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Infrastructure

विझिनजाम से विज़न 2047 तक

आर्थिक, रणनीतिक और सतत विकास के लिए ब्लू कॉरिडोर का निर्माण

Posted On: 03 MAY 2025 7:53PM

केरल में स्थित विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बहुउद्देशीय गहरे जल का बंदरगाह भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे में एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 2 मई, 2025 को उद्घाटित 8,800 करोड़ रुपये की यह परियोजना रणनीतिक समुद्री पहलों के माध्यम से अपनी बंदरगाह क्षमताओं को बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इस बहुउद्देश्यीय बंदरगाह के विकास के लिए विझिनजाम का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह न केवल अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों के निकट एक ऐसे रणनीतिक स्‍थल पर है  जहां जहाजों के लिए आवागमन समय को काफी कम किया जा सकता है और इसके साथ-साथ यह समुद्री व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केन्‍द्र भी है। भारत के कुछ प्राकृतिक गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक के रूप में, यह बंदरगाह बड़े मालवाहक और कंटेनर जहाजों को कुशलतापूर्वक समायोजित कर सकता है, इस प्रकार यह इस तरह के विकास के लिए एक आदर्श विकल्प है।

विझिंजम बंदरगाह की विशेषताएं

भारत का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट बंदरगाह

यह विश्व के व्यस्ततम समुद्री व्यापार मार्गों में से एक के निकट रणनीतिक रूप से स्थित है।

इस बंदरगाह में लगभग 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई है, जो इसे विश्व के कुछ सबसे बड़े मालवाहक जहाजों को समायोजित करने में सक्षम बनाती है।

आने वाले वर्षों में इस ट्रांस-शिपमेंट बंदरगाह की क्षमता तीन गुना बढ़ने की आशा है।

विझिंजम बंदरगाह के लाभ

इस बंदरगाह के विकास से ट्रांस-शिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर भारत की निर्भरता काफी कम होने की आशा है, जो पूर्व में ऐसे परिचालनों के लिए 75 प्रतिशत थी इससे देश के भीतर राजस्व बना रहेगा और केरल और उसके स्‍थानीय लोगों के लिए नए आर्थिक अवसरों सृजन होगा।

विझिनजाम क्षेत्रीय व्यापार में एक प्रमुख बंदरगाह बनने के लिए तैयार है और संभवतः दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के बीच वाणिज्य के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा।

भारत के बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्ग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल

सागरमाला परियोजना और पीएम गति शक्ति जैसी भारत सरकार की पहलों का उद्देश्य बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और जलमार्ग, रेलवे, राजमार्गों और वायुमार्गों की अंतर-संपर्कता में सुधार करना है। पिछले एक दशक में, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अंतर्गत निवेश ने भारतीय बंदरगाहों को वैश्विक मानकों पर उन्नत किया है, जहाज के टर्न-अराउंड समय को 30 प्रतिशत कम किया है और बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना कर दिया है। इन प्रयासों ने भारत को नौवहन संख्या के मामले में वैश्विक रूप से शीर्ष तीन देशों में और वैश्विक पोत निर्माण में शीर्ष 20 में स्थान दिलाया है। भारत के समुद्री क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए, सरकार कोच्चि में एक जहाज निर्माण और मरम्मत क्लस्टर की स्थापना की दिशा में कार्य कर रही है, इससे रोजगार के कई अवसरों का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त, समुद्री अमृत काल विजन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे जैसी पहल, जिन पर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई थी, वैश्विक व्यापार नेटवर्क में केरल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती हैं।

 

बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार अमृत काल विजन 2047, मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 पर आधारित है और इसका उद्देश्य विश्व स्तरीय बंदरगाहों का विकास करना और अंतर्देशीय जल परिवहन, तटीय नौवहन और एक स्थायी समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा देना है। इसमें रसद, बुनियादी ढांचे और नौवहन में आकांक्षाओं को शामिल किया गया है, जो भारत की 'ब्लू इकोनॉमी' का समर्थन करता है। विभिन्न हितधारकों के साथ 150 से अधिक परामर्श और 50 अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के विश्लेषण के माध्यम से तैयार किए गए इस विजन में 2047 तक बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्गों को बढ़ाने के लिए 300 से अधिक कार्रवाई योग्य पहलों की रूपरेखा दी गई है।

 

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) की शुरूआत भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान हुई और इसका उद्देश्य भारत, यूरोप, मध्य-पूर्व को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन, इज़राइल और यूरोपीय संघ के माध्यम से एकीकृत करना है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत की समुद्री सुरक्षा और यूरोप एवं एशिया के बीच माल की त्वरित आवाजाही में योगदान दे सकती है। आईएमईसी रसद लागत को 30 प्रतिशत तक और परिवहन समय को 40 प्रतिशत तक कम कर देगा। हाल ही में, 16 अप्रैल, 2025 को, संपर्क और आर्थिक विकास पर आईएमईसी उच्च-स्तरीय गोलमेज सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।

एक राष्ट्र एक बंदरगाह

'वन नेशन वन पोर्ट प्रोसेस (ओएनओपी)' पहल बंदरगाह प्रक्रियाओं और दस्तावेज़ीकरण के मानचित्रण और मानकीकरण पर केंद्रित है । इसमें सभी प्रमुख बंदरगाहों में बंदरगाह मूल्य श्रृंखला के भीतर आदान-प्रदान की जाने वाली वर्तनान प्रक्रियाओं और दस्तावेजों की व्यापक समीक्षा करना शामिल है, जिसमें कंटेनर, ड्राई बल्क और लिक्विड बल्क सहित विभिन्न कार्गो प्रकार के साथ ही निर्यात-आयात, ट्रांस-शिपमेंट और तटीय संचालन जैसी विभिन्न श्रेणियां शामिल हैं। ओएनओपी पहल के कार्यान्वयन से कंटेनर संचालन और बल्क कार्गो दोनों के लिए कागजी कार्रवाई में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है, जिससे रसद लागत में भी कमी आएगी।

बड़े बंदरगाहों के विकास के लिए मास्टर प्लान

छह बंदरगाह समूह जिनमें से चार बंदरगाह समूह अर्थात कोचीन-विझिंजम बंदरगाह समूह, गैलेथिया साउथ बे बंदरगाह, चेन्नई-कामराजर-कुड्डालोर बंदरगाह समूह, पारादीप और अन्य गैर-प्रमुख बंदरगाह समूह जिनकी क्षमता 300 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से अधिक है और दो बंदरगाह समूह अर्थात दीनदयाल और टूना टेकरा बंदरगाह समूह, जवाहरलाल नेहरू-वधावन बंदरगाह समूह जिनकी क्षमता 500 एमटीपीए से अधिक है, को वर्ष 2047 तक व्यापक स्तर पर बड़े बंदरगाहों के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये गतिविधियां समुद्री अमृत काल विजन, 2047 में शामिल हैं । प्रमुख बंदरगाहों में बुनियादी ढांचे में वृद्धि और क्षमता संवर्धन के कार्य पहले से ही सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माध्यम और आंतरिक संसाधनों के माध्यम से प्रगति पर हैं।

निष्कर्ष

विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बहुउद्देशीय गहरे पानी के बंदरगाह का उद्घाटन भारत की समुद्री यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण को चिह्नित करता है और वैश्विक व्यापार तथा रसद केंद्र बनने की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को मजबूत बनाता है। अपने रणनीतिक स्थल, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और सागरमाला, पीएम गति शक्ति एवं समुद्री अमृत काल विजन 2047 जैसी प्रमुख सरकारी पहलों के अनुरूप, विझिनजाम भारत की आर्थिक वृद्धि, क्षेत्रीय संपर्क और वैश्विक नौवहन प्रतिस्पर्धा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जैसे-जैसे राष्ट्र भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे जैसे एकीकृत परिवहन गलियारों द्वारा आकार दिए गए भविष्य की ओर बढ़ रहा है, विझिनजाम बंदरगाह देश के समुद्री पुनर्जागरण में प्रगति, स्थिरता और रणनीतिक दूरदर्शिता के एक प्रकाशस्तंभ के रूप में खड़ा है।

संदर्भ

राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 3515 दिनांक 1 अप्रैल, 2025

राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 3513 दिनांक 1 अप्रैल, 2025

https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2032811

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2126080

https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2052486

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2122299

https://x.com/sarbanandsonwal/status/1918238937346396507

https://shipmin.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%202024-25%20-%20English.pdf

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