वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
भारत-ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति की 13वीं बैठक का संयुक्त वक्तव्य
Posted On:
18 JUL 2019 12:58PM by PIB Delhi
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री डॉ. लियाम फॉक्स ने 15 जुलाई, 2019 को भारत-ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेटको) की 13वीं बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चाएं कीं। लंदन में आयोजित इस बैठक की समाप्ति पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया, जो निम्नलिखित हैः
- इस बैठक के दौरान हमने अपनी रणनीतिक आर्थिक साझेदारी और अपने बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की मजबूती को रेखांकित किया। ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पिछले तीन वर्षों (2015-2018) के दौरान ब्रिटेन और भारत के बीच कुल व्यापार में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। {1}
भारत और ब्रिटेन ने इस महत्वपूर्ण संबंध को निरंतर आगे बढ़ाने में साझा रुचि दिखाई है, ताकि आपसी समृद्धि के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समृद्धि को भी और ज्यादा आगे बढ़ाया जा सके।
- हमने भावी रूपरेखा पर भी चर्चाएं कीं और अप्रैल, 2018 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा घोषित की गई नई गतिशील भारत-ब्रिटेन व्यापार साझेदारी के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई। इसके साथ ही हमने व्यापार के मार्ग में मौजूद बाधाओं को कम करने के लिए संयुक्त कार्यों का विस्तार करने के प्रति भी कटिबद्धता दोहराई, क्योंकि ब्रिटेन ने अपनी स्वतंत्र व्यापार नीति की जवाबदेही संभाल ली है। हम आपसी व्यापार साझेदारी का दायरा बढ़ाने को लेकर आशान्वित हैं, क्योंकि दोनों ही पक्ष ऐसे सुदृढ़ क्षेत्रों की तलाश कर रहे हैं, जिससे भविष्य में और भी अधिक महत्वकांक्षी व्यापार व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त होगा।
व्यापार साझेदारी
- हमने भारत-ब्रिटेन संयुक्त व्यापार समीक्षा की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में व्यापार पर गठित संयुक्त कार्यसमूह द्वारा की गई प्रगति का स्वागत किया। हमने खाद्य एवं पेय पदार्थों, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और जीवन विज्ञान एवं सेवा संबंधी आंकड़ों पर दोनों देशों की सरकारों के बीच संवाद की शुरुआत को रेखांकित किया। हम कारोबारियों के स्तर पर गठबंधन के साथ-साथ इन सेक्टरों में व्यापार के मार्ग में मौजूद गैर-शुल्क बाधाओं को समाप्त करने की दिशा में हुई प्रगति से प्रसन्न हैं।
- हमने उन आगामी कदमों का स्वागत किया, जिनके तहत व्यापार पर गठित संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्ल्यूजी) द्वारा शुरू किए गए कार्यों का दायरा बढ़ाया जाना है। तीन सेक्टरों में आपसी प्रयासों को जारी रखने के साथ-साथ संयुक्त कार्यसमूह अपने दायरे का विस्तार करेगा, ताकि रसायनों और सेवा व्यापार पर फोकस किया जा सके। सेवा क्षेत्र की बदौलत आगे बढ़ रही दोनों ही अर्थव्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए हम विशेषकर सेवाओं को शामिल करने का स्वागत करते हैं। यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें दोनों ही पक्षों ने काफी प्रगति की है। इन उपायों से हमारी साझेदारी और ज्यादा मजबूत होगी, व्यापार के मार्ग में कठिन बाधाएं समाप्त होंगी तथा दोनों ही देशों के व्यवसाय में और ज्यादा अवसर सृजित होंगे।
- व्यापार पर गठित संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्ल्यूजी) के तहत दोनों पक्षों ने नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महत्वपूर्ण भूमिका की फिर से पुष्टि की। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने सतत विकास एवं उन्नति के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मुक्त, निष्पक्ष एवं खुले व्यापार को बढ़ाने की अहमियत की भी एक बार फिर पुष्टि की। हमने ब्रिटेन-भारत बहुपक्षीय संवाद के जरिए हुई प्रगति का स्वागत किया, जिसकी अगली बैठक वर्ष 2019 के शरद ऋतु में कराए जाने की योजना है। इसका उद्देश्य बहुपक्षीय मुद्दों पर हमारी आपसी द्विपक्षीय सहभागिता को बढ़ाना है, जिसमें डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। इसके अलावा पारस्परिक हित वाले अन्य मुद्दों पर भी द्विपक्षीय सहभागिता बढ़ाई जाएगी। दोनों पक्ष डब्ल्यूटीओ, विशेषकर ब्रिटेन की रियायतों एवं प्रतिबद्धताओं की नई अनुसूची के समर्थन में डब्ल्यूटीओ में आपसी सहयोग को जारी रखेंगे।
- मोटे तौर पर हमने व्यापक अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय प्रणाली को अपना समर्थन दोहराया; सुरक्षा, समृद्धि एवं प्रगति सुनिश्चित करने में इसकी अहमियत को रेखांकित किया और इसे नया स्वरूप, मजबूती एवं संरक्षण प्रदान करने में दोनों पक्षों की बुनियादी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। हम अगले वर्ष होने वाले 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले रचनात्मक दृष्टि से आपस में सहयोग करेंगे, ताकि सकारात्मक नतीजा सामने आए और इस तरह वह सुदृढ़ बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में अहम योगदान कर सके।
- हमने ब्रिटेन के पर्यावरण, खाद्य एवं ग्रामीण कार्य विभाग और भारत के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के बीच पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में सहयोग से जुड़े सहमति पत्र (एमओयू) की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया। इस सहमति पत्र के तहत संयुक्त कार्यसमूह की पहली बैठक इस वर्ष के उत्तरार्द्ध में होगी, जिसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में आपसी सहयोग और ज्ञान की साझेदारी को जारी रखना होगा। इस दिशा में फिलहाल जारी गठबंधन से व्यापार के मार्ग में मौजूद बाधाओं को कम करने की दिशा में पहले से ही हो चुकी उल्लेखनीय प्रगति को और ज्यादा मजबूती प्राप्त होगी, जिससे हमारे कृषि व्यवसाय में नये एवं लाभप्रद अवसर प्राप्त होंगे।
- हमने भारत-ब्रिटेन तकनीकी साझेदारी के जरिए आपसी सहयोग में हुई वृद्धि का स्वागत किया। हम इस वर्ष संबंधित कार्यक्रम के कार्यान्वयन को लेकर आशान्वित हैं। हमने संचार एवं आईसीटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए डिजिटल, संस्कृति, मीडिया एवं खेल विभाग और संचार मंत्रालय के बीच एमओयू को अंतिम रूप देने की दिशा में हो रहे कार्यों को रेखांकित किया। इससे ब्रिटेन-भारत डिजिटल व्यापार को मजूबती प्रदान करने के लिए दूरसंचार एवं आईसीटी के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ेगा। यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें दोनों ही देशों ने काफी प्रगति की है तथा वे इस क्षेत्र में और ज्यादा प्रगति सुनिश्चित करना पसंद करेंगे। हम परस्पर लाभप्रद एमओयू पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर किए जाने को लेकर आशान्वित हैं।
- हमने ब्रिटेन-भारत फास्ट ट्रैक स्टार्ट-अप फंड के क्षेत्र में हुई प्रगति का स्वागत किया, जो वैकल्पिक निवेश फंडों के पोर्टफोलियो में पूंजी का निवेश करेगा। यह फंड प्रौद्योगिकी आधारित उन स्टार्ट-अप उद्यमों को आवश्यक सहायता देगा, जिन्हें अपेक्षाकृत कम धनराशि प्राप्त हुई है और जो रोजगार के अवसरों का सृजन कर रहे हैं। इससे एक संयुक्त ताकत के रूप में भारत-ब्रिटेन साझेदारी की स्थापना होगी। इससे भारत और ब्रिटेन के बीच उद्यमिता एवं नवाचार संबंधी आपसी संपर्क सुदृढ़ होंगे।
- दोनों पक्षों ने भारत-ब्रिटेन निवेश संबंधों की मजबूती का स्वागत किया और विदेशी निवेश को सुगम बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। ब्रिटेन और भारत, वर्ष 2010 से ही एक दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं के शीर्ष पांच निवेशकों में शामिल रहे हैं। हमने भारत में निवेश को सुगम बनाने और कंपनी से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए ब्रिटेन-भारत फास्ट ट्रैक व्यवस्था के तहत किए गए कार्यों की सराहना की। भारत ने ब्रिटेन में भारतीय निवेश को सुगम बनाने में मदद के लिए ब्रिटेन में फास्ट ट्रैक व्यवस्था किए जाने का स्वागत किया। दोनों पक्ष निकट भविष्य में ब्रिटेन-भारत निवेश संवाद का प्रथम दौर आयोजित किए जाने को लेकर आशान्वित हैं।
- दोनों पक्षों ने स्थिर व्यवसाय एवं नियामकीय व्यवस्थाओं की अहमियत पर सहमति जताई और कारोबार में सुगमता के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने हेतु ब्रिटेन और भारत के बीच फिलहाल जारी साझेदारी का स्वागत किया। ब्रिटेन ने ‘कारोबार में सुगमता’ संबंधी विश्व बैंक के सूचकांक 2019 में भारत के काफी ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुंच जाने पर भारत को बधाई दी, जो वर्ष 2014 के मुकाबले 65 पायदान के सुधार को दर्शाता है। वर्ष 2016 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हस्ताक्षरित एमओयू को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के साथ-साथ भारत में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने पर आपसी सहयोग को आगे भी जारी रखा है। हमने इस तथ्य का स्वागत किया कि इस सहयोग को अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की सहभागिता से ब्रिटेन समर्थित कार्यक्रम के जरिए बढ़ाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत के विकास एजेंडे के अनुरूप कारोबारी माहौल से जुड़े बुनियादी सुधारों को लागू करने को आवश्यक सहयोग प्रदान करना है।
- दोनों पक्षों ने आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार को आगे बढ़ाने में बौद्धिक संपदा (आईपी) की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और ‘बौद्धिक संपदा पर ब्रिटेन-भारत एमओयू’ के तहत मौजूदा सहभागिता का स्वागत किया, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं। हम एक ऐसे मजबूत एवं विश्वसनीय माहौल के सकारात्मक असर को सुदृढ़ करने के लिए आगे भी आपसी साझेदारी में काम करना जारी रखेंगे, जो नवाचार एवं रचनात्मकता का समर्थन करता है और ब्रिटेन एवं भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध में आईपी की बढ़ती अहमियत को स्वीकार करता है।
- दोनों पक्षों ने विधि एवं न्याय पर एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया, जो कानून के शासन, विवाद निपटान, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी के उपयोग और विधि सेवाओं के नियमन सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के साथ-साथ और ज्यादा आपसी गठजोड़ करने का मार्ग प्रशस्त करता है। दोनों मंत्रियों ने इस बात को भी रेखांकित किया कि एमओयू के तहत गठित की गई संयुक्त सलाहकार समिति की प्रथम बैठक पहले ही संपन्न हो चुकी है और दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए आगामी कदमों पर रज़ामंदी जता दी है।
- दोनों पक्षों ने ‘ एक्सेस इंडिया प्रोग्राम(एआईपी)’ की अहमियत के साथ-साथ उस भूमिका को भी स्वीकार किया, जो छोटे एवं मझोले उद्यम (एसएमई) हमारी द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी में निभाते हैं। चूंकि हम भविष्य को लेकर आशान्वित हैं, इसलिए हम इन संभावनाओं की तलाश करेंगे कि आखिरकार एसएमई के लिए अवसरों में कैसे वृद्धि की जा सकती है, ताकि ब्रिटेन-भारत व्यापार पर आगामी जेटको में होने वाले विचार-विमर्श में इन्हें शामिल किया जा सके।
- दोनों पक्षों ने इस तथ्य का स्वागत किया कि पिछले वर्ष ब्रिटेन द्वारा भारत के लिए 55,000 से भी अधिक कुशल वर्क वीजा मंजूर किए गए, जो अन्य सभी देशों के लिए स्वीकृत कुल वर्क वीजा की संख्या से अधिक है। यह भारत और ब्रिटेन के आपसी संबंधों की मजबूती को दर्शाता है। हमने यह बात भी रेखांकित की कि जेटको की पिछली बैठक के बाद ब्रिटेन ने कौशल आधारित आव्रजन प्रणाली के प्रति अपने भावी दृष्टिकोण पर एक श्वेत पत्र जारी किया और इसके साथ ही ब्रिटेन ने सहभागिता पर एक विस्तृत कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें जनवरी, 2019 में भारत के साथ सहभागिता भी शामिल है। हमने ब्रिटेन की भावी कौशल आधारित आव्रजन प्रणाली पर भारत के विचारों से अवगत होने के लिए गृह कार्यालय (होम ऑफिस) की ओर से निरंतर जारी संपर्क कार्यक्रम का स्वागत किया। ब्रिटेन ने इस बात को रेखांकित किया कि ये चर्चाएं संबंधित विचार मंथन में शामिल होंगी, क्योंकि ब्रिटेन की भावी आव्रजन प्रणाली को निश्चित स्वरूप प्रदान किया जा रहा है।
कारोबारियों की अगुवाई में संयुक्त कार्यसमूह
- हमने तकनीकी गठजोड़, उन्नत विनिर्माण और इंजीनियरिंग एवं स्मार्ट सिटी पर कारोबारियों की अगुवाई में गठित संयुक्त कार्यसमूहों द्वारा विगत में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। हम नवगठित समूहों को लांच किए जाने को लेकर आशान्वित हैं, जिन्हें विशेष कार्य सौंपे जाएंगे और जो आईसीटी के व्यापार, खाद्य एवं पेय पदार्थ और जीवन विज्ञान पर गठित संयुक्त कार्यसमूह के साथ और ज्यादा मिलजुल कर काम करेंगे।
जेटको की अगली बैठक
- हमने इस बात पर सहमति जताई कि जेटको की अगली बैठक वर्ष 2020 में नई दिल्ली में होगी। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने पहले से ही मजबूत भारत-ब्रिटेन साझेदारी को और नई गति प्रदान करने तथा दोनों देशों को अपनी पूर्ण व्यापार संभावनाओं को हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए आपस में मिलजुल कर काम करने के क्रम को आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
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{1} पिछले तीन वर्षों (2015-18) के दौरान ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार में 27 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। कुल व्यापार 20.5 बिलियन पौंड का हो गया है। वस्तुओं के निर्यात में 29 प्रतिशत तथा सेवा निर्यात में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार क्रमश: 13.3 बिलियम पौंड और 7.2 बिलियन पौंड का हो गया है।
आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/आरआरएस/एनआर/एमएस-2072
(Release ID: 1579325)