पंचायती राज मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

स्वामित्व योजना

Posted On: 02 AUG 2023 3:26PM by PIB Delhi

स्वामित्व योजना का पायलट चरण 2020-21 के कार्यान्वन के लिए 24 अप्रैल 2020 को लॉन्च किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर 24 अप्रैल, 2021 को इस योजना का शुभांरभ किया गया था। पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) के सहयोग से स्वामित्व योजना को लागू किया जा रहा है। योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ समझौता (एमओयू) करने की आवश्यकता है। अब तक 31 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने एसओआई के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है।

26 जुलाई 2023 तक, देश के 2,70,924 गांवों में स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन उड़ान का कार्य पूरा किया जा चुका है।

भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा स्वामित्व योजना के तहत तैयार किए गए मानचित्रों के आधार पर संपत्ति कार्डों को तैयार करने तथा वितरित करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की है। हालांकि, पंचायती राज मंत्रालय स्वामित्व योजना के तहत तैयार किये गये संपत्ति कार्डों को डिजी लॉकर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करने के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के साथ संवाद कर रहा है। 26 जुलाई, 2023 तक 89,749 गांवों में संपत्ति कार्ड तैयार किये जा चुके हैं।

स्वामित्व योजना के तहत तैयार किये गये मानचित्र भू-संदर्भ मानचित्र हैं, जिनके तहत ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्तियों के डिजिटल चित्रों को प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा, ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) के तहत पंचायती राज मंत्रालय ने एक एमएक्शनसॉफ्ट लॉन्च किया है, जो तस्वीरों को जियो-टैग (जीपीएस) के साथ पेश करने के लिए एक मोबाइल आधारित अनुप्रयोग है। परिसंपत्तियों की जियो-टैगिंग सभी तीन चरणों के लिए की जाती है- 1. कार्य शुरू करने से पहले, 2. कार्य के दौरान तथा 3. कार्य के समापन पर। यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संचयन, सूखे से मुकाबला, स्वच्छता, कृषि, चैकडैम, नहर आदि से संबंधित सभी कार्यों और परिसंपत्तियों के बारे में जानकारियों का भंडार प्रदान करेगा। पंद्रहवें वित्त आयोग की निधियों के तहत निर्मित परिसंपत्तियों के लिए जियो टैगिंग को अनिवार्य बनाया गया है। सभी पंचायती राज संस्थाओं को एमएक्शनसॉफ्ट अनुप्रयोग में शामिल किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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