लोकसभा सचिवालय
लोक सभा अध्यक्ष ने भारतीय भाषाओं और संस्कृति में उज्बेक विद्वानों की गहरी रुचि की सराहना की
भारत 21वीं सदी को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है: लोक सभा अध्यक्ष
भारत और उज्बेकिस्तान 21वीं सदी में विश्वव्यापी मानवीय मूल्यों, शांति, स्थिरता, प्रगति और स्वतंत्रता के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे: लोक सभा अध्यक्ष
लोक सभा अध्यक्ष ने उज्बेकिस्तान में भारतविदों और छात्रों के साथ बातचीत की
Posted On:
09 APR 2025 8:07PM by PIB Delhi
ताशकंद/नई दिल्ली; 09 अप्रैल 2025: लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने हिंदी और संस्कृत सहित अन्य भारतीय भाषाओं में उज्बेकिस्तान के विद्वानों की गहरी रुचि की सराहना की। उन्होंने कहा कि उज्बेक विद्वानों ने न केवल भारतीय भाषाएं सीखी हैं, बल्कि इन्हें अपने विचारों और साहित्य में अभिव्यक्ति भी दी है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि विद्वानों और छात्रों ने अपने शिक्षण और शोध कार्यों के माध्यम से भारत और उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक मजबूत किया है। उन्होंने विद्वानों को जरूरत पड़ने पर भारतीय दूतावास से सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री बिरला ने उज्बेकिस्तान में हिंदी भाषा सीखने वाले इंडोलॉजिस्ट और छात्रों के साथ बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं। श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि अनेक भारतविदों को उनकी राजनयिक गतिविधियों के लिए भारत तथा अन्य देशों से सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उज्बेकिस्तान के शिक्षकों द्वारा उज्बेक-हिंदी शब्दकोश भी तैयार किया गया है, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया।
21वीं सदी को गढ़ने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उज्बेकिस्तान जैसे मित्र देशों के साथ सामूहिक विकास और सहयोग की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, भाषा, संस्कृति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में एक साथ जुडते हुए परस्पर समझ को व्यापक रूप से बढ़ाया जाना चाहिए । श्री बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान उज्बेकिस्तान में भारतीय फिल्मों और संगीत की लोकप्रियता पर प्रकाश डाला था और याद दिलाया था कि 2012 में उज्बेक रेडियो ने हिंदी में प्रसारण के 50 वर्ष पूरे हुए थे।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत और उज्बेकिस्तान इतिहास की अलग-अलग राह पर चलते हुए आज विकास के मार्ग पर अग्रसर हैं, श्री बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि उज्बेकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद, भारत इसकी संप्रभुता को स्वीकार करने वाले पहले देशों में से एक था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों देश 21वीं सदी में विश्वव्यापी मानवीय मूल्यों, शांति, स्थिरता, प्रगति और विकास के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
श्री बिरला ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारत और उज्बेकिस्तान ने राजनीति, व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सुदृढ़ सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध हैं।
पारदर्शिता के साथ इतने बड़े पैमाने पर निर्वाचन प्रक्रिया का सफल संचालन भारत की कुशल चुनाव प्रबंधन प्रणाली को दर्शाता है: लोक सभा अध्यक्ष
150वीं अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) सभा में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान यात्रा पर गए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल (आईपीडी) के प्रमुख, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज उज्बेकिस्तान गणराज्य की ओली मजलिस के लेजिसलेटिव चैम्बर के स्पीकर श्री नूरदिनजन इस्माइलोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस अवसर पर श्री बिरला ने भारत की चुनाव प्रबंधन प्रणाली की पारदर्शिता और कुशलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के साथ इतने बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया का सफल संचालन भारत की प्रभावी कुशल प्रबंधन प्रणाली को दर्शाता है।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि भारत ने स्वतंत्रता के बाद से नागरिकों की अधिकाधिक और सक्रिय भागीदारी के बल पर ही लोकतंत्र के माध्यम से अभूतपूर्व विकास किया है। श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि साझा हितों और सरोकारों के मामलों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए दोनों देशों की संसदों के बीच निरंतर सहयोग आवश्यक है । उन्होंने यह भी कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच संसदीय शिष्टमंडलों की यात्राओं और संसदीय राजनय से न केवल दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ेगा बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क और सद्भाव भी बढ़ेगा ।
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AM
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