प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में इंटिग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल केंद्रों की आधारशिला रखने के बाददिए गए संबोधन का पाठ

Posted On: 07 MAR 2019 5:17PM by PIB Delhi

उत्तर पूर्व में स्मार्ट गवर्नेंस के लिए इस नई शुरुआत का हिस्सा बनकर मैं बहुत खुश हूं। गंगटोक, नामची, पासीघाट, ईटानगर और अगरतला में इंटिग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल केंद्रोंका शुभारंभ एक स्वागत योग्य कदम है।

अपने कुशल मानव संसाधन के संग्रह के साथउत्तर पूर्व के शहरी केंद्र, पूरे क्षेत्र के लिए विकास केंद्र के रूप में उभरकर आने की क्षमता रखते हैं।

स्मार्ट सिटी मिशन शहरों को अपनी क्षमता और चुनौतियों की पहचान करने में सक्षम बनाता है। यह सार्वजनिक परामर्श के माध्यम से चुनौतियों के स्मार्ट समाधान प्रदान करता है।

स्मार्ट सिटी कमांड और कंट्रोल सेंटर विभिन्न सेवा नेटवर्कों को एकीकृत करने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हैं। वे पुलिस, परिवहन, बिजली, जल, स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति करने वाले विभागों के बीच तात्‍कालिक सहयोग में सहायता करते हैं।

मेरा मानना ​​है कि इस व्यवस्था को स्‍थापित किए जाने के बाद, प्रशासक शहर के संचालन को बेहतर ढंग से मॉनिटर करने और  अपनी प्रतिक्रिया तात्‍कालिक देने में सक्षम होंगे।

इंटिग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल केंद्रोंका कार्यान्वयन पूरे भारत में तेजी से किया जा रहा है। मार्च 2019 की पहली तारीख तक, ये केंद्र पहले से ही पंद्रह स्मार्ट शहरों में कार्यात्मक बन गए हैं। पचास अन्य केंद्रों पर काम चल रहा है।

मुझे बताया गया है कि नॉर्थ-ईस्ट में अक्टूबर 2019 की शुरुआत तक पहला इंटिग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल केंद्र स्‍थापित हो जाएगा।

इस सिस्‍टम के प्रमुख घटकों में एक घटक है नागरिक सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी तंत्र। इसतंत्र को अपराध से निपटने में सहायता देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से ट्रैफिक के आवागमन को आसान बनाने में मदद मिलेगी।

इंटिग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल केंद्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट घटक शामिल किए जानेसे इन शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग हमारी सड़कों को सुरक्षित और नागरिक अनुकूल बनाएगी। एलईडी सिस्‍टम में परिवर्तित होकरयह ऊर्जा दक्षता में भी सुधार करेगा।

स्मार्ट शहर महत्वपूर्ण नागरिक सूचनाओं को संप्रेषित करने के लिए सार्वजनिक-समाधान तंत्रों को भी स्थापित कर रहे हैं।

डिजिटल एक्सेस, डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है। सार्वजनिक वाई-फाई तंत्र नागरिकों को मुफ्त इंटरनेट प्रदान करेगा।

पर्यावरण की दृष्टि सेपूर्वोत्तरएक संवेदनशील क्षेत्र है। पर्यावरण निगरानी तंत्र और आपदा प्रबंधन मॉड्यूल, नागरिकों और सरकार को तात्‍कालिक जानकारी देंगे। इनसे नागरिकों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता मिलेगी।

जैसे-जैसे शहर इस तंत्र के विभिन्न संघटकों को स्‍थापित करेंगे और उसका विस्तार करेंगे, उन्‍हें अपने नागरिकों के जीवन यापन में सुधार लाने में सहायता मिलेगी।

मुझे बताया गया है कि उत्तर पूर्व के दस स्मार्ट सिटीज में कुल 15,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 500 से अधिक परियोजनाएं चालू की गई हैं। इनमें से 59 परियोजनाओं के लिए पहले ही कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं।

मैं सिक्किम में नामची को देखकर बहुत खुश हूं, जिसने एकीकृत जल आपूर्ति परियोजनाओं, एलईडी स्ट्रीट लाइट और फुटपाथ निर्माण पर कार्य शुरू कर दिया है। हमारे पहाड़ी शहरों में पानी एक बहुत बड़ी चुनौती बन रही है। गंगटोक ने वर्षा जल संचयन पर काम शुरू कर दिया है। उसने यातायात की भीड़ को कम करने के लिए स्मार्ट पार्किंग सुविधाओं के साथ बहु-स्तरीय कार पार्क बनाने के लिए भी परियोजनाएं शुरू की हैं।

सॉसरके आकार की अपनी भौगोलिकता के कारण,अगरतला की अपनी ही अनूठी चुनौतियां हैं जिसके चलते अगरतला बाढ़ की चपेट में आता है। शहर प्रशासन ने स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत इस समस्‍या के प्रबंधन के लिए परियोजनाएं शुरू की हैं।

ईटानगर ने अपनी स्मार्ट सड़कों और इंटेलिजेंट ट्रैफिक एवं ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से अपने शहर के सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने की योजना बनाई है। पासीघाट प्रमुख स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के माध्यम से आवास, ऊर्जा प्रबंधन और व्यवसाय विकास की चुनौतियों का समाधान कर रहा है।

इसलिए, प्रत्येक शहर ने अपनी प्रमुख समस्याओं की पहचान की है और उन समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में वह आगे बढ़ रहा है।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि अन्य पाँच उत्तर पूर्वी शहर यानी गुवाहाटी, आइज़ोल कोहिमा, इम्फाल और शिलांग भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत परियोजनाओं का कार्यान्वयन अब गति पकड़ रहा है।

मुझे विश्वास है कि हम अपने उत्तर पूर्वी शहरों में शहरी कायाकल्‍प की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इससे लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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आर.के.मीणा/एएम/जीबीपी



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