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मन की बात की 119वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (23.02.2025)

Posted On: 23 FEB 2025 11:33AM by PIB Delhi

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। ‘मन की बात’ में आप सब का स्वागत है।  इन दिनों Champions Trophy चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में century का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भाँति जानते हैं, लेकिन आज मैं, आप सबसे क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत ने space में जो शानदार century बनाई है उसकी बात करने वाला हूँ। पिछले महीने देश इसरो (ISRO) के 100वें rocket की launching के साक्षी बने हैं। यह केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इससे space science में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है। हमारी space journey की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी। इसमें कदम-कदम पर चुनौतियाँ थीं, लेकिन हमारे वैज्ञानिक, विजय प्राप्त करते हुए, आगे बढ़ते ही गए। समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में हमारी सफलताओं की list काफी लंबी होती चली गई।  Launch vehicle का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो, आदित्य L-1 या फिर एक ही rocket से, एक ही बार में, 104 satellites को space में भेजने का अभूतपूर्व mission हो – इसरो (ISRO) की सफलताओं का दायरा काफी बड़ा रहा है। बीते 10 वर्षों में ही करीब 460 satellites launch की गई हैं और इसमें दूसरे देशों की भी बहुत सारी satellites शामिल हैं। हाल के वर्षों की एक बड़ी बात ये भी रही है कि space scientists की हमारी team में नारी-शक्ति की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। मुझे यह देखकर भी बहुत खुशी होती है कि आज space sector हमारे युवाओं के लिए बहुत favourite बन गया है। कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में Start-Up और private sector की space कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी। हमारे जो युवा, जीवन में कुछ thrilling और exciting करना चाहते हैं, उनके लिए space sector, एक बेहतरीन option बन रहा है।

    साथियो, आने वाले कुछ ही दिनों में हम ‘National Science Day’ मनाने जा रहे हैं। हमारे बच्चों का, युवाओं का science में interest और passion होना बहुत मायने रखता है। इसे लेकर मेरे पास एक idea है, जिसे आप ‘One Day as a Scientist’ कह सकते हैं, यानि, आप अपना एक दिन एक Scientist के रूप में, एक वैज्ञानिक के रूप में, बिताकर देखें। आप अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी मर्जी के अनुसार, कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन आप किसी Research Lab, Planetarium, या फिर Space Centre जैसी जगहों पर जरूर जाएँ। इससे science को लेकर आपकी जिज्ञासा और बढ़ेगी। Space और Science की तरह एक और क्षेत्र है, जिसमें भारत तेजी से अपनी मजबूत पहचान बना रहा है - ये क्षेत्र है AI यानि Artificial Intelligence। हाल ही में, मैं AI के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गया था। वहाँ दुनिया ने इस sector में भारत की प्रगति की खूब सराहना की। हमारे देश के लोग आज AI का उपयोग किस-किस तरह से कर रहे हैं, इसके उदाहरण भी हमें देखने को मिल रहे हैं। अब जैसे, तेलंगाना में आदिलाबाद के सरकारी स्कूल के एक टीचर थोडासम कैलाश जी हैं। Digital गीत-संगीत में उनकी दिलचस्पी हमारी कई Tribal language को बचाने में बहुत महत्वपूर्ण काम कर रही है। उन्होंने AI tools की मदद से कोलामी भाषा में गाना compose कर कमाल कर दिया है। वे AI का उपयोग कोलामी के अलावा भी कई और भाषाओं में गीत तैयार करने के लिए कर रहे हैं। Social media पर उनके track हमारे आदिवासी भाई-बहनों को खूब पसंद आ रहे हैं। Space sector हो या फिर AI, हमारे युवाओं की बढ़ती भागीदारी एक नई क्रांति को जन्म दे रही है। नई-नई technology को अपनाने और आजमाने में भारत के लोग किसी से पीछे नहीं हैं।

मेरे प्यारे देशवासियो, अगले महीने 8 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ है। यह हमारी नारी-शक्ति को नमन करने का एक विशेष अवसर होता है। देवी माहात्म्य में कहा गया है –

विद्या: समस्ता: तव देवि भेदा:

स्त्रीय: समस्ता: सकला जगत्सु

अर्थात सभी विद्याएं, देवी के ही विभिन्न स्वरूपों की अभिव्यक्ति हैं और जगत की समस्त नारी-शक्ति में भी उनका ही प्रतिरूप है। हमारी संस्कृति में बेटियों का सम्मान सर्वोपरि रहा है। देश की मातृ-शक्ति ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के निर्माण में भी बड़ी भूमिका निभाई है। संविधान सभा में हमारा राष्ट्रीय ध्वज प्रस्तुत करते हुए हंसा मेहता जी ने जो कहा था, मैं उन्हीं की आवाज में आप सबके साथ share कर रहा हूँ।

It is in the fitness of things that this first flag that will fly over this august house should be a gift from the women of India. We have dawn the saffron colour; we have fought, suffered and sacrificed in the cause of our country’s freedom. We have today attained our goal. In presenting this symbol of our freedom, we once more offer our services to the nation. We pledge ourselves to work for a great India, for building up a nation that will be a nation among nations. We pledge ourselves for a working for a greater cause to maintain the freedom that we have achieved.

साथियो, हंसा मेहता जी ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण से लेकर उसके लिए बलिदान देने वाली देश-भर की महिलाओं के योगदान को सामने रखा था। उनका मानना था कि हमारे तिरंगे में केसरिया रंग से भी ये भावना उजागर होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया था कि  हमारी नारी-शक्ति भारत को सशक्त और समृद्ध बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देगी - आज उनकी बातें सच साबित हो रही हैं। आप किसी भी क्षेत्र पर नजर डालें तो पाएंगे कि महिलाओं का योगदान कितना व्यापक है। साथियो, इस बार महिला दिवस पर मैं एक ऐसी पहल करने जा रहा हूँ, जो हमारी नारी-शक्ति को समर्पित होगी। इस विशेष अवसर पर मैं अपने social media account जैसे X, Instagram के accounts उनको देश की कुछ inspiring women को, एक दिन के लिए सौंपने जा रहा हूँ। ऐसी women जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं, innovation किया है, अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 8 मार्च को, वो, अपने कार्य और अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करेंगी। Platform भले ही मेरा होगा, लेकिन वहां उनके अनुभव, उनकी चुनौतियाँ और उनकी उपलब्धियों की बात होगी। यदि आप चाहती हैं कि ये अवसर आपको मिले, तो, NamoApp पर बनाए गए विशेष Forum के माध्यम से, इस प्रयोग का हिस्सा बनें और मेरे X और Instagram account से, पूरी दुनिया तक, अपनी बात पहुंचाएँ, तो आइए, इस बार महिला दिवस पर हम सब मिलकर अदम्य नारी-शक्ति को celebrate करें, सम्मान करें, नमन करें।

मेरे प्यारे देशवासियो, आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों के रोमांच का आनंद उठाया होगा। देशभर के 11,000 से अधिक athletes ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन ने देवभूमि के नए स्वरूप को पेश किया। उत्तराखंड अब देश में strong sporting force के रूप में भी उभर रहा है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। इस बार उत्तराखंड 7वें स्थान पर रहा - यही तो power of sports है, जो individuals और communities के साथ-साथ पूरे राज्य का कायाकल्प कर देती है। इससे जहां भावी पीढ़ियाँ प्रेरित होती हैं, वहीं culture of excellence को भी बढ़ावा मिलता है।

साथियो, आज देश-भर में इन खेलों के कुछ यादगार प्रदर्शनों की खूब चर्चा है। इन खेलों में सबसे ज्यादा Gold Medal जीतने वाली Services की team को मेरी बहुत-बहुत बधाई। राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी की भी मैं सराहना करता हूँ। हमारे बहुत से खिलाड़ी ‘खेलो-इंडिया’ अभियान की देन हैं। हिमाचल प्रदेश के सावन बरवाल, महाराष्ट्र के किरण मात्रे, तेजस शिरसे या आंध्र प्रदेश की ज्योति याराजी, सबने, देश को नई उम्मीदें दी हैं। उत्तर प्रदेश के Javelin Thrower सचिन यादव और हरियाणा की high jumper पूजा और कर्नाटका की swimmer धिनिधि देसिन्धु ने देशवासियों का दिल जीता। इन्होंने तीन नए राष्ट्रीय record बनाकर सबको चौंका दिया। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में teenage champions, उनका नंबर, हैरान करने वाला है। 15 साल के shooter गेविन एंटनी, यूपी की Hammer Throw खिलाड़ी 16 साल की अनुष्का यादव, मध्य प्रदेश के 19 साल के पोलवाल्टर देव कुमार मीणा ने साबित किया कि भारत का sporting future बेहद प्रतिभावान पीढ़ी के हाथों में है। उत्तराखंड में हुए National Games ने ये भी दिखाया कि कभी हार ना मानने वाले ‘जीतते’ जरूर हैं। Comfort के साथ कोई Champion नहीं बनता। मुझे खुशी है, हमारे युवा एथलीटों के determination और discipline के साथ भारत आज global sporting powerhouse बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मेरे प्यारे देशवासियो, देहरादून में National Games की opening के दौरान मैंने एक बहुत ही अहम विषय उठाया है, जिसने देश में एक नई चर्चा की शुरुआत की है - ये विषय है ‘Obesity यानि मोटापा’। एक fit और Healthy Nation बनने के लिए हमें Obesity की समस्या से निपटना ही होगा। एक study के मुताबिक आज हर आठ में से एक व्यक्ति obesity की समस्या से परेशान है। बीते वर्षों में Obesity के मामले दोगुने हो गए हैं, लेकिन, इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुणा बढ़ गई है। WHO का data बताता है कि 2022 में दुनिया-भर में करीब ढाई सौ करोड़ लोग overweight थे, यानि आवश्यकता से भी कहीं ज्यादा वजन था। ये आँकड़े बेहद गंभीर हैं और हम सभी को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? अधिक वजन या मोटापा कई तरह की परेशानियों को, बीमारियों को भी जन्म देता है। हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं, जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था, “खाने के तेल में दस पर्सेन्ट (10%) की कमी करना”। आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10% कम तेल उपयोग करेंगे। आप तय कर सकते हैं कि जो तेल खाने के लिए खरीदा जाता है, खरीदते समय ही अब 10% कम ही खरीदेंगे। ये Obesity कम करने की दिशा में एक अहम कदम होगा। मैं आज ‘मन की बात’ में इस विषय पर कुछ special message भी आप लोगों से share करना चाहता हूँ। शुरुआत Olympic Medalist नीरज चोपड़ा जी से करते हैं, जिन्होंने खुद सफलतापूर्वक Obesity पर काबू पाकर दिखाया है:

सभी को नमस्ते, मैं नीरज चोपड़ा आज आप सभी को बताना चाहता हूँ कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘मन की बात’ में इस बार Obesity के बारे में चर्चा की है, जो हमारे देश के लिए बहुत ही अहम मुद्दा है, और मैं कहीं ना कहीं इस बात को खुद से भी relate करता हूँ, क्योंकि जब मैंने ground पर जाना start किया था तो उस टाइम में भी मेरा भी काफी मोटापा था और जब मैंने training start की अच्छा खाना start किया तो काफी health में मेरे सुधार आया और उसके बाद जब मैं एक professional athlete बन गया तो उसमें भी मेरी काफी help मिली और साथ में बताना चाहूंगा कि जो parents हैं वो खुद भी outdoor sport कोई न कोई खेलें और अपने बच्चों को भी लेकर जाएँ और एक अच्छा healthy life style बनाएं, अच्छा खाएं और अपने शरीर को एक घंटा या जितना भी time आप दे सकते हैं दिन में वो दें exercise के लिए। और मैं एक बात और add करना चाहूंगा अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी ने बोला था कि जो खाने में use होने वाला oil है उसको 10% तक कम करें, क्योंकि कई बार हम काफी तली हुई चीजें ऐसी चीजें खा लेते हैं जिससे obesity पर काफी impact पड़ता है। तो मैं सभी को कहना चाहूँगा कि इन चीजों से बचें और अपनी health का ध्यान रखें। बस यही आपसे मैं गुजारिश करता हूँ और साथ उठकर हम अपने देश को ऊपर उठायेंगे, धन्यवाद।

नीरज जी आपका बहुत-बहुत आभार।  जानी-मानी Athlete निखत जरीन जी ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी है:

Hi मेरा नाम निखत ज़रीन है और मैं two times world boxing champion हूं। जैसे कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘मन की बात’ में Obesity को लेकर जिक्र किया है and  I think it’s a national concern हमें अपनी health को लेकर serious होना चाहिए because  मोटापा जितनी जल्दी से फैल रहा है हमारे इंडिया में, उसको हमें रोकना चाहिए, और कोशिश यही करनी चाहिए कि हम जितना हो सके Healthy lifestyle follow करें। मैं खुद एक athlete हो के कोशिश करती हूं कि मैं Healthy diet follow करूं because अगर मैंने गलती से भी unhealthy diet ले लिया है या मैंने oily चीजे खा ली तो जिसकी वजह से मेरे performance पे impact पड़ता है और मैं Ring में जल्दी थक जाती हूँ and मैं कोशिश यही करती हूँ कि मैं जितना हो सके edible oil  जैसी चीजों को मैं कम इस्तेमाल करूँ और उसकी जगह Healthy diet follow करूँ और daily physical activity करूँ जिसकी वजह से मैं हमेशा fit रहती हूँ and I think हम जैसे common लोग जो हैं, जो daily job पर जाते हैं, काम पर जाते हैं, and I think हर किसी को Health को लेकर serious होना चाहिए और कुछ ना कुछ daily physical activity करनी चाहिए जिसकी वजह से हमें बीमारियों जैसे Heart Attack है और Cancer जैसे बीमारियों से हम दूर रहें और अपने आप को fit रखे ‘क्योंकि हम Fit तो India Fit.

निखत जी ने वाकई कुछ अच्छे Points बताए हैं। आइए अब सुनते हैं, डॉ. देवी शेट्टी जी का क्या कहना है। आप सभी जानते हैं, वे एक बहुत ही सम्मानित डॉक्टर हैं, वे इस विषय पर निरंतर काम कर रहे हैं:

I would like to thank our Honorable Prime Minister for creating an awareness about obesity in his most popular ‘Mann Ki Baat’ programme. Obesity today is not a cosmetic problem; it is a very serious medical problem. Majority of the youngsters in India today are obese. The main cause of obesity today is poor quality of food intake especially excess intake of carbohydrates that is rice, chapatti and sugar and of course large consumption of oil.  Obesity leads to major medical problems like heart disease, high blood pressure, fatty liver and many other complications. So my advice to all the youngsters; Start exercising control your diet and be very very active and watch your weight. Once again I would like to wish all of you very very happy healthy future, Good Luck and God Bless.

साथियो, खाने में तेल का कम उपयोग और Obesity से निपटना यह केवल Personal Choice नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल Heart Disease, Diabetes और Hyper Tension जैसी ढ़ेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है। अपने खान-पान में छोटे-छोटे बदलाव करके, हम, हमारे Future को Stronger, fitter और disease-free बना सकते हैं, इसलिए हमें बिना देर किये, इस दिशा में, प्रयास बढ़ाने होंगे, इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हम सब मिलकर इसे खेल-खेल में बहुत प्रभावी रूप से कर सकते हैं। जैसे, मैं आज ‘मन की बात’ के इस Episode के बाद 10 लोगों को आग्रह करूंगा, Challenge करूंगा कि क्या वो अपने खाने में Oil को 10% कम कर सकते हैं? और साथ ही उनसे ये आग्रह भी करूंगा कि वो आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही Challenge दें। मुझे विश्वास है, इससे Obesity  से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

साथियो, क्या आप जानते हैं कि Asiatic Lion, Hangul, Pygmy Hogs और Lion-tailed Macaque  इसमें क्या समानता है? इसका जवाब है कि ये सब दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते हैं, केवल हमारे देश में ही पाए जाते हैं। वाकई हमारे यहाँ वनस्पति और जीव-जंतुओ का एक बहुत ही Vibrant Eco-System है, और ये वन्य जीव, हमारे इतिहास और संस्कृति में रचे-बसे हुए हैं। कई जीव-जन्तु हमारे देवी-देवताओं की सवारी के तौर पर भी देखे जाते हैं। मध्य भारत में कई जन-जातियाँ बाघेश्वर की पूजा करती हैं। महाराष्ट्र में वाघोबा के पूजन की परंपरा रही है। भगवान अयप्पा का भी बाघ से बहुत गहरा नाता है। सुंदरवन में बोनबीबी की पूजा-अर्चना होती है, जिनकी सवारी बाघ है। हमारे यहाँ कर्नाटका के हुली वेशा, तमिलनाडु के पूली और केरला के पुलिकली जैसे कई Cultural Dances हैं, जो Nature और Wild Life के साथ जुड़े हुए हैं। मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों का भी बहुत आभार करूंगा, क्योंकि वो Wildlife Protection से जुड़े कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं। कर्नाटका के BRT Tiger Reserve में बाघों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है। इसका बहुत Credit Soliga Tribes को जाता है, जो, बाघ की पूजा करते हैं। इनके कारण इस क्षेत्र में man-animal conflict ना के बराबर होता है। गुजरात में भी लोगों ने गिर में Asiatic Lions की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि प्रकृति के साथ co-existence आखिर क्या होता है। साथियो, इन प्रयासों के कारण ही पिछले कई वर्षों में बाघ, तेंदुए, Asiatic Lions, Rhino और बारहसिंघा की आबादी तेजी से बढ़ी है, और भारत में वन्य जीवों की diversity कितनी खूबसूरत है, ये भी गौर करने लायक है। Asiatic Lions देश के पश्चिमी हिस्से में पाए जाते हैं, जबकि टाइगर का क्षेत्र है पूर्वी, मध्य और दक्षिण भारत, वहीं Rhino, पूर्वोत्तर में मिलते हैं। भारत का हर हिस्सा ना केवल प्रकृति के लिए संवेदनशील है, बल्कि, Wild Life Protection के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुझे अनुराधा राव जी के बारे में बताया गया है, जिनकी कई पीढ़ियों का नाता अंडमान निकोबार आइलैंड से रहा है। अनुराधा जी ने कम उम्र में ही Animal Welfare के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। तीन दशकों से उन्होंने हिरण और मोर की रक्षा को अपना mission बनाया। यहां के लोग तो उन्हें Deer Womanके नाम से बुलाते हैं। अगले महीने की शुरुआत में हम World Wildlife Day मनाएंगे। मेरा आग्रह है कि आप wildlife protection से जुड़े लोगों का हौसला जरूर बढ़ाएं। यह मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि इस क्षेत्र में अब कई Start-up भी उभरकर सामने आए हैं।

साथियो, यह Board Exam का season है। मैं अपने युवा-साथियों यानि Exam Warriors को उनकी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आप बिना कोई stress लिए पूरी Positive Spirit के साथ अपने papers दीजिए। हर वर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ में हम अपने Exam Warriors से परीक्षाओं से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बात करते हैं। मुझे खुशी है कि अब ये कार्यक्रम एक संस्थागत रूप लेता जा रहा है, Institutionalise हो रहा है। इसमें नए-नए experts भी जुड़ते चले जा रहे हैं। इस साल हमने एक नए format में ‘परीक्षा पे चर्चा’ करने का प्रयास किया। Experts के साथ, आठ अलग-अलग episode भी शामिल किए गए। हमने Overall Exams से लेकर Health Care और Mental Health के साथ खान-पान जैसे विषयों को भी cover किया। वहीं पिछले Toppers ने भी अपने विचार और अनुभव सभी के साथ share किए। बहुत से युवाओं, उनके Parents और Teachers ने इस बारे में मुझे पत्र लिखे हैं। उन्होंने बताया है कि ये Format उन्हें बहुत ही अच्छा लगा है, क्योंकि इसमें हर विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। Instagram पर भी हमारे युवा-साथियों ने इन Episode को बड़ी संख्या में देखा है। आप में से बहुत सारे लोगों को इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली की सुंदर नर्सरी में किया जाना, यह भी बहुत पसंद आया। हमारे जो युवा-साथी ‘परीक्षा पे चर्चा’ के इन Episode को अब तक नहीं देख पाए हैं, वे,  इन्हें जरूर देखें। ये सारे Episode NaMoApp पर रखे हुए हैं। एक बार फिर अपने Exam Warriors को मेरा यही message है “Be happy and stress free.

मेरे प्रिय साथियो, मन की इस बात में इस बार मेरे साथ इतना ही। अगले महीने फिर नए विषयों के साथ हम मिलकर ‘मन की बात’ करेंगे। आप मुझे अपने पत्र, अपने संदेश, भेजते रहिए।  स्वस्थ रहिए, आनंद में रहिए। बहुत-बहुत धन्यवाद। नमस्कार।

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