ग्रामीण विकास मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

लोगों को जल्द ही उनकी भाषा में भूमि अभिलेख मिलेंगे: श्री गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने बजट में घोषित भूमि शासन सुधारों पर ई-पुस्तक का विमोचन किया

एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर के प्रयोग से राज्य सरकारों को भू-राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई: श्री गिरिराज सिंह

Posted On: 14 MAR 2022 5:32PM by PIB Delhi

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने घोषणा की कि जल्द ही देश के लोग अपनी भूमि का रिकॉर्ड अपनी भाषा में प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, अप्रैल 2022 से बहुभाषी सॉफ्टवेयर शुरू करने की योजना बना रहा है। उसके बाद, भूमि रिकॉर्ड 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा। मंत्री बजट में घोषित भूमि शासन सुधारों पर एक ई-पुस्तक का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे, जिसका शीर्षक था "Empowering Citizens- Powering India" (नागरिकों को सशक्त बनाना-भारत को सशक्त बनाना)"।

स्वदेशी रूप से विकसित एनजीडीआरएस (राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली) सॉफ्टवेयर पर बोलते हुए, श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर लगभग 4 करोड़ में तैयार किया गया है, लेकिन इस सॉफ्टवेयर के उपयोग के परिणामस्वरूप राज्य सरकारों को भू-राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मंत्री ने कहा कि एनजीडीआरएस 13 राज्यों में लागू किया जा रहा है, जिससे 22 करोड़ लोगों को लाभ होगा। अब तक इस प्रणाली के माध्यम से 30.9 लाख दस्तावेज पंजीकृत किये जा चूके हैं, जिनसे 16 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।

मंत्री ने कहा कि देश में यूएलपीआईएन (यूनीक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर) लागू होने के बाद गरीबों के अधिकार कोई नहीं छीन सकता। ULPIN को PAN, आधार, भूमि अभिलेख, न्यायालय और बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने से भूमि मामलों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से छुटकारा मिलेगा। अब तक, यूएलपीआईएन को 14 राज्यों में शुरू किया गया है। मंत्री ने राज्य सरकारों से लोगों के बीच भूमि सुधारों के बारे में जागरूकता फैलाने का भी अनुरोध किया।

 

ई-बुक की सामग्री विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन), राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) और भूमि अभिलेखों में भाषाई बाधा को तोड़ने के लिए-बहुभाषी भूमि रिकॉर्ड से संबंधित है। भूमि संसाधन विभाग द्वारा डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने के बाद भूमि अभिलेख सूचना और प्रबंधन में ठोस पारदर्शिता आई है। धोखाधड़ी और बेनामी संपत्ति लेनदेन को रोकने के लिए प्रत्येक भूमि पार्सल को एक विशिष्ट भूमि पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) प्रदान की जा रही है। भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, प्रधान मंत्री आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि के अनुसार भारत के नागरिकों और भारत को सशक्त बनाएगा। इसके अलावा, अद्यतन भूमि रिकॉर्ड, मुआवजे के भुगतान के समय को कम करेगा और भूमि अधिग्रहण के लिए पुनर्वास और पुनर्वास लाभ प्रदान करेगा। बहुभाषी भूमि रिकॉर्ड संभावित व्यक्तियों को उनकी क्षेत्रीय और मातृ भाषाओं में जानकारी की सुविधा प्रदान करेगा।

 

केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री अजय तिर्की एवं, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा तथा भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव श्री सोनमोनी बोरा, इस अवसर पर उपस्थित थे।

 

*****

एपीएस/जेके



(Release ID: 1805863) Visitor Counter : 476


Read this release in: English , Urdu , Marathi , Punjabi