संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के अंतर्गत प्रमुख संगठनों के साथ सम्मेलन का आयोजन किया

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को साथ आना होगा : श्री जी. किशन रेड्डी

एकेएम के अंर्तगत 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से ज्यादा देशों में एक लाख से ज्यादा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया: श्री जी. किशन रेड्डी

आध्यात्मिक गुरुओं ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत का मुख्य मूल्य आध्यात्मिकता है: श्री अर्जुन राम मेघवाल

Posted On: 30 NOV 2022 7:01PM by PIB Delhi

 

मुख्य आकर्षण

  • सम्मेलन में 26 आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए
  • जन भागीदारी के साथ आजादी का अमृत महोत्सव को सफल बनाने पर चर्चा हुई

 

संस्कृति मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आध्यात्मिक गुरुओं के एक सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें 26 आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। आध्यात्मिक गुरुओं को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव में मार्गदर्शन करने और शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इस सम्मेलन की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी ने की। इस अवसर पर संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, आध्यात्मिक संगठनों के शीर्ष गुरु, श्री गोविंद मोहन, सचिव, संस्कृति मंत्रालय भी उपस्थित हुए।

इस अवसर पर श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि, “एकेएम के अंतर्गत 28 राज्यों, 9 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से ज्यादा देशों में एक लाख से ज्यादा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। एकेएम सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है  बल्कि यह 130 करोड़ देशवासियों का कार्यक्रम है।उन्होंने यह भी कहा कि  “भारत में युवाओं की एक बहुत बड़ी आबादी है और उन सभी युवाओं को धर्म, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए एक साथ आना चाहिए।

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इस अवसर पर श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण है कि भारत में विकास मानवता केंद्रित होना चाहिए और यह केवल आध्यात्मिक गुरुओं के मार्गदर्शन से ही संभव है। स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि, “आध्यात्मिक गुरुओं ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत का मुख्य मूल्य आध्यात्मिकता रहा है।उन्होंने आगे कहा कि हमें एकजुट होकर रहने की आवश्यकता है और तभी विकसित भारत का सपना साकार किया जा सकता है।

इस सम्मेलन को परमनिकेतन आश्रम, उत्तराखंड के अध्यक्ष, पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या, क्रिया योग शिक्षण और ध्यान केंद्र, पुरी के स्वामी योगेश्वरानंद सहित अन्य आध्यात्मिक गुरुओं ने संबोधित किया।

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'आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम)' स्वतंत्र भारत के प्रगतिशील 75 गौरवशाली वर्षों को मनाने के लिए एक उत्सव है। यह भारत के लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश के विकास और इसकी प्रगतिशील यात्रा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत, संस्कृति मंत्रालय सांस्कृतिक गौरव विषय पर अभियान चला रहा है।

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