Economy
भारतीय वाणिज्य और व्यापार के विकास के लिए जीएसटी का सरलीकरण
सरलीकृत कराधान के माध्यम से व्यापार को मजबूत करना
Posted On: 05 SEP 2025 5:50PM
मुख्य बिन्दु
- लेदर, फुटवियर और संबंधित काम के लिए जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
- पैकेजिंग पेपर पर जीएसटी घटाकर 5% किया गया तथा वाणिज्यिक माल वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया।
- वस्त्र उद्योग में प्रमुख सुधार, मानव निर्मित फाइबर में 18% से घटाकर 5% तथा यार्न में 12% से घटाकर 5% किया गया है।
- खिलौनों और खेल के सामान पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है, जिससे ये अधिक किफायती हो गए।
- प्रसंस्कृत फलों, सब्जियों और मेवों पर अब 12% से घटाकर 5% किया गया है।
परिचय
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री की अध्यक्षता में 3 सितंबर, 2025 को हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में व्यापार और वाणिज्य के प्रमुख क्षेत्रों में दरों में उल्लेखनीय कटौती के साथ एक सरलीकृत जीएसटी संरचना प्रस्तुत की गई है। लेदर, फुटवियर, पेपर, वस्त्र, हस्तशिल्प, खिलौने, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों को इस सुधार के अंतर्गत शामिल किया गया है।
कई वस्तुओं पर जीएसटी स्लैब को घटाकर 5% करने और परिवहन एवं संबद्ध क्षेत्रों में दरों को युक्तिसंगत बनाने के माध्यम से, इन सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करना, व्यापारियों के लिए अनुपालन को आसान बनाना और भारतीय व्यवसायों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
"जब खपत बढ़ेगी, तो एमएसएमई स्तर पर उत्पादित कई वस्तुओं की मांग भी बढ़ेगी। इससे उन्हें लाभ होगा क्योंकि उनका व्यवसाय बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर, दो स्लैब बनने से एमएसएमई पर अनुपालन का बोझ काफी कम हो जाएगा।" - एसोचैम के महासचिव श्री मनीष सिंघल
व्यापार और वाणिज्य के प्रमुख क्षेत्रों में की गई जीएसटी कटौती की मुख्य बातें निम्नलिखित खंडों में उल्लिखित है।
लेदर और फुटवियर
भारत में लेदर और फुटवियर क्षेत्र एक प्रमुख नियोक्ता है, जिसका एक मज़बूत निर्यात आधार है। यहां जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से निर्माताओं पर बोझ कम हो जाता है और उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो जाते हैं।
- चामोइस लेदर, लेदर या लेदर फाइबर पर आधारित कम्पोजिशन लेदर, तथा टैनिंग या क्रस्टिंग के बाद तैयार लेदर पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- 2500 रुपये प्रति जोड़ी तक की कीमत वाले फुटवियर पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
- जानवरों की खाल और लेदर से संबंधित कार्य की आपूर्ति (जो अध्याय 41 के अंतर्गत आते हैं) भी 12% से घटाकर 5% कर दी गई, जिससे एमएसएमई उत्पादन लागत में कमी आई।
- कम कराधान से भारतीय फुटवियर और लेदर निर्यात की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होने की उम्मीद है।
ई-कॉमर्स, पेपर और पैकेजिंग
ई-कॉमर्स सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है, जो किफ़ायती पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स पर बहुत अधिक निर्भर है। इस क्षेत्र में जीएसटी में कटौती से व्यवसायों और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए लागत कम होती है।
- पैकिंग पेपर, केस, कार्टन, बॉक्स (कोरगेटेड पेपर या नॉन-कोरगेटेड पेपर या पेपर बोर्ड) और पेपर पल्प मोल्डेड ट्रे पर अब 5% कर के अधीन हैं, जिससे प्रति ऑर्डर पैकेजिंग और शिपिंग लागत कम हो गई है।
- इससे लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग की लागत कम होगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सामान अधिक सस्ता हो जाएगा। इससे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भी मदद मिलेगी।
- इससे प्रति शिपमेंट पैकिंग लागत कम होगी तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और थोक बाजारों में एमएसएमई विक्रेताओं को लाभ होगा, जिससे उन्हें बेहतर मार्जिन और उपभोक्ताओं को खरीद का सामर्थ्य प्राप्त होगा।
- ट्रकों और डिलीवरी वैन पर जीएसटी में कमी (28% से 18%) से प्रति टन-किमी माल ढुलाई की दर कम हो जाती है, जिससे अंतिम-छोर तक डिलीवरी की दक्षता में सुधार होता है। ट्रक भारत की सप्लाई चेन की रीढ़ हैं। भारत में माल ढुलाई का 65%-70% हिस्सा इन्हीं ट्रकों द्वारा ढोया जाता है।
- सस्ते ट्रकों से सीधे तौर पर लॉजिस्टिक्स लागत कम करने में मदद मिलेगी, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा
- इसका संयुक्त प्रभाव लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और ऑनलाइन रिटेल इकोसिस्टम को समर्थन प्रदान करता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ती है।
"उद्योग जगत के लिए, खासकर एमएसएमई सेक्टर के लिए, यह बहुत लाभकारी होगा कि जीएसटी की दरें कम होने से स्थानीय बाजार में मांग बढ़ेगी, लोग आसानी से खरीददारी कर सकेंगे और इससे भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की अधिक संभावना है।"- विलायत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष, श्री हरीश जोशी
लकड़ी के उत्पाद
कृषि आधारित और पर्यावरण अनुकूल लकड़ी के विकल्पों पर कम कर लगता है, जिससे टिकाऊ विनिर्माण और एमएसएमई प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है।
- चावल की भूसी के बोर्ड, ग्लासफाइबर प्रबलित जिप्सम बोर्ड, सीमेंट बॉन्डेड पार्टिकल बोर्ड, जूट पार्टिकल बोर्ड, बगास बोर्ड, सिसल फाइबर बोर्ड आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया।
- वेनियरिंग के लिए शीट, बैम्बू फ्लोरिंग, कैस्क, बैरल, वैट, लकड़ी के टब शामिल हैं।
- लकड़ी निर्माण में एमएसएमई को सहायता प्रदान करना तथा पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना।
- इससे कई एमएसएमई लकड़ी निर्माण इकाइयों के उत्पाद प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
हस्तशिल्प
कारीगरों और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण हस्तशिल्प क्षेत्र को कराधान के सरलीकरण से लाभ मिलता है, जिससे पारंपरिक वस्तुएं अधिक किफायती और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनती हैं।
- लकड़ी, पत्थर और धातु से बनी मूर्तियों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- यह चित्रकला, रेखाचित्र, मूल उत्कीर्णन, हस्तनिर्मित मोमबत्तियों, नक्काशीदार लकड़ी के उत्पाद, थैलियों और पर्स सहित हैंडबैग, पत्थर की कलाकृतियों, पत्थर की जड़ाई का काम, मिट्टी एवं टेराकोटा के टेबलवेयर और किचनवेयर पर लागू होता है।
- इसमें कांच की प्रतिमाएं, लोहा, एल्युमीनियम, पीतल/तांबा आदि की कलाकृतियां शामिल हैं।
- इन सुधारों से भारत की सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था और कारीगरों की आजीविका मजबूत होगी।
"अब, जीएसटी हमारे देश में व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए एक नया स्वर्ण युग लेकर आया है। आज से, हमारे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए भी एक स्वर्ण युग आ गया है।" - चैंबर ऑफ कॉमर्स के वित्तीय सलाहकार श्री प्रवीण साहू
वाणिज्यिक माल वाहन
भारत के लॉजिस्टिक्स की रीढ़ के रूप में, ट्रकों और डिलीवरी वैन को जीएसटी कम होने से लाभ होता है जिससे परिवहन और निर्यात लागत कम होती है।
- वाणिज्यिक माल वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया।
- ट्रक मालिकों के लिए पूंजीगत लागत कम हो जाती है, प्रति टन-किमी माल भाड़ा कम हो जाता है।
- इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इससे कृषि उत्पादों, सीमेंट, स्टील, एफएमसीजी और ई-कॉमर्स डिलीवरी सस्ती हो जाएगी। इससे महंगाई कम होगी।
- एमएसएमई ट्रक ऑपरेटरों को सहायता प्रदान करता है, जो भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा हैं।
ट्रैक्टर के पुर्जे
भारत दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर बाजारों में से एक है और जीएसटी में कमी से घरेलू व निर्यात दोनों क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी। कृषि से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि ट्रैक्टर और उनके पुर्जों पर अब कम जीएसटी लगेगा, जिससे किसानों और उद्योग दोनों को लाभ होगा।
- ट्रैक्टर निर्माण के लिए आवश्यक पुर्जें जैसे टायर, गियर आदि पर भी 5% कर लगेगा।
· इंजन, टायर, हाइड्रोलिक पंप और स्पेयर पार्ट्स बनाने वाली सहायक एमएसएमई इकाइयों को उत्पादन बढ़ने से लाभ होगा। जीएसटी में कमी से भारत की वैश्विक ट्रैक्टर निर्माण केंद्र के रूप में स्थिति भी मज़बूत होगी।
फल, सब्जियां और खाद्य प्रसंस्करण
जीएसटी में कमी से कृषि-प्रसंस्करण उद्योगों को लाभ होगा, जिससे शीत भंडारण को बढ़ावा मिलेगा और खाद्य अपव्यय में कमी आएगी। अधिकांश खाद्य पदार्थों पर जीएसटी को 5% या शून्य तक कम करने से किसानों से लेकर एमएसएमई तक, खुदरा विक्रेताओं से लेकर निर्यातकों तक, संपूर्ण खाद्य प्रसंस्करण मूल्य श्रृंखला मजबूत होगी।
- तैयार और संरक्षित सब्जियों, फलों और मेवों पर 5% (जो 12% से कम है) कर लगाया गया है।
- यह शीत भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
- इससे किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं की बर्बादी कम होगी।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, भारत की कृषि-निर्यात केंद्र के रूप में स्थिति मजबूत होगी।
वस्त्र
वस्त्र उद्योग में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से संरचनात्मक विसंगतियां दूर होंगी, लागत कम होगी, मांग बढ़ेगी, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार के अवसर बने रहेंगे। यह लागत विसंगतियों को कम करके रेशे से लेकर परिधान तक संपूर्ण वस्त्र मूल्य श्रृंखला को मज़बूत करेगा। यह रेशे के स्तर पर विसंगतियों को भी दूर करेगा, यार्न/फैब्रिक के स्तर पर लागत को कम करेगा, कपड़ों की कीमत को सस्ता करेगा, खुदरा स्तर पर मांग को पुनर्जीवित करेगा और निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा। इससे फाइबर न्यूट्रल पॉलिसी को प्रोत्साहन मिलेगा।
- मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया।
- मानव निर्मित यार्न पर कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
- इस कटौती से एमएमएफ में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (आईडीएस) की समस्या दूर हो जाएगी। इससे फाइबर, यार्न और कपड़े की दरें एक समान हो जाएंगी तथा लंबे समय से चली आ रही विसंगतियां दूर होंगी, जिससे निर्माताओं पर कार्यशील पूंजी का बोझ बढ़ रहा था।
- इससे सिंथेटिक वस्त्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे तथा आयात पर निर्भरता कम होगी।
- दरों में कटौती भारतीय एमएमएफ-आधारित कपड़ों को वैश्विक बाज़ारों में मूल्य-प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी, जिससे भारत की वैश्विक वस्त्र केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा को बल मिलेगा। इससे निर्यातकों को भी मदद मिलेगी।
खिलौने और खेल के सामान
बाल विकास और एमएसएमई विनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण खिलौना उद्योग को जीएसटी में कमी से लाभ मिलेगा।
- खिलौनों और खेल के सामान पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया।
- खिलौनों को अधिक सस्ता बनाता है, खेल के माध्यम से प्रारंभिक बाल्यावस्था की शिक्षा को प्रोत्साहित करता है।
- घरेलू एमएसएमई खिलौना निर्माताओं को सहायता प्रदान करके "वोकल फॉर लोकल" पहल को बढ़ावा दिया।
- पड़ोसी देशों से आने वाले सस्ते आयात से बचाता है।
निष्कर्ष
"हमने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना इतनी जल्दी साकार हो जाएगी। क्रियान्वयन की गति महत्वपूर्ण है। यह आम आदमी के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। यह व्यापार को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आम आदमी की बुनियादी ज़रूरतों का ध्यान रखा गया है। इससे अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा।" - पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष श्री हेमंत जैन
लेदर, फुटवियर, ई-कॉमर्स, वस्त्र, हस्तशिल्प, खिलौने, कृषि-प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योगों में कर दरों को कम करके, सरकार ने अनुपालन लागत को कम किया है, उपभोक्ताओं की खरीददारी करने की क्षमता को बढ़ाया है और एमएसएमई के लिए मार्जिन बढ़ाया है। ये उपाय न केवल व्यापार करने की लागत को कम करते हैं, बल्कि निर्यात को बढ़ावा देने, कारीगरों और किसानों को सहायता प्रदान करने और टिकाऊ विनिर्माण को प्रोत्साहित करने जैसी व्यापक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप भी हैं। सामूहिक रूप से, ये सुधार एक अधिक कुशल, समावेशी और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी कर ढांचा बनाकर भारत की विकास गति को सुदृढ़ करते हैं।
संदर्भ
Ministry of Finance
https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2163555
Ministry of Commerce and Industry
Expert Quotes
https://x.com/ANI/status/1963461303953232028
https://x.com/ians_india/status/1963476413069365741
https://x.com/ians_india/status/1963560752478134444
https://x.com/ians_india/status/1963475101094932852
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