजना से कितनी आवासीय परियोजनाओं को लाभ मिलेगा?
उत्तर : उद्योग क्षेत्र के आकलन के अनुसार 1509 आवासीय परियोजनाओं को रुकी पड़ी परियोजनाओं की श्रेणी में रखा गया है। इनमें करीब 4.58 लाख आवासीय इकाइयां है। जो परियोजनाएं निवेश अहर्ताओं को पूरा करेंगी उनके लिए वित्त पोषण किया जाएगा। एक परियोजना के लिए अधिकतम 400 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्रत्येक डेवलपर के लिए एक शहर में फंड की एक सीमा निर्धारित की जाएगी।
23. यह फंड केवल मध्यम और किफायती आवासीय परियोजनाओं के लिए है। ऐसे में लक्जरी वर्ग की परियोजनाओं के लिए क्या व्यवस्था की गई है?
उत्तर : नयी व्यवस्था में मुख्य ध्यान मध्यम और किफायती श्रेणी की परियोजनाओं पर ही दिया गया है। हालांकि इससे लक्जरी वर्ग की आवासीय परियोजनाओं सहित पूरा रियल स्टेट उद्योग परोक्ष रूप से लाभान्वित होगा।
24. फंड जारी होने के बाद परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समय सीमा क्या होगी?
उत्तर : स्पेशल विंडो का उद्देश्य रुकी पड़ी परियोजनाओ को जल्दी से जल्दी पूरा करना है। आवासीय परियोजना की निर्माण प्रक्रिया और उनकी बिक्री के लिए तय समय के अनुसार ही फंड जारी किए जाएंगे।
25. यदि डेवलपर सक्षम नहीं होंगे तो ऐसी स्थिति में परियोजना निर्माण का काम कौन करेगा?
उत्तर : निवेश समीक्षा के अनुसार ऐसी स्थिति में निवेश प्रबंधक स्थिति संभालेगा और जरूरत पड़ने पर परियोजना के लिए किसी और डेवलपर की व्यवस्था करेगा।
26. परियोजना के लिए आवंटित धन का उपयोग बिना किसी अनियमितता के सही तरीके से हो रहा है इसकी निगरानी के लिए सक्षम प्राधिकारी कौन होगा?
उत्तर : निवेश प्रबंधक, नियुक्त परियोजना प्रबंधन कंपनियों और उपयुक्त वित्तीय नियंत्रणों की मदद से, यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा कि फंड के पैसे का अंतिम उपयोग निर्माण और परियोजनाओं के पूरा होने के लिए किया जा रहा है।
27. फंड की व्यवस्था से बाजार की स्थिति के कैसे प्रभावित करने की संभावना है?
उत्तर : इसके लिए कृपया उत्तर संख्या 22 देखें.
28. फंड के जरिए निवेश का माध्यम क्या होगा?
उत्तर : इस फंड के तहत निवेश मुख्य रूप से गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के रूप में किया जाएगा। इसके लिए कानूनी, नियामक और अन्य बातों को ध्यान में रखा जाएगा।
29. बाजार में तरलता के सुधार के लिए सरकार द्वारा कौन से अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं ?
उत्तर : आवास और निर्माण उद्योग की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए, आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य पिछले समय में सरकार द्वारा कई उपाय किए गए हैं, जैसे :
- किफायती आवास पर आईटी कटौती प्रदान करना
- रेपो दर / बाहरी बेंचमार्क लिंक्ड ऋण उत्पादों की शुरुआत
- प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का कार्यान्वयन
- एचएफसी को तरलता समर्थन
- एक एनबीएफसी या एचएफसी से बैंक द्वारा खरीदी गई संपत्ति के लिए सरकार की आंशिक गारंटी
- गृह निर्माण अग्रिम राशि (एचबीए) पर ब्याज कम करना
30. क्या परियोजना के विकास के दौरान घर खरीदने वालों की कोई भागीदारी होगी?
उत्तर : घर खरीदने वालों को परियोजना के जल्दी पूरा होने के लिए, होम लोन की शेष किस्त प्रदान करने के लिए अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए अपने वित्तपोषण संस्थान (एनबीएफसी /एचएफसी / बैंक) के साथ मिलकर काम करना आवश्यक होगा।
31. क्या घर खरीदने वालों के लिए कोई विशेष मार्गदर्शन जारी किया जाएगा ?
उत्तर: घर खरीदने वालों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा कानूनी और विनियामक ढाँचे के भीतर अपने मौजूदा होम लोन के अतिरिक्त उधार या पुनरुद्धार या उधार देने वाले संस्थानों की मानक बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन लेने के लिए अपने संबंधित ऋण संस्थानों तक पहुँचें।
32. उन परियोजनाओं के बारे में क्या, जो चयन शर्तों के तहत योग्य नहीं हैं?
उत्तर: उन परियोजना के लिए धन, पुनर्गठन और संकल्प के मौजूदा विकल्पों का सहारा लेना जारी रहेगा।
33. फंड की वापसी की उम्मीदें क्या हैं?
उत्तर: निवेश प्रबंधक प्रत्येक परियोजना के जोखिम प्रोफाइल और बारीकियों के आधार पर धनवापसी का निर्धारण करेगा।
34. क्या होगा यदि डेवलपर या पिछली फंडिंग एजेंसी / बैंक और एनबीएफसी घर खरीदने वालों के हित में अपनी रुचि का काम करना चाहते हैं? क्या फंड में इस मुद्दे को ठीक करने का कोई प्रावधान होगा?
उत्तर: फंड द्वारा प्रदान की गई पूंजी का उपयोग केवल रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इससे परियोजना के सभी हितधारकों को लाभ होना चाहिए।
35. रुकी हुई परियोजनाओं की अनसोल्ड इन्वेंट्री / रद्द बुकिंग के लिए कौन जिम्मेदार होगा?
उत्तर: प्राथमिक जिम्मेदारी डेवलपर की होगी। हालाँकि, निवेश प्रबंधक परियोजना दर परियोजना के आधार पर किए जाने वाले आवश्यक कार्यों की ओर भी ध्यान दे सकता है।
36. निवेशों के लिए किस प्रकार का परिश्रम किया जाएगा?
उत्तर: निवेश प्रबंधक पहले यह देखने के लिए एक आंतरिक वित्तीय विश्लेषण करेगा कि परियोजना फंड की निवेश संबंधी शर्तों को पूरा करती है अथवा नहीं। यह मौजूदा ऋणदाताओं के साथ परामर्श सहित बाहरी एजेंसियों द्वारा दखल-कब्जा, वित्तीय, अचल संपत्ति और कानूनी जैसे क्षेत्रों को कवर करने के लिए पूरक होगा।
37. सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि चयनित डेवलपर को धोखाधड़ी या धन के दुरुपयोग के लिए आरोपित नहीं किया गया है और डेवलपरों / प्रमोटरों के एक छोटे समूह द्वारा धनराशि का लेन-देन नहीं किया जा रहा है?
उत्तर: प्रोजेक्ट और डेवलपर का चयन, निवेश प्रबंधक और निधि की निवेश समिति का विशेषाधिकार होगा। सरकार सहित निवेशक उस प्रक्रिया की वित्तीय निष्पक्षता में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। निवेश समिति के निर्णय को फंड के निवेश उद्देश्य द्वारा निर्देशित किया जाएगा, जैसा कि निवेशकों के साथ दर्ज किए गए अंशदान समझौते में उल्लिखित है। धोखाधड़ी या वंचना से संबंधित परियोजनाओं के बारे में फंड द्वारा विचार नहीं किया जा सकता है।
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