Energy & Environment
भारत का क्रिटिकल मिनरल मिशन:
आने वाले कल के खनिज को सुरक्षित करना
Posted On: 06 SEP 2025 10:11AM
- 2025 में शुरू किया गया नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम), महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए भारत की एक महत्वपूर्ण योजना है।
- एनसीएमएम का लक्ष्य 2030 तक 1,000 पेटेंट हासिल करना है, जिसके लिए अन्वेषण और निष्कर्षण में सफलता लाने के लिए 7 उत्कृष्टता केंद्र बनाए गए हैं।
- एनसीएमएम के तहत, महत्वपूर्ण खनिजों के लिए रीसाइक्लिंग क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई है।
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क्रिटिकल मिनरल: प्रगति की नयी करेंसी

जिस तरह से दुनिया स्वच्छ ऊर्जा एवं उन्नत प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ रही है, महत्वपूर्ण खनिजों पर नियंत्रण बू-राजनीति का नया मोर्चा बन गया है। जनवरी 2025 में भारत ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) की शुरुआत की जिसकी अवधि 2024-25 से 2030-31 तक सात साल के लिए है, जिसका प्रस्तावित व्यय 16,300 करोड़ रुपये है और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) तथा अन्य हितधारकों द्वारा 18,000 करोड़ रुपये का अपेक्षित निवेश है। यह सिर्फ एक खनन कार्यक्रम नहीं है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विकास और तकनीकी स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक योजना है। इलेक्ट्रिक वाहनों को शक्ति देने वाले लिथियम से लेकर रक्षा प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण दुर्लभ खनिजों तक, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का दायरा बहुत व्यापक है।
क्या हैं क्रिटिकल खनिज
महत्वपूर्ण खनिज वह हैं जो आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक होते हैं। ये स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स, परिवहन, दूरसंचार और रक्षा के लिए अपरिहार्य हैं। ये कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में वैश्विक बदलाव को शक्ति देने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इन खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में भी कमियाँ हैं, इसलिए सरकारों के लिए इन खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करना आवश्यक है।
देश अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के आधार पर अपने लिए महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान करते हैं। 2023 में, खान मंत्रालय ने भारत के लिए 30 महत्वपूर्ण खनिजों की एक सूची जारी की। ये खनिज हैं: एंटीमोनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, तांबा, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हाफनियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नियोबियम, निकल, पीजीई, फास्फोरस, पोटाश, आरईई, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटलम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम।
भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं क्रिटिकल खनिज
महत्वपूर्ण खनिज भारत के ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे बदलाव के केंद्र में हैं, जो सौर पैनलों से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक की तकनीकों को शक्ति प्रदान करते हैं। इनकी भूमिका प्रमुख क्षेत्रों में फैली हुई है। जैसे-जैसे इनकी मांग बढ़ रही है, ये संसाधन एक मजबूत रणनीतिक भविष्य की नींव के रूप में उभर रहे हैं।
सौर पैनलों का हृद्य कहे जाने वाले फोटोवोल्टिक सेल सूरज की रोशनी को बिजली में बदलने के लिए सिलिकॉन, टेल्यूरियम, इंडियम और गैलियम जैसे तत्वों पर निर्भर करते हैं। भारत की सौर ऊर्जा क्षमता, जो अब 64 गीगावॉट है, इन्हीं महत्वपूर्ण खनिजों पर बहुत अधिक निर्भर करती है, जो देश के सौर सपनों को साकार कर रही है।
पवन टर्बाइन नियोडिमियम और डिस्प्रोसियम से संचालित होते हैं। ये तत्व उन उच्च-प्रदर्शन वाले मैग्नेट को चलाते हैं जो टर्बाइनों को कुशलता से घुमाते हैं। 2030 तक भारत का लक्ष्य अपनी पवन ऊर्जा क्षमता को 42 गीगावॉट से बढ़ाकर 140 गीगावॉट करना है, जिसके कारण इन महत्वपूर्ण खनिजों की मांग बहुत बढ़ जाएगी, और ये स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के लिए अनिवार्य बन जाएँगे।
हर इलेक्ट्रिक कार के केंद्र में एक बैटरी होती है जो लिथियम, निकल और कोबाल्ट से चलती है। ये खनिज स्वच्छ गतिशीलता को संभव बनाते हैं, जो सड़क पर इलेक्ट्रिक वाहनों को शक्ति देने के लिए ऊर्जा संग्रहीत करते हैं। सरकार द्वारा 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ, इन संसाधनों की मांग कई गुना बढ़ने वाली है।
लिथियम-आयन सिस्टम नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, और इसके लिए भी लिथियम, कोबाल्ट और निकल की आवश्यकता होती है। ये खनिज अतिरिक्त बिजली को संग्रहीत करना और मांग बढ़ने पर बैकअप प्रदान करना संभव बनाते हैं।
भारत के महत्वपूर्ण खनिजों का रोडमैप तैयार करना
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का लक्ष्य उभरती हुई हरित अर्थव्यवस्था में भारत को एक वैश्विक प्लेयर के रूप में स्थापित करना है। एनसीएमएम के लिए कानूनी और नीतिगत ढाँचा खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (एमएमडीआर एक्ट) में संशोधन पर आधारित है, जिसके तहत केंद्र सरकार के पास 30 चिन्हित महत्वपूर्ण खनिजों में से 24 की नीलामी करने का विशेष अधिकार है।
एनसीएमएम को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति स्रोतों को सुरक्षित करने और खनिज मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत करने के प्राथमिक उद्देश्यों के साथ बनाया गया है, जिसमें अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण, रीसाइक्लिंग, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधन विकास शामिल हैं।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के हिस्से के रूप में, सरकार ने पारंपरिक खानों से अलग काम करने वाली पॉयलट परियोजनाओं के लिए ₹100 करोड़ अलग रखे हैं। इसका मुख्य ध्यान अपरंपरागत स्रोतों जैसे ओवरबर्डन, खदान के टेलिंग्स, फ्लाई ऐश और यहाँ तक कि लाल मिट्टी का उपयोग करके मूल्यवान खनिजों को पुनः प्राप्त करना है, जो अन्यथा नष्ट हो जाते। यह प्रयास औद्योगिक उप-उत्पादों को रणनीतिक संपत्ति में बदल देता है। यह उन कई महत्वाकांक्षी कदमों में से एक है जो भारत के खनिज भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एनसीएमएम के बड़े लक्ष्यों जैसे पेटेंट, रीसाइक्लिंग, अनुसंधान और वैश्विक साझेदारी से जुड़े हैं।
केंद्रीय कैबिनेट में नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन एनसीएमएम) के तहत ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य ई-कचरा, लिथियम आयरन बैटरी स्क्रैप और पुराने वाहने के पुर्जे जैसे सेकेंडरी स्त्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों के लिए भारत की रिसाइकिलिंग क्षमता को बढ़ावा देना है। यह पहल नए और मौजूदा रिसाइकिलिंग करने वालों को प्रोत्साहित करके 270 किलो टन की वार्षिक रिसाइकिलिंग क्षमता बनाना, 40 किलो टन क्रिटिकल मिनरल का उत्पादन करना, ₹8,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना और 70000 नौकरिया पैदा करना चाहती है। जो सप्लाई चेन की मजूबूती बढ़ाने और आयात निर्भरता कम करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
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खनिजों में आत्मनिर्भरता का रास्ता स्पष्ट लक्ष्यों के साथ तय किया गया है। इन लक्ष्यों के माध्यम से एनसीएमएम अपनी सोच को हकीकत में बदलने की योजना बना रहा है। भारत अपनी सीमाओं के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों के नए भंडार खोजने के लिए एक हजार से अधिक परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निजी खिलाड़ियों दोनों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं में हिस्सेदारी सुरक्षित करके संपत्ति हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे भारत की वैश्विक उपस्थिति मजबूत होगी। एनसीएमएम की सोच को वास्तविकता में बदलने के लिए पेटेंट का विकास, खनिजों के लिए प्रसंस्करण पार्क, उत्कृष्टता केंद्र, रीसाइक्लिंग के लिए प्रोत्साहन, कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाना और बाधा-रहित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खनिज भंडार जैसी रणनीतिक रिजर्व बनाए रखना जैसी कई योजनाएँ बनाई गई हैं।
नवाचार की खादानें
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) का एक केंद्रीय लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2030-31 तक महत्वपूर्ण खनिज मूल्य श्रृंखला में 1,000 पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया को समर्थन और निगरानी करके नवाचार को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य स्पष्ट है: भारत के ऊर्जा बदलाव और रणनीतिक उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और व्यावसायीकरण में तेजी लाना। यह गति पहले से ही दिखाई दे रही है। एक समानांतर कदम के रूप में, 6 अप्रैल, 2025 को मिशन के तहत एक समर्पित उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी।
पेटेंट पर जोर: कैसे एनसीएमएम दे रहा भारत के क्रिटिकल मिनरल भविष्य को आकार
- मई 2025 में, भारत में महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में 21 पेटेंट दाखिल किए गए, और जून में 41 और पेटेंट दाखिल किए गए। पेटेंट को मंजूरी मिलने की गति में भी तेज़ी आई है — मई में दो और जून में आठ को मंजूरी मिली। यह अन्वेषण, निष्कर्षण, प्रसंस्करण और उन्नत अनुप्रयोगों पर केंद्रित आर एंड डी में बढ़ते जोर को दर्शाता है।
- हाल ही में मंजूर किए गए पेटेंट चल रहे अनुसंधान की विविधता को उजागर करते हैं। इनमें इटर्बियम-मिश्रित धातु ऑक्साइड नैनोपार्टिकल्स और निकल वैनेडेट थिन फिल्म्स से लेकर टंगस्टन-पॉलिमर कंपोजिट मोल्ड्स, सोडियम-आयन बैटरी के लिए टैंटलम-मिश्रित नैसिकॉन सॉलिड-स्टेट इलेक्ट्रोलाइट्स और सेकेंडरी बैटरी के लिए उन्नत एनोड सामग्री में सफलताएँ शामिल हैं।
- यह नवाचार मिलकर महत्वपूर्ण संसाधनों जैसे लिथियम, निकल, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, इटर्बियम और टैंटलम को कवर करते हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा अनुप्रयोगों के केंद्र में हैं।
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खनन क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र
खनन मंत्रालय ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) के तहत 7 प्रमुख संस्थानों- 4 आईआईटी एवं 3 अनुसंधान लैबों को उत्कृष्टता केंद्रो (सीओई) के रूप में नामित किया है। ये सीओई महत्वपूर्ण खनिज के क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक शोध व नवाचार को बढ़ावा देंगे। इन केंद्रों को फंड परियोजना के आधार पर सरकारी आर एंड डी योजनाओं, उद्योगों की सहभागिता और वेंचर कैपिटल सपोर्ट से मिलेगा। सीओई के रूप में मान्यता प्राप्त संस्थानों में आईआईटी बांबे, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी रूढ़की, सीएसआईआर-आईएमएमटी भुवनेश्वर, सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर और एनएफटीडीसी हैदराबाद शामिल हैं।
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निष्कर्ष
महत्वपूर्ण खनिज तेजी से 21वीं सदी के तेल बनते जा रहे हैं, जो दुर्लभ, रणनीतिक और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी हैं। वे एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के मूलभूत स्तंभ हैं। भारत ने जलवायु के संबंध में कई बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जैसे 2030 तक अपने जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करना (2005 के स्तर से), उसी वर्ष तक अपनी आधी बिजली उत्पादन क्षमता को गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त करना, और 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करना। इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य लिथियम, कोबाल्ट, निकल और दुर्लभ खनिजों की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करना है। स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को सुनिश्चित करने के अलावा, यह मिशन निवेश आकर्षित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत को भविष्य के उद्योगों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में स्थापित करने के लिए भी बनाया गया है।
संदर्भ
खान मंत्रालय
https://mines.gov.in/webportal/newsdetail/shri--vl-kantha-rao-secretary-ministry-of-mines- inaugurated-the-centre-of-excellence-under-ncmm-at-iit-bombay-on-23rd-august-2025-in-the- presence-of-director-iit-bombay-prof-shireesh-kedare https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2151287
NCMM_1739251643.pdf 679a0e7c614611738149500.pdf
PowerPoint Presentation News/Events News/Events
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2114467
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2151287
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2122219#:~:text=CoEs%20will%20undertake% 20innovative%20and,Shuhaib%20T
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2163454 https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1942027)
पत्र सूचना ब्यूरो
https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=154178&ModuleId=3
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पीके/ केसी/एसके
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