मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन एवं प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे

केंद्रीय मंत्री स्वदेशी प्रजातियों के संवर्धन और राज्य मछलियों के संरक्षण पर पुस्तिकाओं का विमोचन करेंगे

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ

Posted On: 10 SEP 2024 2:46PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह कल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर ऩई दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन और प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग के प्रतिनिधि, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, आईसीएआर संस्थान और अन्य संबंधित विभाग/मंत्रालय, पीएमएमएसवाई के लाभार्थी, मछुआरे, मछली पालक किसान, उद्यमी और देश भर से मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े प्रमुख हितधारकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। इसमें देश भर से प्रतिभागियों के सशरीर और वर्चुअल दोनों रूप से भाग लेने की उम्मीद है।

 

केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उत्पादन और उत्पादकता वृद्धि, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे और अन्य मूल्य श्रृंखला वृद्धि कार्यक्रमों से संबंधित पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा करेंगे। पीएमएमएसवाई की चौथी वर्षगांठ के जश्न के दौरान प्रमुख गतिविधियों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत शुरू की गई राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली परियोजनाएं, पुस्तिकाओं का विमोचन, उत्कृष्टता केंद्र और नाभिक (न्यूक्लियस) प्रजनन केंद्रों की अधिसूचना, जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों और मत्स्य पालन समूहों के रूप में विकास के लिए तटीय मछुआरा गांवों की अधिसूचना और डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ आदि शामिल होंगे।

भारत सरकार ने 2014 से 38,572 करोड़ रुपये के निवेश के लिए योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन के साथ नीली क्रांति के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व किया है। प्रमुख पहलों में शामिल हैं नीली क्रांति: इसमें 5000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2015-16 से 2019-20 तक कार्यान्वित की गई मत्स्य पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन, 2018-19 से कार्यान्वित की गई 7,522.48 करोड़ रुपये के फंड से मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पांच साल (2020-21 से 2024-25) की अवधि के लिए कार्यान्वित की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और पीएमएमएसवाई के तहत एक उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) जो 6,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के साथ चालू वर्ष (2024-25) से लागू है। इन कार्यक्रमों के केंद्र में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने, गुणवत्ता में सुधार, निर्यात को बढ़ावा देने, मत्स्य उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और नवाचार एवं नवीन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने, उद्यमिता विकास, मछुआरों, मछली पालक किसानों और अन्य हितधारकों के लिए आजीविका और रोजगार के अवसर पैदा करने और मछुआरों, मछली पालक किसानों, मछली श्रमिकों, मछली विक्रेताओं और मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला से अन्य सीधे जुड़े लोगों का कल्याण है।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय में मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन के चौथे सफल वर्ष को चिह्नित किया है। तदनुसार, मत्स्य पालन विभाग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के चार सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) एक गेम-चेंजर के रूप में उभरी है, जो भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को अभूतपूर्व विकास और स्थिरता की ओर ले जा रही है। मई 2020 में शुरू की गई इस दूरदर्शी योजना का उद्देश्य केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तत्वावधान में मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, मत्स्य उत्पादन के बाद के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचे की स्थापना और मछुआरों के कल्याण में बड़ी खामियों को दूर करना था। पिछले कुछ वर्षों में, पीएमएमएसवाई देश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्यापक खाका के रूप में विकसित हुआ है। पीएमएमएसवाई मत्स्य पालन क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक निवेश है और एक रणनीतिक विकास यात्रा की शुरुआत करते हुए, यह पहल अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में गहराई से जुड़ी है, उत्पादन को बढ़ावा देने और मजबूत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

पीएमएमएसवाई के तहत किए गए सुधारों और पहलों को मुख्य और बुनियादी ढांचे के विकास, भारतीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण, विशेष रूप से मछली पकड़ने के नए बंदरगाहों/लैंडिंग केंद्रों के विकास, पारंपरिक मछुआरों के गहरे समुद्र में जाने वाले जहाजों के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण, देश में जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ (फ़ीड) और बीज की आपूर्ति की सुविधा, मत्स्य उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उत्पादन के बाद की सुविधाओं का प्रावधान, कोल्ड चेन सुविधाएं, मूल्य संवर्धन, स्वच्छ और स्वास्थ्यकर मछली बाजार और कई अन्य क्षेत्रों में शामिल किया गया है। मछुआरों को मछली पकड़ने पर प्रतिबंध/कम अवधि तक ही मछली पकड़ने के दौरान आजीविका सहायता, बीमा कवरेज, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। पीएमएमएसवाई ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके इसके उपयोग को बढ़ाने का एक रास्ता तय किया है।

यह एक शुभ अवसर है जो मछुआरों, मछली पालक किसानों, उद्यमियों, अन्य हितधारकों, सरकारी अधिकारियों और जीवंत मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि क्षेत्र से उत्साही प्रतिभागियों को साथ लाने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बनेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा कार्यान्वित पीएमएमएसवाई और अन्य योजनाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है।

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