निर्वाचन आयोग

निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया मंचों के साथ बैठक की


आईएएमएआई और सोशल मीडिया मध्‍यवर्ती संस्‍थान उद्योग के लिए एक ‘आचार संहिता’ तैयार करने के लिए परिचालन संबंधी विवरण रखने पर सहमत  

प्रविष्टि तिथि: 19 MAR 2019 8:04PM by PIB Delhi

भारत के निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सोशल मीडिया के इस्‍तेमाल के बारे में विभिन्‍न सोशल मीडिया मंचों, इंटरनेट तथा मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के प्रतिनिधियों के साथ विस्‍तृत बातचीत की।

बैठक की शुरूआत में मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुनील अरोड़ा ने आचार संहिता को एक अनोखा और ऐतिहासिक दस्‍तावेज बताया, जिसका सभी राजनीतिक दल/संस्‍थाएं चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की तारीख से लेकर चुनाव प्रक्रिया समाप्‍त होने तक पालन करते हैं। यह आचार संहिता विभिन्‍न राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग के बीच बनी आम सहमति का नतीजा है। श्री अरोड़ा ने कहा कि सच्‍चाई यह है कि यह आचार संहिता कानून के और कड़े प्रावधानों को लागू करने की आवश्‍यकता का निवारण करती है। श्री अरोड़ा ने सोशल मीडिया संगठनों से कहा कि वे वर्तमान चुनाव प्रक्रिया के लिए तत्‍काल इसी प्रकार की स्‍थायी दस्‍तावेज वाली एक संहिता लाएं।

निर्वाचन आयुक्‍त श्री अशोक लवासा ने कहा कि सोशल मीडिया पर सोशल मीडिया मंचों के आचरणके संबंध में आज एक अहम बैठक हुई। उन्‍होंने कहा कि एक सभ्‍य समाज की पहचान है कि वह स्‍वयं पर नियंत्रण करे और नियमों का प्रभावी तरीके से पालन करे। उन्‍होंने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता इसका चुनाव अथवा राजनीतिक उद्देश्‍य के लिए दुरुपयोग न करें, इस पर प्रबंधन को गौर करना चाहिए।

निर्वाचन आयुक्‍त श्री सुशील चन्‍द्रा ने प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि निर्वाचन आयोग आचार संहिता का पालन करने, स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने इस बात को दोहराया कि सूचना का प्रसार करने में मदद करने के साथ-साथ गलत जानकारी को रोकने के संबंध में सोशल मीडिया की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। उन्‍होंने कहा कि सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने जैसे निवारकों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए। श्री चन्‍द्रा ने कहा कि सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के भागीदारीपूर्ण रवैये से निर्वाचन आयोग को अपने उद्देश्‍यों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।

बैठक में संगठनों द्वारा तेजी से कार्रवाई के लिए समर्पित शिकायत चैनल बनाने, पूर्व प्रमाणन और राजनीतिक विज्ञापनों के खर्च में पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर मुख्‍य रूप से चर्चा की गई। बैठक में आर.पी. कानून 1951 की धारा 126 का उल्‍लंघन करने पर कार्रवाई करने के लिए सोशल मीडिया मंचों द्वारा एक अधिसूचना तंत्र बनाने और इन मंचों का दुरुपयोग रोकने के बारे में भी चर्चा की गई।

बैठक में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के उद्योग प्रमुख और सोशल मीडिया संगठनों जैसे फेसबुक, व्‍हाट्सऐप, ट्वीटर, गूगल, शेयरचेट, टिकटोक और बीगो टीवी के प्रतिनिधि शामिल हुए।

आईएएमएआई और सोशल मीडिया मध्‍यस्‍थ संस्‍थान उद्योग के लिए एक आचार संहितातैयार करने के लिए कल शाम तक परिचालन संबंधी विवरणों को रखने पर सहमत हो गए।             

 

****

आर.के.मीणा/एएम/केपी/वाईबी- 742   

 


(रिलीज़ आईडी: 1569395) आगंतुक पटल : 167
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu , Marathi , Gujarati