Social Welfare
युवाओं तथा दैनिक यातायात के लिए जीएसटी सुधार
Posted On: 14 SEP 2025 10:12 AM
प्रत्येक भारतीय युवा के लिए फिटनेस/व्यायाम, जीवनशैली एवं परिवहन उपादानों को सस्ता किया गया
प्रमुख लाभ:
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- जिम/फिटनेस केंद्रों पर लगने वाले जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी। इससे फिटनेस के उपादान पहले से अधिक सस्ते एवं सुलभ हो गए।
- दुपहिया वाहनों पर जीएसटी की दर (350 सीसी इंजन क्षमता वाले भी शामिल) को 28 फीसद से घटाकर 18 प्रतिशत किया। इससे ग्रामीण यातायात एवं गिगकर्मियों को बड़ा सहारा लगेगा।
- छोटी कारों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकार 18 प्रतिशत की गई। इससे मध्यवर्गीय परिवारों को लाभ मिलेगा तथा वाहन सेक्टर में मांग बढ़ेगी।
- इन सुधारों से उक्त उपादान सस्ते मिलेंगे, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने को प्रोत्साहन मिलेगा एवं युवाओं तथा परिवारों का जीवन अधिक सरल बन पाएगा।
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परिचय
तीन सितंबर, 2025 को हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं महत्वपूर्ण बैठक में घोषित जीएसटी सुधारों से सरकारों की जनोन्मुख प्रवृत्ति जाहिर होती है। इसका लक्ष्य उक्त उत्पादों एवं सेवाओं को सस्ता, सुलभ एवं समावेशी बनाना है। जिम/फिटनेस सेंटरों, दुपहिया वाहनों एवं छोटी कारों पर लगने वाले जीएसटी की दरों को घटाकर सरकार ने न केवल परिवारों पर वित्तीय बोझ कम किया है बल्कि स्वस्थ जीवनशैली,परिवहन के सस्ते साधनों तथा जीवन को और अधिक सरल बनाने के उपादानों को प्रोत्साहित करने की अपनी दूरदृष्टि पर भी अमल किया है। इन उपायों से मध्यवर्ग, युवाओं तथा कामकाजी प्रोफैशनलों को लाभ होगा। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों में नई मांग भी पैदा होगी।

युवाओं में फिटनेस की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने और जीवन को सरल बनाने संबंधी सरकारी उपाय :—
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फिटनेस संबंधी उपादानों एवं वातावरण को ठोस आधार देने के प्रति सरकार अत्यंत गंभीर है। इसे फिट इंडिया अभियान सहित विभिन्न योजनाओं द्वारा प्रचारित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनके माध्यम से नागरिकों को अधिक स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियां करने एवं दौड़ लगाने संबंधी जागरूकता अभियानों से प्रेरित किया जा रहा है। यह अभियान स्कूलों,कार्यस्थलों एवं समुदायों में भी चलाए जा रहे हैं। इनके अलावा भी 'खेलो इंडिया' जैसी योजना खेलकूद के बुनियादी ढांचे एवं प्रशिक्षण तक बहुत अधिक संख्या में लोगों की पहुंच बढ़ा रही हैं। खेलकूद सुविधाओं तक युवाओं की पहुंच बढ़ने से ग्रामीण स्तर के खिलाड़ी और खेलकूद प्रतिस्पर्धा के आकांक्षियों को तलाशना एवं संवारना भी आसान हो रहा है। इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा युवाओं का जीवन सरल तथा कार्यकुशल बनाने को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(पीएमकेवाई) तथा ढांचागत लोक कार्यों के लिए नैशनल यूथ कोर (एनवाईसी) जैसी योजना भी चलाई जा रही हैं। गिग एवं प्लेटफॉर्म कर्मियों के कल्याण के लिए किए गए सरकारी उपायों में ई—श्रम पोर्टल पर पंजीकरण, सामाजिक सुरक्षा संहिता—2020 के तहत सामाजिक सुरक्षा एवं पेंशन योजना तथा आयुष्मान भारत—पीएमजय के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा भी शामिल हैं। यह योजना युवाओं एवं कामगारों की जिंदगी आसान करने को शुरू की गई हैं।
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जिम एवं फिटनेस सेंटर
जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसद की गई
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फिटनेस सेंटरों पर जीएसटी की दरों में कटौती अधिक स्वस्थ एवं अधिक सक्रिय भारत के निर्माण की दिशा में निर्णायक पहल है। फिटनेस जिसे पहले अनेक लोगों द्वारा विलासी गतिविधि माना जाता था, उसे अब समाज के अधिक व्यापक तबकों के प्रयोग लायक बनाया गया है। यह अब निवारक सावधानी एवं तंदुरूस्ती को प्रोत्साहन के व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य एजंडे के अनुरूप ही है।

मुख्य लाभ:
• सबको खर्च क्षमता में फिटनेस का अवसर देना—जीएसटी की दर दो—तिहाई से भी अधिक घटने से जिम एवं फिटनेस सेंटरों की सदस्यता हासिल करना सस्ता हो गया है जिससे युवाओं एवं मध्यवर्गीय परिवारों के लिए ढांचागत स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती सेवाओं का लाभ लेना आसान हो जाएगा।
• निवारक स्वास्थ्य देखभाल में सहायक—
यह उपाय राष्ट्रीय निवारक स्वास्थ्य पहलों जैसे—फिट इंडिया अभियान, का अनुपूरक है जिसके तहत नागरिकों को लंबी बीमारियों से बचाने के लिए नियमित व्यायाम एवं जीवनशैली में परिवर्तन करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
• कामकाजी प्रोफेशनलों के लिए उपलब्धता का दायरा बढ़ा—शहरी कर्मचारी एवं विद्यार्थी जो नियमित व्यायाम के लिए जिम पर निर्भर रहते हैं उन्हें उसके घटे दाम से फायदा होगा। इससे अपनी व्यस्त जीवनशैली को फिटनेस से संतुलित करने में उन्हें आसानी होगी।
• तुदुरूस्ती के पक्ष में सांस्कृतिक परिवर्तन —
फिटनेस सेंटरों तक पहुंच सुगम बना कर सरकार द्वारा सामाजिक परिवर्तन किया जा रहा है:इलाज आधारित स्वास्थ्य देखभाल की जगह निवारक स्वास्थ्य देखभाल। इससे परिवारों द्वारा लंबे समय में स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च की जाने वाली राशि में अंतत: कमी आएगी।
दुपहिया (बाइक—350 सी सी सहित इंजन क्षमता तक) पर
जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत—
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दुपहिया आजकल सिर्फ वाहन से कहीं अधिक उपयोगी हैं। करोड़ो भारतीय के लिए दुपहिया दरअसल आवाजाही की जीवनरेखा बन गए हैं। विशेषकर ग्रामीण एवं अर्धशहरी क्षेत्रों में दुपहिया तमाम लोगों की जीवनरेखा है। जीएसटी की दरें घटाए जाने से निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को वास्तविक वित्तीय राहत मिलेगी। इससे अपनी आजीविका एवं दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दुपहिया पर निर्भर युवा पेशेवरों एवं गिग कर्मियों की भी बचत होगी।
प्रमुख लाभ: -
• घटी खरीद लागत— जीएसटी की दर घटने से दुपहिया वाहनों का कुल मूल्य घट रहा है। इससे दुपहिया युवाओं, विद्यार्थियों,प्रथम उपभेक्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो रहा है खासकर निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लोगों के लिए।
• ग्रामीण एवं अर्धशहरी आवाजाही को बढ़ावा— कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर बाइक ही परिवहन का बुनियादी साधन है। बाइक सस्ती होने से उन लोगों की पहुंच बढ़ेगी एवं दैनंदिन आवाजाही के अधिक विकल्प उपलब्ध हो पाएंगे।
• गिग अर्थव्यवस्था कर्मियों को सहारा— डिलीवरी एजंट, राइड बुक करने के सेवाप्रदाताओं एवं अन्य गिग कर्मियों के लिए परिवहन एवं काम करने का बुनियादी साधन दुपहिया ही है। जीएसटी की घटी दरों से उनकी खरीद लागत, मासिक भुगतान किस्तों तथा उनके रखरखाव पर खर्च में कमी आने से उनको माहवार बचत भी होगी।
• उत्पादकता एवं उपयोगिता में बढ़ोतरी— आवाजाही की लागत घटने में मददगार होकर इस बहुपयोगी सुधार से कर्मियों को अधिक पैसा बचाने, रोजगार के अवसर तलाशने के लिए सुगम परिवहन सुविधा पाने एवं कार्यबल की सर्वांगीण दक्षता बढ़ाने के आसार बने हैं।
• आत्मनिर्भरता को बढ़ावा— आसानी से सुलभ परिवहन सुविधा से युवा बेहतर शिक्षा, रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर पाने में सक्षम होते हैं। इससे आवाजाही की चुनौतियां उनके लक्ष्य को पाने में आड़े नहीं आतीं।

छोटी कार
जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत
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छोटी कार भारत के ऑटोमोबील/मोटर गाड़ी बाजार की रीढ़ हैं, विशेषकर दूसरे एवं तीसरे दर्जे के नगरों में वही अधिक बिकते हैं। इस दर्जे की कारों पर जीएसटी की दर घटाकर सरकार मध्यवर्गीय परिवारों की आकांक्षाओं की पूत्रि में प्रत्यक्ष मदद कर रही है। इसके साथ ही सरकार इसके माध्यम से ऑटोमोबील/मोटरवाहन उद्योग को भी कारोबार बढ़ाने को मौका दे रही है।

प्रमुख लाभ:—
• परिवारों के लिए सस्ती कार— जीएसटी की दरों में कमी से और अधिक संख्या में लोग छोटी कार खरीद पाएंगे। इससे पहली बार कार खरीदने के आकांक्षियों का उसे खरीदने का हौसला बढ़ेगा। वे लोग परिवार के लिए आवाजाही का निजी साधन अर्थात कम से कम छोटी कार खरीदने को प्रोत्साहित होंगे।
• छोटे शहरों में मांग बढ़ेगी— अर्धशहरी एवं ग्रामीण बाजार में कॉम्पेक्ट कार सबसे अधिक प्रचलित हैं। जीएसटी की घटी दर से इन बाजारों में छोटी कारों की बिक्री बढ़ेगी जिससे मोअरवाहन उद्योग की ग्रामीण क्षेत्रों में पैठ बढ़ेगी।
• संबद्ध उद्योगों को बल मिलेगा— कारों की अधिक संख्या में बिक्री से सिर्फ विनिर्माताओं को ही नहीं बल्कि डीलरों, सर्विस सेंअरों, ड्राइवरों तथा मोटर वाहनों के लिए फाइनेंस कंपनियों को भी लाभ होगा जिससे समूची अर्थव्यवस्था पर व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
• जीवनयापन में परिवारों को सुविधा— अपनी आर्थिक क्षमता के भीतर लागत वाली कार मिलने से युवा प्रोफेशनलों, कामकाजी मां—बाप, विद्यार्थियों आदि के लिए आवाजाही के विकल्प बढ़ते हैं। इससे उनके लिए रोजाना की आवाजाही सुगम एवं अधिक विश्वसनीय हो जाती है।
• रोजगार एवं वृद्धि पर प्रभाव— ऑटोमोबील/मोटर वाहन उद्योग के बढ़ने से विनिर्माण, बिक्री, सर्विस एवं वित्तपोषण जैसे धंधों में रोजगार भी बढ़ता है। इससे भारत की आर्थिक वृद्धि अधिक गतिशील होगी।
निष्कर्ष
जीएसटी की दरों में यह कटौतियां करों में परिवर्तन से कहीं अधिक प्रभावशाली हैं। यह बुनियादी संबल देने वाले सुधार हैं जिनसे सुलभता और आवाजाही बढ़ेगी तथा स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली को प्रोत्साहन के साथ ही प्रमुख उद्योग दृढ़ होंगे। कुल मिलाकर इन उपायों से सरकार की आर्थिक आत्मनिर्भर भारत, नागरिकों के सशक्तिकरण एवं प्रत्येक भारतीय के जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाने की मंशा को ठोस सहारा मिलेगा।
संदर्भ —
युवा एवं खेल मंत्रालय
https://fitindia.gov.in/
https://kheloindia.gov.in/about.html
https://www.india.gov.in/people-groups/life-cycle/youth/
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय Ministry of Labour and Employment
https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=155119&ModuleId=3
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