कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
वर्षांत समीक्षाः कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
Posted On:
21 DEC 2018 7:25PM by PIB Delhi
12वां सिविल सेवा दिवस कार्यक्रमः भारत के उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने 20 मार्च 2018 को दो दिवसीय 12वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सिविल सेवा दिवस के मौके पर 21 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सिविल सेवा के सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों के 15 विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, जिसके लिए पुरस्कार दिए गए हैं, ये प्राथमिकता वाले कार्यक्रम हैं जो ‘न्यू इंडिया’ के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं।
सिविल सेवा दिवस 2018 के मौके पर प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआर एंड पीजी), भारत सरकार ने दो फिल्में ‘जर्नी ऑफ पीएम-अवार्ड्स 2018’ और ‘न्यू इंडिया शेपिंग ऑफ द फ्यूचर’ एनएफडीसी में पंजीकृत प्रोड्यूसरों के जरिये बनवाई है। सिविस सेवा दिवस 2018 के अवसरों पर इन फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। ये फिल्में ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ ही विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
‘इमुलैटिंग एक्सीलेंस-टेकअवेज फॉर रिपब्लिकेशन’ जिसमें कामयाब इनोवेशन की 28 कहानियां दर्ज हैं, और ‘न्यू पाथवेज’इसमें चुनिंदा प्राथमिक कामों को सफलतापूर्वक लागू करने की 34 कहानियां दर्ज हैं, नाम से दो किताब प्रकाशित की गई हैं। सिविल सेवा दिवस 2018 के मौके पर 20 अप्रैल 2018 को इन किताबों का उप राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्र श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 अप्रैल 2018 को विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में क्रमशः लोकार्पण किया गया। पहचान किए गए प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों (प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने, प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी और ग्रामीण, और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना) की सफलता की कहानियों की एक डिजिटल प्रदर्शनी लगाई गईं। इनमें जिलों तथा केंद्र द्वारा सूचीबद्ध नवाचारों, राज्य संगठन भी शामिल थे।
प्रदर्शनी में लोक सेवकों के रचनात्मक कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया। इसमें किताबें, संगीत, पेंटिंग आदि शामिल थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन 20-21 अप्रैल, 2018 को आयोजित सिविल सेवा दिवस के अवसर पर भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने किया था।
केंद्रीय मंत्रालयों में सहायक सचिवों की तैनातीः उपराष्ट्रपति, श्री एम वेंकैया नायडू ने 11 जुलाई 2018 को, 2016 बैच के आईएएस अधिकारियों, जो भारत सरकार में सहायक सचिव के रूप में तैनात हैं, उन्हें संबोधित किया। उन्होंने आईएएस अधिकारियों से कहा कि वे लोगों को बदलते भारत के सक्रिय एजेंटों के रूप में देखें न कि केवल 'लक्षित समूहों' या 'लाभार्थियों' के रूप में। 58 केंद्रीय मंत्रालयों में सहायक सचिवों के रूप में कार्यरत 2016 बैच के 176 युवा आईएएस अधिकारियों ने इंटरएक्टिव सत्र में भाग लिया। 4 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2016 बैच के उद्घाटन सत्र के दौरान 170 से अधिक युवा आईएएस अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिन्हें भारत सरकार में सहायक सचिव नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने उनके साथ सुशासन के कुछ तत्वों पर चर्चा की, जिसमें जन भागदारी, सूचना प्रवाह, संसाधनों का अधिकतम उपयोग और शासन में लोगों का भरोसा शामिल है। 27 सितंबर 2018 को विदाई सत्र (Valedictory Session) में 2016 बैच के आईएएस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रजेंटेशन भी दिया। कृषि आय बढ़ाने, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, शिकायत निवारण, नागरिक केंद्रित सेवाएं, बिजली क्षेत्र में सुधार, पर्यटक सुविधा, ई-नीलामी, और स्मार्ट शहरी विकास समाधान जैसे विषयों पर अधिकारियों द्वारा 8 चयनित प्रस्तुतियां दी गईं।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 120 इंडक्शन ट्रेनिंग के प्रतिभागियों से 3 अगस्त 2018 को बातचीत की। राज्य सिविल सेवा से आईएएस में पदोन्नत किए गए 18 राज्यों के 89 अधिकारियों के समूह ने मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। मंत्री के साथ बातचीत के दौरान, प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण के मानकीकरण, नए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने, कुछ स्थानों पर आईएएस अधिकारियों की कमी और सरकार की नई पहल आदि सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। 02 जुलाई 2018 को मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) द्वारा आयोजित सिविल सेवकों और अधिकारियों के लिए 44वें एडवांस्ड प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (APPPA) में उद्घाटन भाषण दिया। वर्तमान सरकार द्वारा अपनाई गई प्रथा के अनुसार मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा 01 मई 2018 को आयोजित एक समारोह में सिविल सेवा परीक्षा (2017) के टॉपर्स को सम्मानित किया।
सुशासन पर क्षेत्रीय सम्मेलन: विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भोपाल (एमपी), कोहिमा (नगालैंड) और तिरुवनंतपुरम (केरल) में तीन क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए। सुशासन लागू करने के लिए जिम्मेदार केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों, नीति आयोग के अधिकारी, जिलों के डीसी, पीएम पुरस्कार पाने वाले उम्मीदवार, ई-गवर्नेंस और सीएपीएएम पुरस्कारों आदि ने सम्मेलन में भाग लिया। इस साल के सम्मेलनों का विषय गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्स पर था जिसमें एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स/क्षमता निर्माण/नागरिक केंद्रित सेवाएं/पहल और सेवाओं में ई-गवर्नेंस पर फोकस किया गया था।
इस वर्ष, द्विवार्षिक पत्रिका के दो अंक ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ जुलाई- दिसंबर, 2017 और जनवरी-जून, 2018 क्रमशः जनवरी, 2018 और जुलाई, 2018 के महीने में विभाग की वेबसाइट पर ई-प्रकाशित की गईं।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवार्ड्स: मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने ई-गवर्नेंस 2017-18 (21वें संस्करण) पर हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दो दिवसीय आयोजन में ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में सराहनीय प्रयासों के लिए 8 श्रेणियों में 19 पुरस्कार प्रदान किए। प्रत्येक श्रेणी में 2 लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिया गया। प्रशस्ति पत्र और एक लाख का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। सम्मेलन का विषय 'विकास में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी' था। इस सम्मेलन का उद्घाटन 26.02.2018 को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सीआर चौधरी और तेलंगाना राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी, नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास, उद्योग और वाणिज्य मंत्री श्री के टी रामा राव द्वारा किया गया था। कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी, जहां विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र की ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया था। वहीं एक हॉल में ई-शासन की पहल जो समय के साथ निरंतर और विकसित हुई है और जिनके पास नागरिकों की बाजार सेवाओं तक पहुंच के प्रतिमान में बदलाव की संभावना है। इन पहलों में आधार, जीएसटीएन, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), हॉके, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का ई-एनएएम प्लेटफॉर्म, मीसेवा आदि शामिल थे। ई-गवर्नेंस 2019 (22वां संस्करण) पर अगला राष्ट्रीय सम्मेलन फरवरी 2019 में जयपुर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान ई-गवर्नेंस के लिए 6 श्रेणियों के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार देने का प्रस्ताव है। यानी (1) डिजिटल परिवर्तन के लिए सरकारी प्रक्रिया पुनर्रचना में उत्कृष्टता; (2) नागरिक केंद्रित सेवा मुहैया कराने में उत्कृष्टता; (3) ई-गवर्नेंस में जिला स्तरीय पहल में उत्कृष्टता। उत्तर-पूर्व के राज्य+पहाड़ी राज्य ii)। केंद्र शासित प्रदेश (दिल्ली सहित) iii)। अन्य राज्यों (4) शैक्षणिक/अनुसंधान संस्थानों द्वारा नागरिक केंद्रित सेवाओं पर उत्कृष्ट शोध; (5) स्टार्टअप द्वारा आईसीटी इन ई-गवर्नेंस समाधान का अभिनव उपयोग [स्टार्टअप ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन विभाग, भारत सरकार द्वारा परिभाषित]; (6) इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज में उत्कृष्टता। इस सम्मेलन का विषय 'डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्कृष्टता' है।
ई-कार्यालय कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए मंत्रालयों/विभागों की प्रशंसा के प्रमाण पत्र: 14 मार्च 2018 को मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने-अपने मंत्रालयों/विभागों में ई-ऑफिस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 34 मंत्रालयों/विभागों को प्रशंसा पत्र प्रदान किए। यह पुरस्कार प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिए जाते हैं। ई-ऑफिस डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत मिशन मोड प्रोजेक्ट्स में से यह एक है।
लोक प्रशासन और शासन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभाग लोक प्रशासन और शासन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित मामलों के संबंध में नोडल बिंदु के रूप में काम करता है। इसमें भारत के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रमों और यात्राओं का आयोजन और परियोजनाओं के हिस्से के रूप में विदेशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे/द्विपक्षीय उपाय शामिल हैं। भारत और अन्य देशों (द्विपक्षीय या बहुपक्षीय) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)/समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अंतरराष्ट्रीय सहयोग घटक का उद्देश्य सरकार में सूचना, सर्वोत्तम अभ्यास और कर्मियों के साझाकरण को सक्षम बनाना है।
कॉमनवेल्थ एसोसिएशन फॉर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (सीएपीएएम) के संस्थागत सदस्य और बोर्ड सदस्य के रूप में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग राष्ट्रमंडल में सुशासन को बढ़ावा देने के वास्ते विभिन्न रणनीतिक कार्यक्रमों और सीएपीएएम की गतिविधियों के साथ सक्रिय रूप से लगा हुआ है। 21 अक्टूबर, 2018 को गुयाना के जॉर्जटाउन में सीएपीएएम के आम सदस्यों की बैठक हुई। इसमें सचिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव को 2018-2020 की अवधि के लिए सीएपीएएम के निदेशक मंडल में चुना गया था। गुयाना, जॉर्जटाउन में आयोजित सीएपीएएम सम्मेलन के दौरान, सीएपीएएम इनोवेशन अवार्ड्स की घोषणा की गई। कुल चार श्रेणियों में से भारत दो श्रेणियों में पुरस्कार जीतने में कामयाब रहा। ‘उन्नयन बांका-प्रौद्योगिकी की उपयोग से शिक्षा का पुनर्निरीक्षण’ की श्रेणी में इनोवेशन इनक्यूबेशन का पुरस्कार मिला।“यूनिफाइड एग्रीकल्चर मार्केट्स, कर्नाटक सरकार के सहकारिता विभाग” नामक एक अन्य पहल को भी श्रेणी ‘इनोवेशन इन पब्लिक सर्विस मैनेजमेंट’ के तहत चुना गया है और सीएपीएएम काएक एकमात्र स्वर्ण पदक भारत के खाते में आ गया।
अपने आदेश के डीपीआरपीसी केंद्र सरकार और राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों को भी शामिल कर रहा है, जिन्हें लोक प्रशासन में उत्कृष्टता और ई गवर्नेंस के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के चुना गया है। लोक प्रशासन और सेवा के क्षेत्र में प्रशासनिक अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति के संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में छोटी अवधि के विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इन्हें शामिल किया गया है। 2018-19 के दौरान, कोरिया डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (केडीआई, सियोल दक्षिण कोरिया, मई-जून 2018 में) और मैक्सवेल सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क, अमेरिका में नवंबर 2018 के दौरान 15 अधिकारियों वाले दो समूहों ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया।
सीपीजीआरएमएस में उनके प्रदर्शन के आधार पर मंत्रालयों/विभागों की प्रशंसा के प्रमाण पत्र:
27 मार्च 2018 को, मंत्री ने केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएमएस) में उनके प्रदर्शन के आधार पर मंत्रालयों/विभागों को प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया। विभागों को जुलाई से सितंबर, 2017 और अक्टूबर से दिसंबर, 2017 के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 10 अगस्त 2018 को डॉ. जितेंद्र सिंह ने पीजी पोर्टल पर सार्वजनिक शिकायतों को संभालने में शानदार प्रदर्शन के लिए विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। मंत्रालयों को जनवरी-मार्च, 2018 और अप्रैल-जून, 2018 की तिमाही के लिए प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
सार्वजनिक शिकायतों की निगरानी के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड का शुभारंभ: 11 मार्च 2018 को मंत्री ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा विकसित एक ऑनलाइन डैशबोर्ड लॉन्च किया। डैशबोर्ड वास्तविक समय के आधार पर जनता की शिकायतों की निगरानी करता है और समय-समय पर प्रणालीगत सुधारों की प्रगति की समीक्षा करता है। यह इन सुधारों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए संबंधित मंत्रालयों / विभागों को सक्षम बनाता है।
लोक शिकायतों का निपटान: वर्ष 2018 के दौरान 21 दिसंबर 2018 तक प्राप्त होने वाली लोक शिकायतों की प्राप्तियों और निपटान की स्थिति निम्नानुसार है:
01.01.2018 तक लंबित शिकायतों की संख्या: 1,21,806
2018 के दौरान प्राप्त शिकायतों की संख्या: 10,92,221
2018 के दौरान निवारण शिकायतों की संख्या: 11,01,267
21.12.2018 को लंबित शिकायतों की संख्या: 93,107
मंत्रिमंडल के फैसले
· 07 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉरीशस के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और लोक सेवा आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी। समझौता ज्ञापन दो देशों के लोक सेवा आयोगों के बीच संस्थागत संपर्क विकसित करेगा। यह पीएससी, मॉरीशस और यूपीएससी के बीच सहयोग के दायरे को परिभाषित करता है और पार्टियों के सहयोग और दायित्वों के क्षेत्रों को निर्धारित करता है।
· 23 मई 2018 को कैबिनेट ने कार्मिक प्रबंधन और लोक प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी। एमओयू का उद्देश्य शासन की वर्तमान प्रणाली विशेष रूप से कार्यबल, कार्यस्थल और नौकरियों, सार्वजनिक सेवा वितरण, मानव संसाधन प्रबंधन, सार्वजनिक क्षेत्र सुधार, नेतृत्व/प्रतिभा विकास और ई-गवर्नेंस/डिजिटल सरकार के क्षेत्रों में में सुधार करना है।
मानव संसाधन मंत्री श्री एम. कुलसेगरन के नेतृत्व में मलेशियाई प्रतिनिधिमंडल ने 09 अक्टूबर 2018 को मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। मलेशियाई प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा मई 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मलेशिया यात्रा के बाद थी। बैठक के दौरान भर्ती, प्रशिक्षण और सार्वजनिक सेवाओं के अन्य पहलुओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
लोक सेवा और सुशासन, कानून और न्याय मंत्री, तंजानिया सरकार (ज़ांज़ीबार) श्री हारून अली सुलेमान ने 16.11.18 को राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए), मसूरी और अन्य भारतीय संस्थानों के साथ शैक्षणिक स्तर पर कार्यक्रमों के आदान-प्रदान की संभावनाओं के साथ-साथ प्रशानिक अनुभव को लेकर भारत से चर्चा की।
पेंशन अदालत: पेंशन और पेंशनरों के कल्याण विभाग ने CPENGRAMS में उन मामलों की पेंशन अदालत आयोजित करने का अनूठा प्रयोग शुरू किया जो या तो विभिन्न मंत्रालयों द्वारा नियमित रूप से बंद थे या 60 दिनों की समय-सीमा के भीतर निपटाए नहीं गए थे। अपनाई गई कार्यपद्धति के तहत विशेष शिकायत से जुड़े सभी लोगों को बुलाया जाता है और मामले को सुलझाने की कोशिश की जाती है। संबंधित विभाग, पीएओ, संबंधित बैंक और पेंशनर के प्रतिनिधि और मामले को हल करते हैं। 9 फरवरी, 2018 को दूसरे पेंशन अदालत में 34 लंबित पेंशन शिकायतों को उठाया गया और मंत्रालयों, विभागों, बैंकों, सीपीएओ के विभिन्न हितधारकों को मौके पर शिकायत का निवारण करने के लिए बुलाया गया था। मामलों में पारिवारिक पेंशन का पुनरीक्षण, पेंशन का कम्यूटेशन, जीपीएफ का अंतिम निपटान, फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस आदि शामिल हैं। चयनित 34 मामलों में से 20 का निराकरण अदालत में ही कर दिया गया। इनमें से 19 मामलों को पेंशनरों के दावों को स्वीकार करके हल किया गया था। शेष मामलों को हल करने के लिए संबंधित विभागों को उपयुक्त निर्देश दिए गए थे। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 95वीं रिपोर्ट में पेंशन अदालतों की व्यवस्था की सराहना की और सुझाव दिया कि सुशासन के हिस्से के रूप में इसे पेंशनरों को समर्पित किया जा सकता है जिससे उनकी शिकायतों का समाधान किया जा सके। समिति ने इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, देश भर में तमाम मंत्रालयों को एक विशेष दिन पर पेंशन आदालत रखने का सुझाव दिया था।
अखिल भारतीय पेंशन अदालत - 2018: पेंशनरों को वर्ष में एक दिन समर्पित करने के अपने प्रयास के तहत पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग ने 18 सितंबर, 2018 को एक अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था। ये अदालतें पूरे देश में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ-साथ गैर-नागरिक मंत्रालयों सहित मंत्रालयों/विभागों मसलन रक्षा, रेलवे, दूरसंचार और डाक विभाग में आयोजित किए गए थे। राज्यों के मुख्य सचिवों को उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंत्रालयों और अखिल भारतीय सेवा पेंशनरों के लिए आदालत का संचालन करने के लिए भी कहा गया था। इसके बाद इस मॉडल को सभी स्टेक होल्डर्स के बीच लाने का इरादा था जिसमें विभागों के प्रमुख, पीएओ कार्यालय और संबंधित बैंक,पेंशनर या उनके प्रतिनिधि के साथ एक टेबल पर और मौके पर ही मामलों को समाधान किया जाना तय किया गया था। प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक इन पेंशन अदालतों में निवारण के लिए 12,849 मामले उठाए गए। केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से संबंधित 9,368 (73%) शिकायतों को उसी दिन हल कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त राज्यों/संघ शासित प्रदेशों ने अखिल भारतीय सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए पेंशन अदालत भी आयोजित की, जिस दौरान 1614 शिकायतों का उसी दिन निस्तारण कर दिया गया।
उसी दिन, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने विभिन्न मंत्रालयों की 32 शिकायतों को भी उठाया, जहां पेंशनरों ने संबंधित अधिकारियों द्वारा निस्तारित केस को लेकर असंतोष भी जताया था। इन मामलों को CPENGRAMS पोर्टल में अनसुलझे शिकायतों में से चुना गया था। इसके अलावा पिछली पेंशन अदालत में जो 4 मामले नहीं सुलझ पाए थे, उनकी भी समीक्षा की गई। इनमें 22 मामलों को मौके पर ही निस्तारित कर दिया गया। शेष मामलों में संबंधित विभागों/पीएओ/सीपीएओ/बैंकों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर शिकायतों का समाधान करने के लिए उपयुक्त निर्देश दिए गए थे।
पेंशनभोगियों की शिकायतों के मूल कारण विश्लेषणः विभाग ने पेंशनभोगियों के मामलों को निपटाने के लिए शिकायतों के मूल कारणों का विश्लेषण करने के लिए स्वतंत्र रूप से तीसरे पक्ष की भी मदद ली ताकि केसों को उचित तरीके से निपटाया जा सके। तीसरे पक्ष की मदद उन मामलों में ली गई जिनके निपटाने को लेकर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं थे। मूल कारणों को लेकर विश्लेषण किए जाने के बाद मंत्रालय संबंधित मामलों की व्यापक तौर पर समीक्षा करते हैं। मामलों को निपटाने के तौर-तरीकों के साथ ही मिलने वाली संबंधित प्रतिक्रियाओं का भी विश्लेषण किया जाता है। इस अभ्यास का परिणाम यह हुआ कि संबंधित केंसों में शामिल सभी स्टेक होल्डर्स की पहचान सुनिश्चित की गई और मूल कारणों के विश्लेषण के जरिये मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाए गए। इसमें ऐसे मामलों में बैंकों के साथ बैठकें शामिल थीं जिनमें पेंशन/पारिवारिक पेंशन की शुरुआत में देरी, पेंशन क्रेडिट में गड़बड़ी, पेंशन राशि में विसंगति, पेंशन पर्ची उपलब्ध नहीं कराना, पेंशनभोगी द्वारा वांछित रूप से शाखा में किसी परिवर्तन को लागू नहीं करने संबंधी मामले शामिल थे, उन सभी मसलों को निपटाया गया। इसी तरह, सीपीएओ से संबंधित मुद्दे उठाए गए थे जैसे कि पूर्व 01.01.2016 के पेंशन संशोधन मामलों में संशोधन, संशोधित प्राधिकरण के मुद्दे में देरी आदि।
अनुभवः तृतीय अनुभव पुरस्कार समारोह के दौरान, राज्य मंत्री (पीपी) द्वारा 18 सितंबर, 2018 को अनुभव पोर्टल पर 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2018 तक प्रकाशित लेखन को लेकर छह पुरस्कार दिए गए। सेवानिवृत्त होने वाले लोगों को उनकी सेवानिवृत्ति अवधि और सेवानिवृत्ति के बाद की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य मंत्री की उपस्थिति में 10.01.18 को पूर्व-सेवानिवृत्ति परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 125 सेवानिवृत्त लोगों ने अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन में स्वयंसेवी गतिविधियों को लेकर 5 गैर सरकारी संगठनों के साथ बातचीत की।
घर से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त करना: अपना जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए नवंबर के महीने में बैंकों के बाहर कतार में लगे वरिष्ठ और बीमार पेंशनभोगियों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए, विभाग ने महत्वपूर्ण पहल की। इसके तहत पायलट आधार पर आठ शहरों में पेंशन संघों को इस योजना में शामिल किया गया ताकि बुजुर्ग पेंशनभोगियों के घर से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सके। यह पायलट कार्यक्रम नोएडा, दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, मुंबई, मैसूर, वड़दोरा, त्रिवेंद्रम और बेंगलुरु में 13 दिसंबर 2018 तक चलाया गया। इसमें 2480 वरिष्ठ पेंशनभोगियों के घर से जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किए गए।
स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (एससीओवीए): सरकारी कार्यवाही संचालित करने के इतर इस विभाग की नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने को लेकर फीडबैक हासिल करने के लिए राज्यमंत्री की अध्यक्षता में स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति का गठन गया है। स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति की 30वीं बैठक राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 23 मार्च 2018 को नई दिल्ली में संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न पेंशन संघों, मंत्रालयों, विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें पेंशनभोगियों से संबंधित तमाम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया जिनमें 2006 से पूर्व के पेंशनभोगियों के पीपीओ का पुनरीक्षण, गैर-सीजीएचएस क्षेत्र में रहने वाले पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना, युद्ध से जुड़ी विधवाओं के लिए विशेष "उच्चतर" पारिवारिक पेंशन, पीजी और टी पेंशनभोगियों को सीजीएचएस सुविधाओं का विस्तार, संबंधित समस्या सीजीएचएस वेलनेस सेंटर, देहरादून आदि से जुड़े मसले शामिल थे।
2018 के दौरान पेंशन सुधार
- 31.01.2018 के आदेश को पेंशनभोगियों द्वारा दावा किए गए फिक्सड मेडिकल अलाउंस को सीएमओ के प्रमाणन के साथ भेज दिया गया है। यह उन लोगों के लिए है जो सीजीएचएस के तहत नहीं आने वाले शहरों में रहते हैं।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना के कार्यान्वयन को कारगर बनाने के लिए वित्तीय सेवा विभाग द्वारा सचिव, पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। समिति ने 28.2.2018 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। समिति की सिफारिशों के आधार पर, सरकार ने निम्नलिखित निर्णय लिए हैं: -
· एनपीएस टियर-1 के तहत कवर किए गए अपने कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य योगदान को मौजूदा 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया गया है।
· केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन निधि और निवेश के पैटर्न के चयन के लिए पसंद की स्वतंत्रता प्रदान करना।
· 2004-2012 के दौरान एनपीएस योगदान के गैर-जमा या विलंबित जमा के लिए मुआवजे का भुगतान।
· एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट की सीमा 60% तक बढ़ा दी गई है। इससे पूरी निकासी पर अब आयकर से छूट मिलेगी।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वार्षिक रिपोर्ट क्रमशः 14 वीं 15 मार्च 2018 को लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई। वार्षिक रिपोर्ट के रुझान इस प्रकार थे:-
· 2016-17 की रिपोर्टिंग वर्ष के दौरान 9.17 लाख आरटीआई आवेदन पंजीकृत केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरण (पीए) द्वारा प्राप्त किए गए थे। 2015-16 की तुलना में यह 59,670 यानी 6.1% कम है।
· केंद्रीय पीएएस ने 2016-17 के दौरान 6.59% (60,428) आरटीआई आवेदनों को अस्वीकार कर दिया, जो 2015-16 में रिपोर्ट किए गए 6.62% से 0.03% कम है।
· वित्त मंत्रालय (18.41%), गृह मंत्रालय (16.08%) और श्रम और रोजगार मंत्रालय (14.37%) द्वारा खारिज किए गए आरटीआई आवेदनों में से सबसे अधिक प्रतिशत था।
· वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 में पिछले वर्ष की तुलना में केंद्रीय लोक अपीलीय अधिकारी द्वारा प्राप्त प्रथम अपील में 0.08% की कमी देखी गई है।
· केंद्रीय सूचना आयोग ने 2016-17 में 32,344 अपीलों और शिकायतों के मामलों का निस्तारण किया, जो कि स्थापना के बाद से आयोग द्वारा उच्चतम निपटान है। इसी अवधि के दौरान कुल 23,811 मामले दर्ज किए गए। वर्ष के अंत में आयोग के पास 26,449 मामले लंबित थे।
· आयोग ने 2016-17 के दौरान 18.98 लाख रुपये का दंड लगाया जिसमें से कि पीआईओ के पास से 8.6 लाख रुपये वसूले गए।
· कुल 1,965 पीए ने वार्षिक रिटर्न जमा किया है जो पिछले वर्ष 2015-16 की तुलना में अधिक है।
केंद्रीय सूचना आयोग का 13वां वार्षिक अधिवेशनः भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 12.10.18 को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 13वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। "डेटा गोपनीयता और सूचना का अधिकार, आरटीआई अधिनियम में संशोधन और आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन" विषय पर वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य शासन में सुधार के दृष्टिकोण के साथ पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार के उपायों की सिफारिश करना रहा।
केंद्रीय सूचना आयोग की नई इमारतः प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 06 मार्च 2018 को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के नए भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण निश्चित अवधि से पहले ही पूरा कर लिया गया और इसके लिए प्रधानमंत्री ने निर्माण कार्य में शामिल सभी एजेंसियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल रेटिंग (गृह-IV) से निर्मित इस भवन से ऊर्जा की बचत सुनिश्चित होगी और उससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी। नया भवन बन जाने से आयोग एक ही जगह कार्य करने में सक्षम हो सकेगा।इसके पहले आयोग का काम दो भवनों में चल रहा था। सीआईसी की नई इमारत आर्ट-ग्रीन बिल्डिग की स्थिति में बनी है जिसका निर्माण समय से पहले नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ने किया है। सीआईसी की यह पांच मंजिला इमारत सभी सुविधाओं से लैस है जिसमें आईटी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है। बता दें कि सीआईसी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 द्वारा स्थापित शीर्ष अपीलीय निकाय है।
केंद्रीय सूचना आयोग ने जुलाई, 2018 में हिंदी में मोबाइल ऐप का एक नया अपडेटेड संस्करण - “CIC App” लॉन्च किया, जो निम्न विशेषताओं के साथ गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर में उपलब्ध है:
· अब अपीलकर्ता दोनों भाषाओं यानी हिंदी और अंग्रेजी में अपनी दूसरी अपील सीआईसी में दायर कर सकता है।
· अब अपीलकर्ता दोनों भाषाओं यानी हिंदी और अंग्रेजी में मामले की स्थिति और अपील के मारे में एप्प से जान सकता है।
· अब अपीलकर्ता दोनों भाषाओं यानी हिंदी और अंग्रेजी में अपने अपील की वास्तविक स्थिति जान सकता है।
· अपीलकर्ता एप्प के माध्य से सुनवाई की नोटिस, फैसलिटेशन मेमो और फैसलों की प्रति (Copy) डाउनलोड कर सकता है।
केंद्रीय सूचना आयोग ने विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा किए गए आरटीआई अधिनियम के यू-एस 4 के स्वतः खुलासे की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए एक मूल्यांकन किया है। मूल्यांकन करने वाली समिति में पूर्व सूचना आयुक्त श्री ए. एन. तिवारी और पूर्व सूचना आयुक्त श्री एम.एम. अंसारी शामिल हैं। इसका गठन 20 नवंबर 2018 को किया गया था।
केंद्रीय सूचना आयोग ने 07.04.18 को "स्वास्थ्य और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी में मूख्य सूचना आयुक्त, केंद्रीय सूचना आयुक्त, पूर्व सूचना आयुक्तों, राज्य सूचना आयोगों के आयुक्तों, एनजीओ और अन्य स्टेक होल्डर्स ने हिस्सा लिया।
सतर्कता जागरूकता सप्ताह: केंद्रीय सतर्कता आयोग ने उस सप्ताह के दौरान सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जिसमें 31 अक्टूबर को स्वर्गीय सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्मदिन पड़ता है। 29 अक्टूबर से 3 नवंबर 2018 के दौरान सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जिसका विषय “भ्रष्टाचार मिटाओ- नया भारत बनाओ” था। सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा ईमानदारी का संकल्प लेने के साथ शुरू हुआ, जो सभी केंद्र सरकार के लोक सेवकों को एक साथ प्रतिज्ञा लेने में सक्षम बनाने के लिए दूरदर्शन पर लाइव और टेलीकास्ट किया गया था। भारत के राष्ट्रपति,श्री राम नाथ कोविंद 31 अक्टूबर 2018 को विज्ञान भवन में आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह समारोह के मुख्य अतिथि थे। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कार्यक्रम के दौरान विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद थे। कार्यक्रम में विभिन्न संवैधानिक और वैधानिक निकायों के वरिष्ठ सेवारत और सेवानिवृत्त पदाधिकारियों, विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और अन्य केंद्र सरकार के संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, पेशेवर संगठनों, व्यापार और उद्योग संघों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, प्रमुखों और प्रमुखों ने भाग लिया। इसमें शैक्षिक संस्थानों के साथ-साथ छात्र भी शामिल थे। राष्ट्रपति ने दंडात्मक, निवारक और भागीदारी सतर्कता के क्षेत्र में संगठनों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों के लिए सतर्कता उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए। भारत सरकार के विभागों और संगठनों द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान बड़े पैमाने पर संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन किया गया।
सीवीसी व्याख्यान श्रृंखला: वर्ष के दौरान, सीवीसी ने अपने "व्याख्यान श्रृंखला" के एक भाग के रूप में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों/प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा व्याख्यान आयोजित किए। इन में लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने “जनप्रतिनिधि के तौर पर मेरी भूमिका” विषय पर अपने विचार व्यक्ति किए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के निदेशक डॉ. रथिन रॉय ने "व्हाई फिस्कल रेक्टिट्यूड मैटर्स" विषय पर व्याख्यान दिया जबकि यूआईडीएआई के सीओ डॉ. अजय भूषण पांडे ने "आधार- सशक्तिकरण और पारदर्शिता के लिए उपकरण", "भारतीय अर्थव्यवस्था- संरचनात्मक प्रश्न" विषय पर भारतीय वित्त आयोग के सदस्य श्री शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य डॉ. आशिमा गोयल ने "भारतीय संस्थाएं: विकास और हिस्टैरिसीस", प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री सुरजीत भल्ला ने "भारत में रोजगार और गरीबी में कमी", नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत "एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स ऑफ अ न्यू इंडिया बाई 2022" विषय पर, सेबी के पूर्व अध्यक्ष श्री एम. दामोदरन ने "सार्वजनिक क्षेत्र में कॉर्पोरेट प्रशासन" विषय पर, आरबीआ के गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल ने "प्रिवेंटिव विजिलेंस- की टूल ऑफ गुड गवर्नेंस एट पब्लिक सेक्टर इंस्टीट्यूशन", सीसीवी, सतर्कता आयुक्त डॉ. टी. एम. भसीन ने "शीर्ष 100 बैंक धोखाधड़ी के विश्लेषण पर रिपोर्ट", पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन श्री हेमंत जी कॉन्ट्रैक्टर ने "पेंशन और सामाजिक सुरक्षा" विषय पर अपनी राय रखी।
टॉप 10 बैंक धोखाधड़ी के मामलेः केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने इस वर्ष जारी एक रिपोर्ट में 2017 तक के आंकड़ों से टॉप 100 बैंक धोखाधड़ी की समीक्षा और विश्लेषण किया है। इस अध्ययन को 13 क्षेत्रों में बांटा गया था, जिसमें रत्न और आभूषण, विनिर्माण, कृषि क्षेत्र, मीडिया, विमानन, सेवा क्षेत्र, चेक और बिलों की छूट, ट्रेडिंग सेक्टर, आईटी सेक्टर, निर्यात क्षेत्र, फिक्स्ड डिपॉजिट और डिमांड लोन आदि शामिल थे। इन क्षेत्रों में लिए गए ऋणों के तौर-तरीकों का गहन विश्लेषण किया गया है और विभिन्न खामियों की पहचान की गई है। निष्कर्षों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट में प्रणालीगत सुधार के लिए विभिन्न उद्योगों के विशिष्ट सुझावों को शामिल किया गया जिन्हें खामियों को दूर करने के लिए वित्तीय मामलों को देखने वाले विभागों और आरबीआई को भी भेजा गया है। सुझाए गए उपायों में एसओपी को मजबूत करना, निगरानी प्रणाली और नियंत्रण कार्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डालना भी शामिल है। इसलिए कामकाज की गुणवत्ता के पहलू की जांच करने का सुझाव भी शामिल था। विश्लेषणात्मक अध्ययन को आयोग द्वारा एक निवारक सतर्कता उपाय के रूप में शुरू किया गया था ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटना को कम किया जा सके।
यूपीएससी ने उम्मीदवारों द्वारा आवेदन वापस लेने की सुविधा दी: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उम्मीदवारों द्वारा आवेदन वापस लेने की सुविधा दी है। 01 जुलाई 2018 को 92वें स्थापना दिवस के मौके पर बोलते हुए यूपीएससी के चेयरमैन श्री अरविंद सक्सेना ने इसकी घोषणा की। अध्यक्ष ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के साथ यूपीएससी का अनुभव है कि आवेदन करने वाले 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों में लगभग 50% ही प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, ‘"आयोग को परीक्षा के लिए जगह बुक करनी पड़ती है, पेपर प्रिंट करना, इन्विजिटर्स को नियुक्त करना पड़ता है, और सभी 10 लाख आवेदकों के लिए दस्तावेजों को ले जाना और ले आना पड़ता है जिसमें ऊर्जा और संसाधनों का 50% की बर्बादी होती है। आवेदन की वापसी पुष्टि के लिए ईमेल और एसएमएस भेजा जाएगा। आवेदन एक बार वापस लिए जाने के बाद इस पर दोबारा विचार नहीं किया जाएगा।
श्री अरविंद सक्सेना यूपीएससी के चेयरमैन बनेः श्री अरविंद सक्सेना ने 08 मई 2018 को सदस्य के तौर पर आयोग से जुड़े। इसके बाद उन्हें 20 जून 2018 को आयोग के चेयरमैन का कार्यभर देखने के लिए नियुक्त कर दिया गया। बाद में 29 नवंबर 2018 को उन्होंने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन पद की शपथ ली।
जम्मू कश्मीर काडर के 1986 बैच के आईएएस श्री भारत भूषण व्यास (सेवानिवृत्त) ने 13.12.18 को केंद्रीय लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
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आरकेमीणा/एएम/वीएस
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