पंचायती राज मंत्रालय
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पंचायती राज मंत्रालय 24 अप्रैल, 2024 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में आधारभूत स्तर पर शासन को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है

Posted On: 22 APR 2024 5:56PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में 24 अप्रैल, 2024 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में "73वें संवैधानिक संशोधन के तीन दशकों के बाद आधारभूत स्तर पर शासन" विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे।

आधारभूत स्तर पर शासन पर होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) के अधिकारियों, राज्य ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज (एसआईआरडी एंड पीआर) के संकाय सदस्यों, शिक्षाविदों, विषय वस्तु विशेषज्ञों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधियों और नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) सहित हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग की सुविधा प्रदान करना है। चर्चा के मुख्य विषयों में सार्वजनिक सेवा वितरण को बदलने में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, पंचायत प्रशासन को बदलने के उद्देश्य से पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) की पहल और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की डिजिटल प्रशासन पहलों का सम्मिलन शामिल होगा। 

यह एक दिवसीय संगोष्ठी उपलब्धियों का आकलन करने, चुनौतियों की पहचान करने और पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के माध्यम से जमीनी स्तर पर शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को प्रोत्साहित करने के अवसरों का पता लगाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करती है। चर्चा ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन के सिद्धांतों के विकास और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के माध्यम के रूप में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) को मजबूत करने के स्वरूपों पर केंद्रित होगी।

डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में पंचायती राज मंत्रालय के चल रहे प्रयास स्मार्ट पंचायतों की अवधारणा और परिकल्पना को साकार करने के इसके मिशन की नींव तैयार करते हैं। मंत्रालय मजबूत ई-गवर्नेंस पहल के माध्यम से, जमीनी स्तर पर शासन में पारदर्शिता, दक्षता और लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। डिजिटल रणनीतियों के सार्थक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चल रहे हैं। मंत्रालय राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझेदारी के माध्यम से नागरिकों को संवेदनशील बना रहा है और उन्हें जमीनी स्तर पर शासन में शामिल कर रहा है। 

सरकार के तीसरे स्तर और केंद्र सरकार और ग्रामीण समुदायों के बीच प्राथमिक क्षेत्र के रूप में, पंचायतें ग्रामीण भारत में जीवन में सुगमता और व्यवसाय करने में आसानी को प्रोत्साहन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मंत्रालय की डिजिटल पहल आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन प्रदान करने, स्थायी आजीविका बनाने, समावेशी विकास का समर्थन करने और देश भर में ग्राम पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण को आगे बढ़ाने में सहायक है।

संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 के अधिनियमन 24 अप्रैल, 1993 को लागू हुआ था, इस उपलब्धि को चिह्नित करते हुए पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (एनपीआरडी) पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाता है। जमीनी स्तर पर शासन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह संविधान (73वें संशोधन) अधिनियम के तीन दशकों और पंचायती राज मंत्रालय के निर्माण के दो दशकों के साथ मेल खाती है। पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर शासन को सशक्त बनाने और नवीन पहलों और डिजिटल हस्तक्षेपों के माध्यम से ग्रामीण भारत में सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) पर प्रगति में तेजी लाने के लिए समर्पित है।

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