वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
वाणिज्य मंत्रालय ओडीओपी के अंतर्गत नए निर्यातकों और नए बाजारों को बढ़ावा देने के लिए नए दिशानिर्देश जारी करेगा: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल
भारत अशांत दुनिया में एक नखलिस्तान की तरह है, जो 773 जिलों और सशक्त नेतृत्व से संचालित है: श्री पीयूष गोयल
एक जिला, एक उत्पाद भारत की विरासत और वैश्विक क्षमता को दर्शाती एक अनूठी पहल है: श्री पीयूष गोयल
Posted On:
14 JUL 2025 7:33PM by PIB Delhi
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय “एक जिला एक उत्पाद” (ओडीओपी) 2024 पुरस्कार समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय नए निर्यातकों को नए बाजारों तक पहुंचाने के लिए जिलों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय जल्द ही नए बाजारों, नए उत्पादों और नए निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए और दिशानिर्देश जारी करेगा। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय और जिले ओडीओपी उत्पादों को नए बाजारों तक पहुंचाने और नए निर्यातकों को सहयोग देने के लिए साझेदारी कर सकते हैं।
श्री गोयल ने बताया कि विभिन्न राज्यों के 773 जिलों ने भारत की सफलता की कहानी में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत इस अशांत दुनिया में रेगिस्तान में एक नखलिस्तान की तरह है और आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारत 2027 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्यों, जनसंख्या और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मिलकर इस विकास की कहानी को संभव बनाया है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने विविध उत्पाद हैं जो भारत को विश्व स्तर पर ले जा सकते हैं। उन्होंने वायनाड की कॉफी, रत्नागिरी के आम और पुलवामा के केसर जैसे उदाहरण देते हुए कहा कि ये उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करते हैं जो भारत का नाम दुनिया भर में पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि “एक जिला, एक उत्पाद” एक अनूठी पहल है और किसी अन्य देश में ऐसा नहीं है। प्रत्येक जिला एक अलग तरह की विरासत लेकर आता है। उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी ओडीओपी के तहत दो उत्पादों को मान्यता देनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय (लोकल) अब वैश्विक (ग्लोबल) हो रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि 87 में से 64 उत्पाद औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने बताया कि बिहार के सभी 38 जिलों ने ओडीओपी के अंतर्गत उत्पादों का शत-प्रतिशत कवरेज हासिल कर लिया है और बिहार ने इस पहल को महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि सभी उत्पाद राज्य की आर्थिक व्यवस्था में शामिल हैं और औद्योगिक नीति में भी शामिल हैं। इस संबंध में बिहार को श्रेणी ए में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि अमृत काल 2022-2047 की शुरुआत में घोषित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'पंच-प्राण' या प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। ये प्रतिबद्धताएं भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को देश की संप्रभुता की रक्षा करनी चाहिए और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने बताया कि 27 राज्यों को पीएम एकता मॉल स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है, जो उनके अपने राज्यों के साथ-साथ अन्य राज्यों के उत्पादों को भी बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि इन मॉल में जीआई-टैग वाले उत्पाद, हथकरघा आदि भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ओडीओपी उत्पादों को टिकाऊ बनाने की जरूरत है। उन्होंने उत्पादों की ब्रांडिंग और गुणवत्ता पर काम करने की जरूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सुधार की जरूरत है ताकि उत्पादों को उनकी उच्च गुणवत्ता के लिए दुनिया भर में सम्मान मिले। उन्होंने यह भी कहा कि ओडीओपी पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि ओडीओपी उत्पादों को आगे बढ़ाने के तरीके सीखने और अनुकरण करने में मदद के लिए एक सर्वोत्तम प्रथाओं का संग्रह तैयार किया गया है।
उन्होंने सभी से अपने उत्पादों के माध्यम से ओडीओपी को अपने जिलों में समृद्धि की प्रेरक शक्ति बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने सभी हितधारकों को अपने ओडीओपी को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा आयोजित एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पुरस्कारों के दूसरे संस्करण का भी आयोजन किया गया। ये पुरस्कार ओडीओपी पहल के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जिलों और विदेश स्थित भारतीय मिशनों के प्रयासों को मान्यता देने और उनका सम्मान करने के लिए स्थापित किए गए थे।
इस पहल के तहत, सरकार ने देश भर के 750 से अधिक जिलों से 1,200 से अधिक अनूठे उत्पादों की पहचान की है, जो कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प आदि क्षेत्रों में फैले हुए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य मूल्य संवर्धन, विपणन को बढ़ावा देना और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों से जोड़ना है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ओडीओपी उत्पादों को मौजूदा योजनाओं में एकीकृत किया है और उनमें से कई ने समर्पित ओडीओपी प्रकोष्ठ स्थापित किए जाने के साथ, इस पहल में तेजी देखी जा रही है। 15 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने समर्पित प्लेटफॉर्म लॉन्च किए हैं और कुछ ने ओडीओपी-विशिष्ट ई-कॉमर्स समाधान तैयार किए हैं। ओडीओपी उत्पादों को आसान खरीद और व्यापक पहुंच के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और अन्य ई-कॉमर्स पोर्टलों पर भी सूचीबद्ध किया गया है।
ओडीओपी का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार हो रहा है। सिंगापुर, न्यूयॉर्क, वैंकूवर, मिलान, कुवैत, बहरीन और जापान में ओडीओपी वॉल्स स्थापित किए गए हैं। ओडीओपी उत्पाद अब सिंगापुर के मुस्तफा सेंटर और सेंटर पॉइंट मॉल जैसे खुदरा दुकानों पर उपलब्ध हैं। विदेश में 15 से ज्यादा भारतीय मिशनों ने प्रदर्शनियों, रोड शो और उपहार अभियानों के माध्यम से ओडीओपी को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण के लिए, इस पहल ने कारीगरों और उत्पादकों के लिए लक्षित कौशल और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने हेतु एनआईडी और आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग किया है।
जनता तक व्यापक पहुंच के तहत, भारत मंडपम में पीएम गति शक्ति - ओडीओपी अनुभव केंद्र का भी शुभारंभ किया गया है। यह केंद्र संवर्धित वास्तविकता, आभासी वास्तविकता, आरएफआईडी मैपिंग और दृश्य-श्रव्य कहानी कहने जैसी तकनीकों का उपयोग करके भारत के जिला-स्तरीय उत्पादों का एक गहन अनुभव प्रदान करता है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव के को दर्शाते हुए, ओडीओपी पुरस्कारों को 1 अप्रैल से 11 जून 2024 के बीच राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से कुल 641 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें जिलों से 587, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 31 और विदेशों में भारतीय मिशनों से 23 प्रविष्टियां शामिल थीं।
पुरस्कार समारोह केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया। गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रीय ओडीओपी पुरस्कार 2024 के विजेताओं को सम्मानित किया और नवाचार, सार्वजनिक सेवा वितरण और आर्थिक विकास में उनके योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर, मंत्रियों ने आगामी तीसरे ओडीओपी पुरस्कारों के लिए हैंडबुक का डिजिटल रूप से शुभारंभ किया और ओडीओपी सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन भी जारी किया।
इस कार्यक्रम में चयनित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और भारतीय मिशनों द्वारा सफल ओडीओपी मॉडलों पर प्रस्तुतियां दीं गईं, जिसके बाद जिलों के अधिकारियों, उद्योग संघों, एग्रीगेटर्स, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं और प्रौद्योगिकी संस्थानों की भागीदारी के साथ आगे की राह पर एक सत्र आयोजित किया गया।
तीन श्रेणियों - जिले, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, तथा विदेश में भारतीय मिशन - में कुल 34 पुरस्कार प्रदान किए गए और संबंधित प्रतिनिधियों ने इन्हें प्राप्त किया। विदेश में भारतीय मिशनों ने इस समारोह में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
- ओडीओपी पुरस्कार 2024 के लिए पुरस्कार विजेताओं की सूची:
- विदेश में भारतीय मिशन:
विदेश में मिशन
|
पुरस्कार
|
भारतीय उच्चायोग, सिंगापुर
|
स्वर्ण
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भारतीय महावाणिज्य दूतावास, न्यूयॉर्क
|
रजत
|
भारतीय महावाणिज्य दूतावास, वैंकूवर
|
कांस्य
|
- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश:
रैंक
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
पुरस्कार
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
स्वर्ण
|
महाराष्ट्र
|
पंजाब
|
उत्तर प्रदेश
|
2
|
मध्य प्रदेश
|
रजत
|
3
|
गुजरात
|
कांस्य
|
राजस्थान
|
पश्चिम बंगाल
|
रैंक
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
पुरस्कार
|
1
|
जम्मू और कश्मीर
|
स्वर्ण
|
2
|
सिक्किम
|
रजत
|
3
|
मेघालय
|
कांस्य
|
लद्दाख
|
- जिले:
रैंक
|
जिला
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
उत्पाद
|
पुरस्कार
|
1
|
गुंटूर
|
आंध्र प्रदेश
|
मिर्च
|
स्वर्ण
|
रत्नागिरि
|
महाराष्ट्र
|
अल्फांसो आम
|
2
|
नागपुर
|
महाराष्ट्र
|
नागपुर संतरा
|
रजत
|
पुलवामा
|
जम्मू और कश्मीर
|
केसर
|
3
|
सिद्धार्थनगर
|
उत्तर प्रदेश
|
काला नमक चावल
|
कांस्य
|
अमरावती
|
महाराष्ट्र
|
मंदारिन संतरा
|
श्रीकाकुलम
|
आंध्र प्रदेश
|
काजू
|
4
|
नलबाड़ी
|
असम
|
चावल और चावल से बने उत्पाद
|
विशेष उल्लेख
|
वायनाड
|
केरल
|
कॉफी
|
नासिक
|
महाराष्ट्र
|
अंगूर/किशमिश
|
रैंक
|
जिला
|
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश
|
उत्पाद
|
पुरस्कार
|
1
|
बापतला
|
आंध्र प्रदेश
|
चिराला सिल्क साड़ी (कुप्पदम)
|
स्वर्ण
|
विजयनगरम
|
आंध्र प्रदेश
|
बोबिली वीणा
|
तिरुपति
|
आंध्र प्रदेश
|
वेंकटगिरी कॉटन साड़ी
|
2
|
श्री सत्य साई
|
आंध्र प्रदेश
|
धर्मावरम सिल्क साड़ियां
|
रजत
|
गांदरबल
|
जम्मू और कश्मीर
|
विलो विकर
|
3
|
अनकापल्ली
|
आंध्र प्रदेश
|
एटिकोप्पाका खिलौने
|
कांस्य
|
काकीनाडा
|
आंध्र प्रदेश
|
पेद्दापुरम सिल्क्स
|
4
|
अकोला
|
महाराष्ट्र
|
कपास ओटना एवं दबाना
|
विशेष उल्लेख
|
पश्चिम गोदावरी
|
आंध्र प्रदेश
|
नार्सपुर क्रोशिया लेस
|
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमपी
(Release ID: 2144698)