Technology
सेमीकॉन 2025: अगला सेमीकंडक्टर महाशक्ति बनाना
भारत का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो
Posted On: 01 SEP 2025 2:21PM
“आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है... जब मुश्किलें आ रही हों, तो आप भारत पर भरोसा कर सकते हैं” - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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मुख्य बातें
प्रधानमंत्री मोदी SEMICON India 2025 का उद्घाटन करेंगे। यह भारत का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो है, जो 2 से 4 सितम्बर 2025 तक यशोभूमि, नई दिल्ली में होगा।
इस बार का थीम है – “अगली सेमीकंडक्टर महाशक्ति का निर्माण”।
भारत इसमें 33 देशों, 50 से अधिक वैश्विक CXOs, 350 प्रदर्शक और 50+ अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं का स्वागत करेगा।
कार्यक्रम में भारत के स्थानीय सेमीकंडक्टर उद्योग के विस्तार और नए रुझानों को प्रमुखता से दिखाया जाएगा।
SEMICON India का उद्देश्य आने वाले समय की कठिन चुनौतियों का समाधान करना और पूरे सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में सहयोग बढ़ाना है, ताकि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य पूरा हो सके।
भारत का चिप बाज़ार तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक 100–110 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (₹76,000 करोड़) से स्थानीय निर्माण, डिज़ाइन और प्रतिभा को बढ़ावा मिल रहा है।
अभी तक 10 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें कुल मिलाकर करीब ₹1.60 लाख करोड़ का निवेश 6 राज्यों में हो रहा है।
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सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक का हृदय हैं। ये स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शक्ति देते हैं। जैसे-जैसे दुनिया डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही है, सेमीकंडक्टर आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता का आधार बन गए हैं। 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) शुरू होने के बाद केवल चार वर्षों में भारत ने अपनी सेमीकंडक्टर यात्रा को विजन से वास्तविकता में बदल दिया है। इस विजन को मजबूत करने के लिए सरकार ने ₹76,000 करोड़ का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम शुरू किया, जिसमें से लगभग ₹65,000 करोड़ की प्रतिबद्धता पहले ही हो चुकी है। भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नवाचार और निर्माण केंद्र बनाने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली में SEMICON India 2025 का उद्घाटन करेंगे। यह चौथा संस्करण अब तक का सबसे बड़ा होगा, जिसमें 33 देशों की 350+ कंपनियाँ और रिकॉर्ड संख्या में वैश्विक प्रतिनिधि भाग लेंगे। SEMICON India 2025 का आयोजन इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) और वैश्विक उद्योग संस्था SEMI द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इसके अलावा, 28 अगस्त 2025 को भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई, जब गुजरात के सानंद में देश की पहली एंड-टू-एंड OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) पायलट लाइन सुविधा शुरू की गई। सेमीकंडक्टर कंपनी CG-Semi से उम्मीद है कि इसी सुविधा से भारत का पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप तैयार होगा। चाहे डिज़ाइन हो, पैकेजिंग हो या निर्माण (Fabrication) – भारत हर स्तर पर अपने सपनों को आकार दे रहा है ताकि आत्मनिर्भर बन सके। डिजाइन लिंक्ड इंसेटिव (DLI) स्कीम के तहत 23 चिप डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिससे स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को सहयोग मिल रहा है। Vervesemi Microelectronics जैसी कंपनियाँ अब रक्षा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा प्रणालियों के लिए उन्नत चिप्स बना रही हैं। यह दिखाता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता (Creator) भी बन चुका है।

केंद्र सरकार ने ₹76,000 करोड़ के निवेश के साथ SEMICON India प्रोग्राम शुरू किया है, जिसे इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। SEMICON India का उद्देश्य है कि वैश्विक उद्योग जगत के नेता, नीति-निर्माता, शिक्षा जगत और स्टार्टअप्स को एक मंच पर लाकर निवेश, संवाद और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा दिया जाए। SEMICON India ने ISM (इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन) के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है, शोध को उद्योग से जोड़ता है, कौशल विकास में मदद करता है और वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की बढ़ती ताकत को दुनिया के सामने लाता है।
अब तक इसके तीन आयोजन हो चुके हैं –
• 2022 में बेंगलुरु
• 2023 में गांधीनगर
• 2024 में ग्रेटर नोएडा
आने वाला SEMICON India 2025 दिखाएगा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत कैसे नई और मजबूत भूमिका निभा रहा है। तीन दिन का यह कार्यक्रम उद्योग जगत, नवाचार करने वालों, शिक्षा जगत, सरकार और अन्य साझेदारों को एक साथ लाकर पूरी सप्लाई चेन में सहयोग और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाएगा। यह कार्यक्रम व्यापार और तकनीक से जुड़े नेताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग विश्लेषकों के लिए बहुत रुचिकर होगा। इसमें माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन से जुड़े विभिन्न लोग शामिल होंगे, जैसे – प्रबंधक, उपकरण निर्माता, डिज़ाइन क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, इंजीनियर, कॉलेज/स्नातक छात्र, तकनीशियन और कई अन्य।


विशेष आकर्षण
वर्कफोर्स डेवलपमेंट पवेलियन
- नई पीढ़ी को आकर्षित करना – विविध प्रतिभा पाइपलाइन तैयार करना।
- 2030 तक लगभग 10 लाख अतिरिक्त कुशल कर्मचारियों की ज़रूरत होगी।
- “Chip In! Sessions” – रोचक प्रस्तुतियाँ, नेतृत्व के अवसर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में इंटरएक्टिव गतिविधियाँ।
- छात्रों को STEM शिक्षा (Science, Technology, Engineering, Mathematics) से जोड़ना और उन्हें सेमीकंडक्टर करियर की ओर मार्गदर्शन देना।
- प्रतिभा पाइपलाइन को विविध और समावेशी बनाना।
- SEMI, शैक्षणिक साझेदार और उद्योग विशेषज्ञ मिलकर नवाचारी गतिविधियाँ तैयार करेंगे, ताकि आने वाली हाई-टेक वर्कफोर्स में स्थायी रुचि पैदा हो।
SEMI यूनिवर्सिटी प्रोग्राम
- वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग के पेशेवरों और नए प्रतिभागियों के लिए बेहतरीन तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- पाठ्यक्रम में 800+ ऑन-डिमांड कोर्स शामिल हैं
- फ्रंट-एंड और बैक-एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन्स
- चिप डिज़ाइन के सिद्धांत
- कार्यस्थल पर सुरक्षा
- तकनीकी रुझान, और अन्य विषय
- इसमें कक्षा आधारित कार्यक्रमों और वेबिनार्स की सामग्री भी शामिल है।
- कंटेंट प्रदाताओं के साथ साझेदारी कर तेज़ी से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है।
- इससे करियर को आगे बढ़ाने, व्यवसाय को विकसित करने, उद्योग में योगदान देने और नई वर्कफोर्स तैयार करने में मदद मिलती है।
सस्टेनेबिलिटी (Sustainability)
- टिकाऊ और पर्यावरण-हितैषी बिज़नेस बनाने की चिंता बढ़ रही है।
- Black Swan और Grey Rhino जैसी घटनाएँ जोखिम और चुनौतियों को और जटिल बनाती हैं।
- मुद्दे: ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, पानी और प्राकृतिक संसाधनों की कमी।
- उत्सर्जन कम करने और रीसाइक्लिंग बढ़ाने की ज़रूरत है।
अंतरराष्ट्रीय राउंडटेबल्स
- यह विशेष और उच्च-स्तरीय चर्चा मंच होंगे।
- इसमें उद्योग जगत के नेता, सरकारी अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि विचार साझा करेंगे।
- मुख्य फोकस विषय होंगे – सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन को मज़बूत बनाना।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ
- 350 प्रदर्शक कंपनियाँ, 15,000+ आगंतुक, 6 अंतरराष्ट्रीय राउंडटेबल्स, 4 देश पवेलियन और 9 भारतीय राज्यों की भागीदारी। यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स मंच होगा।
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- भारत की प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें 10 बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं – हाई-वॉल्यूम फैब्स, एडवांस पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, OSAT यूनिट्स और रिसर्च व स्टार्टअप्स को सरकारी मदद।
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- थीम “अगली सेमीकंडक्टर महाशक्ति का निर्माण” के तहत कार्यक्रम में नए नवाचारों और ट्रेंड्स जैसे – फैब्स, एडवांस पैकेजिंग, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, AI, सप्लाई चेन, सस्टेनेबिलिटी, वर्कफोर्स डेवलपमेंट, डिज़ाइन और स्टार्टअप्स पर गहन चर्चा होगी।
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- 3 दिन तक चलने वाले कार्यक्रम में 6 अंतरराष्ट्रीय राउंडटेबल्स, फायरसाइड चैट्स और पेपर प्रेजेंटेशन्स होंगे, जिनका उद्देश्य भविष्य की जटिल चुनौतियों का समाधान करना है।
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- 280 से अधिक शैक्षणिक संस्थान और 70+ स्टार्टअप्स को आधुनिक डिज़ाइन टूल्स और Design Linked Incentive (DLI) Scheme के तहत सहयोग मिल रहा है।
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SEMICON India 2025 एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, जो वैश्विक नेताओं, नवप्रवर्तकों, शिक्षाविदों, नीतिनिर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाकर भारत के सेमीकंडक्टर भविष्य को आगे बढ़ाता है। यह कार्यक्रम भारत की बढ़ती क्षमताओं, नीतियों और सहयोगों को प्रदर्शित करेगा, जिसका लक्ष्य है – आत्मनिर्भर और विश्व-स्तरीय सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाना
पिछले आयोजनों की मुख्य झलकियां
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2024 : ग्रेटर नोएडा, दिल्ली-एनसीआर
- थीम: “Shaping the Semiconductor Future” (सेमीकंडक्टर का भविष्य गढ़ना)
- उद्घाटन में 2,168 सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए।
- 18 देशों की 250+ कंपनियों ने प्रदर्शनी लगाई।
- 42 देशों से 10,994 आगंतुक आए।
- 675 बूथ्स, कुल 6,075 वर्ग मीटर प्रदर्शनी क्षेत्र।
- शीर्ष 5 आगंतुक देश: जापान, अमेरिका, सिंगापुर, मलेशिया और कोरिया।
- कॉन्फ्रेंस में 180 वक्ता (60 भारतीय और 120 अंतरराष्ट्रीय)।
- मुख्य फोकस क्षेत्र: मार्केट व तकनीकी रुझान, सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग।
- वर्कफोर्स डेवलपमेंट पवेलियन में 106 फ्लैश मेंटरिंग सेशन।
2023 : गांधीनगर, गुजरात
- थीम: “Catalysing India’s Semiconductor Ecosystem” (भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को गति देना)
- 23 देशों से 8,000+ प्रतिभागी।
- 40,000 आगंतुक, 600 प्रदर्शक कंपनियाँ।
- प्रमुख वैश्विक कंपनियों की मौजूदगी: Micron Technology, Applied Materials, AMD, Foxconn, Cadence, SEMI।
- बड़ा ऐलान: AMD ने भारत में $400 मिलियन का निवेश किया, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा AMD डिज़ाइन सेंटर बनेगा।
2022 : बेंगलुरु, कर्नाटक
- पहली बार आयोजित हुआ Semicon India Conference।
- थीम: “Design and Manufacture in India, for the World: Making India a Semiconductor Nation”
- (भारत में डिज़ाइन और निर्माण, दुनिया के लिए: भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाना)
- संचालन समिति (Steering Committee) में स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थान और वैश्विक उद्योग नेता शामिल थे, जिससे सरकार का सहयोगी दृष्टिकोण सामने आया।
- प्रमुख विषय- भारत की क्षमता सेमीकंडक्टर हब बनने की संभावना, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप इकोसिस्टम, व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business), युवाओं के कौशल विकास (Youth Skilling)
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री क्यों महत्वपूर्ण है- एक रणनीतिक दृष्टिकोण
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सेमीकंडक्टर ऐसे खास मैटेरियल हैं जो कंडक्टर और इंसुलेटर्स दोनों की तरह कार्य कर सकते हैं, कभी बिजली को रोक सकते हैं और कभी उसे प्रवाहित कर सकते हैं। इसी वजह से ये इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के लिए बिल्कुल सही होते हैं। जब अरबों सेमीकंडक्टर को एक चिप में जोड़ दिया जाता है, तो वह डिवाइस अचानक फोन कॉल कर सकती है, फोटो खींच सकती है, या फिर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की तरह सुरक्षित लैंडिंग जगह चुनने में मदद कर सकती है – वो भी भारतीय तकनीक और एआई की बदौलत। एक चिप में लाखों-करोड़ों छोटे-छोटे स्विच (ट्रांजिस्टर) और बहुत सारे हिस्से मिलकर काम करते हैं।
चाहे मोबाइल फोन हो, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) हो या फिर राष्ट्रीय रक्षा प्रणाली – ये चिप्स ऐसे अदृश्य हीरो हैं जो आधुनिक जीवन को संभव बनाते हैं।
सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक की रीढ़ हैं। ये स्वास्थ्य, परिवहन, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शक्ति देते हैं। बढ़ती डिजिटलाइजेशन और ऑटोमेशन से अब चिप्स आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए भी ज़रूरी हो गए हैं। कोविड-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध के दौरान जब चिप्स की कमी हुई, तब दुनिया को इसका असर समझ में आया क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पर सीधा असर पड़ा। स्मार्ट डिवाइस के लिए छोटे और तेज़ पुर्ज़ों की मांग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते इस्तेमाल ने इस उद्योग को और तेज़ी से आगे बढ़ाया है। आज ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान, चीन और अमेरिका सेमीकंडक्टर उत्पादन में आगे हैं। अकेले ताइवान दुनिया के 60% चिप्स और 90% सबसे उन्नत चिप्स बनाता है। यही वजह है कि अगर सप्लाई चेन टूटे तो बड़ा खतरा हो सकता है। इसी को देखते हुए भारत समेत कई देश अपनी स्थानीय चिप फैक्ट्रियाँ और सुरक्षित सप्लाई चेन बना रहे हैं।
सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की भूमिका
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दुनिया में चिप्स की मांग बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन कुछ चुनिंदा देशों तक सीमित है। इसलिए उत्पादन को वैश्विक स्तर पर फैलाना ज़रूरी है।
भारत इस दिशा में एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभर रहा है। मेक इन इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ESDM), सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम और ISM मिशन जैसी पहलों ने उद्योग के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनाया है। वैश्विक सेमीकंडक्टर बाज़ार 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा, और इसमें भारत का बड़ा हिस्सा होगा। भारत सप्लाई चेन में तीन प्रमुख स्तंभों में योगदान कर सकता है- उपकरण (Equipment) – MSMEs के सहारे सेमीकंडक्टर उपकरण के पुर्ज़े बनाना। सामग्री (Materials) – भारत में उपलब्ध केमिकल्स, मिनरल्स और गैसों का उपयोग और सेवाएँ (Services) – R&D, लॉजिस्टिक्स, AI, बिग डेटा, क्लाउड और IoT में भारत की बड़ी प्रतिभा।
मई 2025 में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा और बेंगलुरु में दो अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों का उद्घाटन किया। ये केंद्र भारत के पहले ऐसे केंद्र हैं जहाँ उन्नत 3-नैनोमीटर चिप डिजाइन पर काम होगा। यह भारत की सेमीकंडक्टर नवाचार यात्रा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
मंत्री ने बताया कि 3 नैनोमीटर पर डिजाइन करना असली “नेक्स्ट जेनरेशन” तकनीक है। अब तक भारत 7nm और 5nm डिजाइन बना चुका था, लेकिन यह उपलब्धि सेमीकंडक्टर नवाचार में एक नई ऊँचाई दिखाती है।

भारत अब डिज़ाइन, पैकेजिंग और मैन्युफैक्चरिंग – तीनों में आगे बढ़ रहा है। पैकेजिंग तकनीक को इतना उन्नत बनाया जा रहा है कि ये दुनिया में सबसे बेहतरीन हो सके। निर्माण (Fabrication) में भारत पारंपरिक सिलिकॉन आधारित चिप्स से सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) चिप्स की ओर बढ़ रहा है। SiC चिप्स ज्यादा मज़बूत हैं और 2400°C तक के तापमान और उच्च वोल्टेज सह सकते हैं। यह तकनीक रक्षा, मिसाइल, रडार और अंतरिक्ष रॉकेट जैसे क्षेत्रों के लिए अहम है। उद्योग के सामूहिक प्रयासों से जल्द ही भारत का पहला मेड इन इंडिया चिप लॉन्च होगा। इन प्रगतियों के साथ भारत दुनिया को बेहतरीन डिज़ाइन, फैब्रिकेशन और मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम देने की स्थिति में होगा।
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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ( ISM)
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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) का मकसद है कि सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग और चिप डिज़ाइन में निवेश को वित्तीय मदद दी जाए, ताकि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन से और मज़बूती से जोड़ा जा सके। इसे सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग के वैश्विक विशेषज्ञों के नेतृत्व में चलाने की परिकल्पना की गई है। इसका लक्ष्य है भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम बनाना और भारत को दुनिया का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और डिज़ाइन हब बनाना। ISM इन योजनाओं के कुशल और सुचारु क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है। अभी तक 6 राज्यों में 10 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें उड़ीसा में पहला सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) फैब और एक एडवांस पैकेजिंग यूनिट भी शामिल है। इन प्रोजेक्ट्स में कुल ₹1.60 लाख करोड़ का निवेश होगा और यह भारत को वैश्विक नेताओं के बराबर खड़ा करेगा।
Date
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Company
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Location
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Status
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Investment
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Output Capacity
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JUN 2023
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Micron Technology
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Sanand, Gujarat
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Ongoing
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₹22,516 crore
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ATMP Facility, with phased ramp-up.
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FEB 2024
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Tata Electronics (TEPL) in partnership with Powerchip Semiconductor Manufacturing Corp (PSMC) of Taiwan
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Dholera, Gujarat
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Ongoing
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~₹91,000 crore
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50,000 wafers/month
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FEB 2024
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CG Power & Industrial Pvt Ltd in partnership with Renesas & Stars
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Sanand, Gujarat
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Launched one of the country’s first end-to-end OSAT Pilot Line Facilities. First ‘Made in India’ chip expected to roll out from this pilot facility.
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~₹7,600 crore
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15 million chips/day
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FEB 2024
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Tata Semiconductor Assembly and Test Pvt Ltd (TSAT)
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Morigaon, Assam
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Phase 1 expected to be commissioned by April 2026
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₹27,000 crore
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48 million chips/day
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SEPT 2024
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Kaynes Semicon Pvt Ltd
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Sanand, Gujarat
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Pilot facility operational
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₹3,307 crore
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6.33 million chips/day
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MAY
2025
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HCL-Foxconn JV
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Jewar, Uttar Pradesh
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Ongoing
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₹3,700 crore
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20,000 wafers/month
(36 M units/yr)
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AUGUST 2025
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SicSem Private Limited
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Bhubaneshwar, Odisha
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Recently approved
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₹2,066 crore
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60 thousand wafers per year; ATMP capacity: 96 million
Units/year
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AUGUST 2025
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3D Glass Solutions Inc.
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Bhubaneshwar, Odisha
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Recently approved
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₹1,943 Cr
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Glass panels: 70
Thousand units/year; ATMP : 50 million units/ year
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AUGUST 2025
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CDIL (Continental Device)
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Mohali, Punjab
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Recently approved
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₹117 Cr
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158 million units /year
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AUGUST 2025
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ASIP (Advanced System in Package Technologies)
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Andhra Pradesh
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Recently approved
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₹468 Cr
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96 million units /year
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भारत की पहली OSAT पायलट लाइन (सानंद, गुजरात)
28 अगस्त 2025 को गुजरात के सानंद में CG Power की पहली OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) पायलट लाइन सुविधा का उद्घाटन हुआ। यह भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक अहम पड़ाव है। CG Semi ने इस प्रोजेक्ट में ₹7,600 करोड़ का निवेश किया है और अगले 5 वर्षों में दो आधुनिक यूनिट्स बनाएगा, जो चिप असेंबली, पैकेजिंग, टेस्टिंग और पोस्ट-टेस्ट सेवाएँ देंगे। उद्घाटित G1 यूनिट रोज़ाना लगभग 5 लाख चिप्स बनाने में सक्षम है और 2026 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करेगी। निर्माणाधीन G2 यूनिट की क्षमता भविष्य में बढ़कर 1.45 करोड़ चिप्स प्रतिदिन होगी और इससे 5,000+ नौकरियाँ पैदा होंगी। यह सुविधा वर्कफोर्स ट्रेनिंग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग के ज़रिए भारत में सेमीकंडक्टर प्रतिभा तैयार करने में भी मदद करेगी। इस पहल ने गुजरात को भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का एक बड़ा केंद्र बना दिया है, जिसे सरकार और उद्योग दोनों का मज़बूत समर्थन मिला है।
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ISM का फोकस
- चिप निर्माण संयंत्र (Fabs) लगाना।
- पैकेजिंग और टेस्टिंग यूनिट्स बनाना।
- चिप डिज़ाइन में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना।
- युवा इंजीनियरों को प्रशिक्षित करना।
- वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करना।
ISM के उद्देश्य
- देश में टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएँ तथा सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इकोसिस्टम बनाने के लिए लंबी अवधि की रणनीति तैयार करना।
- सुरक्षित माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स को अपनाने और एक भरोसेमंद सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन विकसित करना, जिसमें कच्चा माल, विशेष रसायन, गैसें और निर्माण उपकरण शामिल हों।
- भारतीय सेमीकंडक्टर डिज़ाइन उद्योग को कई गुना बढ़ावा देना, जिसके लिए शुरुआती स्टार्टअप्स को EDA टूल्स, फाउंड्री सेवाएँ और अन्य सहयोग देना।
- देश में स्वदेशी बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देना।
- तकनीक के हस्तांतरण को प्रोत्साहित और आसान बनाना।
- भारतीय सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग में बड़े पैमाने पर उत्पादन हासिल करने के लिए उचित व्यवस्था करना।
- सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग में आधुनिक व अग्रणी शोध को बढ़ावा देना। इसके लिए ग्रांट्स, वैश्विक सहयोग, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग और Centres of Excellence (CoEs) की स्थापना जैसे उपाय अपनाना।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, उद्योगों और संस्थानों के साथ सहयोग और साझेदारी कार्यक्रम बनाना ताकि संयुक्त शोध, व्यावसायीकरण और कौशल विकास को बढ़ावा मिले।

ISM के तहत कौशल विकास और सहयोग
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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, ट्रेनिंग वर्कशॉप और सर्टिफिकेशन कोर्स शुरू किए गए हैं। इन पहलों से छात्रों और इंजीनियरों को व्यावहारिक अनुभव, उद्योग से जुड़ाव और मार्गदर्शन (Mentorship) मिलता है, जिससे उनका करियर और कौशल दोनों आगे बढ़ते हैं।
नए प्रोजेक्ट्स से ही 2,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ और अप्रत्यक्ष रूप से कई हजार रोजगार इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मिलेंगे।
अब तक 60,000 से अधिक छात्रों को इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ मिल चुका है, जिससे नई पीढ़ी के इंजीनियर और डिज़ाइनर तैयार हो रहे हैं। शोध संस्थान और विश्वविद्यालय इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे नई तकनीक विकसित करने, रिसर्च करने और प्रतिभा को तैयार करने में योगदान दे रहे हैं। उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि नवाचार, ज्ञान का आदान-प्रदान और संयुक्त प्रोजेक्ट्स के ज़रिए तकनीकी चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
सेमीकंडक्टर चिप डिज़ाइन में प्रतिभा विकसित करने के लिए सरकारी पहलें
- AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) ने VLSI डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी तथा इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) मैन्युफैक्चरिंग के लिए नया पाठ्यक्रम शुरू किया।
- आने वाले 10 वर्षों में 85,000 विशेषज्ञ इंजीनियर तैयार किए जा रहे हैं और उन्हें चिप डिज़ाइन के लिए EDA टूल्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- अब तक 100 संस्थानों से 45,000+ छात्र नामांकित हो चुके हैं।
- NIELIT, कालीकट में SMART लैब शुरू की गई है, जिसका लक्ष्य 1 लाख इंजीनियर प्रशिक्षित करना है। अब तक 44,000+ इंजीनियर प्रशिक्षित हो चुके हैं।
- Lam Research, IBM और Purdue University जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग।
- C2S कार्यक्रम (Chips to Startup): अगस्त 2025 तक 278 शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्टअप्स को EDA टूल्स दिए जा चुके हैं।
- अगस्त 2025 तक 60,000 छात्रों को लाभ मिला है।
- अब तक 17 संस्थानों से 20 चिप्स का निर्माण हो चुका है (अगस्त 2025 तक)।
- Future Skills Program: सरकार की पहल जिसके तहत मध्य प्रदेश में 20,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- Micron और IIT रुड़की ने एक समझौता (MoU) किया है ताकि नवाचार को बढ़ावा मिले और उच्च कौशल वाली वर्कफोर्स तैयार हो सके।
- भारत की बड़ी टैलेंट पूल (Talent Pool) का लाभ उठाकर अब वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन कंपनियाँ भारत में तेज़ी से अपनी टीमें बढ़ा रही हैं और यहाँ आधुनिकतम चिप्स डिज़ाइन कर रही हैं।
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भारत की महत्वाकांक्षी सेमीकंडक्टर यात्रा, जिसका उदाहरण SEMICON India 2025 है, एक ऐसे बदलाव भरे युग की शुरुआत है जहाँ तकनीकी आत्मनिर्भरता और नवाचार को नया आयाम मिल रहा है। यह यात्रा सरकार की पहलों, जैसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम, से मज़बूत हुई है।
बड़े वित्तीय निवेश, संसाधनों के रणनीतिक इस्तेमाल और एक समग्र इकोसिस्टम बनाने के स्पष्ट लक्ष्य के साथ भारत अब सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की नींव रख रहा है। संसाधनों के समझदारी से उपयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत केवल निवेश ही नहीं कर रहा, बल्कि एक ऐसा मजबूत आधार भी बना रहा है जो इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल तक सभी उद्योगों को शक्ति देगा और देश को आने वाले समय में वैश्विक नेता की स्थिति दिलाएगा। SEMICON India 2025 सिर्फ चिप्स तक सीमित नहीं है – यह आत्मनिर्भरता, नवाचार और भारत के वैश्विक शक्ति बनने की कहानी है, जहाँ “Designed and Made in India” तकनीकें दुनिया के भविष्य को आकार देंगी।
संदर्भः
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