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Economy

रसायन और उर्वरक क्षेत्र में जीएसटी दरों में सुधार

Posted On: 09 SEP 2025 18:20 PM

जीएसटी दरों में कमी से स्वास्थ्य सेवा, कृषि और लॉजिस्टिक क्षेत्र में राहत

 

 

मुख्य बातें

स्वास्थ्य सेवा

दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत /शून्य कर दिया गया है। इससे पुरानी बीमारियों का उपचार और भी किफायती हो जाएंगा।

चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे अस्पतालों का खर्च कम होगा और टियर-2 तथा टियर-3 शहरों में बेहतर पहुंच कायम होगी।

चश्मों और लेंसों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे चश्में किफायती होगें और लोग उन्हें अपनाएंगे।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से छूट दी गई है। इससे प्रीमियम सस्ता होगा और कवरेज बढ़ेगा।

 

कृषि

उर्वरक के इनपुट पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे उत्पादन की लागत कम होगी और किसानों के लिए मूल्य वृद्धि रुकेगी।

जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पर्यावरण के अनुकूल प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा और एफपीओ तथा छोटे किसानों को समर्थन मिलेगा।

 

लॉजिस्टिक

ट्रकों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे माल ढुलाई दरें कम होंगी और लॉजिस्टिक पर लागत कम होगी।

माल ढुलाई बीमा पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे माल की आवाजाही आसान हो जाएगी।

 

 

परिचय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के विजन द्वारा निर्देशित वर्तमान सरकार के तहत जीएसटी युक्तिकरण, आम आदमी के हितों को नीति निर्माण के केंद्र में रखने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दवाओं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की लागत कम करके, निवारक स्वास्थ्य देखभाल को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाकर इन सुधारों के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य के अनुकूल वातावरण स्थापित करके "सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा" के विजन को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी सरकार की प्रमुख योजनाओं के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है।

 

साथ ही युक्तिकरण नीति कृषि इनपुट को अधिक किफायती और टिकाऊ बनाकर, उर्वरक उत्पादन में संरचनात्मक अक्षमताओं को ठीक करके और अर्थव्यवस्था के लॉजिस्टिक आधार को मजबूत करके किसानों को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करती है। "सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण" के बड़े लक्ष्य से प्रेरित और "विकसित भारत 2047" सरकार के दृष्टिकोण में निहित, ये सुधार सस्ती स्वास्थ्य सेवा, किसान समृद्धि, पर्यावरण की दृष्टि से उपयुक्त प्रणालियों और प्रभावी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए सरकार के अटूट संकल्प के प्रमाण हैं।

 

औषधियां

डॉक्टरों, अस्पतालों और डायग्नोस्टिक केंद्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही जीएसटी से मुक्त हैं।

जीएसटी युक्तिकरण का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य के अनुकूल कर व्यवस्था को बढ़ावा देना, हानिकारक उपभोग को हतोत्साहित करना, दवाओं और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की लागत कम करना, बीमा कवरेज को बढ़ावा देना और निवारक देखभाल को प्रोत्साहित करना है।

 

चिकित्सा उपचार और उपकरण

दवाइयां और औषधियां:

o जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत / शून्य करने से विभिन्न आवश्यक दवाओं की लागत में कमी आएगी। इससे मरीजों पर वित्तीय बोझ कम होगा।

o यह पुरानी बीमारियों के लम्बे इलाज के लिए सामर्थ्य को बढ़ाता है और घरेलू सामर्थ्य सुनिश्चित करते हुए विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं के लिए "विश्व की फार्मेसी" के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।

 

अध्याय 30 के अंतर्गत आने वाले फार्मास्युटिकल के उत्पादन में रोजगार:

o फार्मा कंपनियां फॉर्मूलेशन, एपीआई, पैकेजिंग के लिए अनुबंध निर्माण और कामगार पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं।

o अनुबंध निर्माण और पैकेजिंग के लिए जॉब-वर्क इनवॉइस पर जीएसटी कम करना (12 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत) कर व्यय और उत्पादन की लागत को कम करेगा। इससे अंतर्निहित कर संरचना से जुड़ी समस्या का समाधान होगा।

 

चिकित्सा उपकरण और औजार:

o एनेस्थेटिक, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, गॉज, पट्टियां, डायग्नोस्टिक किट, सर्जिकल दस्ताने, ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर और अन्य उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से अस्पतालों, डायग्नोस्टिक केंद्रों और क्लीनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना सस्ता हो गया है।

o यह कदम आधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरणों को अपनाने को प्रोत्साहित करता है। इससे टियर-2/3 क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल में सुधार होगा।

 

दृष्टि सुधार के लिए चश्मे और गॉगल्स, कॉन्टैक्ट लेंस, चश्मे के लेंस:

o चश्मा कोई विलासिता नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता है। यह उम्मीद की जाती है कि अब लेंस/चश्मों पर निर्भर लोगों की संख्या बढ़ेगी।

o चश्मे, चश्मे के लेंस, कॉन्टैक्ट लेंस और गॉगल्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से लाखों लोगों के लिए दृष्टि सुधार किफायती हो गया है। इससे छात्रों, बुजुर्गों और कम आय वाले परिवारों को लाभ होगा।

o अनेक रिपोर्टों के अनुसार 10 करोड़ लोग समुचित चश्मे से वंचित हैं। यह सुधार चश्मे के चलन को बढ़ाने में मदद करेगा। जीएसटी दरों में कमी से इनकी मांग बढ़ेगी और चश्मा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

 

कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा अपशिष्ट शोधन सेवाओं को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

o सीईटीपी पर कर में कमी से उद्योगों को केंद्रीकृत अपशिष्ट शोधन समाधान अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे प्रदूषण मुक्त वातावरण बनेगा और औद्योगिक क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।

o इससे नगर निगमों को अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्वच्छ ऊर्जा समाधान अपनाने में मदद मिलेगी।

o दरों में कटौती से अपशिष्ट पृथक्करण, संयंत्र संचालन और रखरखाव में हरित रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

 

कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) एक अपशिष्ट जल उपचार की इकाई है। यहां किसी औद्योगिक समूह/संपदा में स्थित मध्यम/लघु उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्टों को उपचार के लिए एक केंद्रीकृत स्थान पर लाया जाता है।

 

 

बायोडिग्रेडेबल बैग पर जीएसटी में कमी (18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत)

 

o कम जीएसटी बायोडिग्रेडेबल बैग को अधिक किफायती बनाता है। इससे उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं को सिंगल यूज प्लास्टिक से दूर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

o प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2022 और सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के परिणामस्वरूप भारत की अनुपालन प्रणाली मजबूत होगी।

o यह अनुसंधान एवं विकास में निवेश और बायो-पॉलिमर, स्टार्च-आधारित और कम्पोस्टेबल सामग्रियों के विस्तार को प्रोत्साहित करेगा।

o बायोडिग्रेडेबल बैग को तेजी से अपनाने से नदियों, मिट्टी और समुद्री इको-सिस्टम में प्लास्टिक कचरे में कमी होगी।

o कई बायोडिग्रेडेबल बैग निर्माता छोटे और मध्यम उद्यम या स्टार्टअप हैं। कम जीएसटी से उनकी बाजार में पहुंच आसान होती है और मांग बढ़ती है।

 

"मुझे लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री ने आम आदमी का ध्यान रखा है और सहानुभूति दिखाई है। यही वजह है कि जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया। साथ ही, उन्होंने दवा उद्योग को भी महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है: अंतर्निहित कर संरचना के अंतर्गत 90 प्रतिशत रिफंड अब अस्थायी होंगे और शीघ्र वितरित किए जाएंगे। यह हमारे लिए एक बड़ा वरदान होगा।" निपुण जैन, फार्मेक्सिल में डीजीएफटी और एसएमई समिति के अध्यक्ष

 

 

स्वास्थ्य सेवाएं

जैव-चिकित्सा अपशिष्ट का उपचार या निपटान: जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के उपचार या निपटान के लिए एक सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधा से लेकर किसी नैदानिक ​​प्रतिष्ठान में इसे स्थापित करने से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

दवा उत्पादन में रोजगार: दवा उत्पादन के लिए रोजगार पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

 

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा जीएसटी से मुक्त:

o मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए प्रीमियम सस्ते हो गए हैं। इससे व्यापक रूप से इसे अपनाने को प्रोत्साहन मिलेगा और चिकित्सा खर्च में कमी आई है। इससे स्वास्थ्य बीमा और औपचारिक चिकित्सा सेवाओं के विस्तार में मदद मिलेगी।

o यह कटौती आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का पूरक है। यह निजी क्षेत्र के लिए कवरेज का विस्तार करती है और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देती है।

"आज बहुत से लोग, खासकर मध्यम और गरीब वर्ग के लोग बीमारियों से पीड़ित हैं और उनके लिए दवाइयां महंगी हो चुकी थीं। इसलिए दवाओं पर जीएसटी हटाकर राहत प्रदान करना एक बहुत अच्छा कदम है।" व्यवसायी निरंजन हीरानंदानी

 

उर्वरक

 

अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड: जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से अंतर्निहित कर संरचना में सुधार होता है। उर्वरक कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत बचती है, और कार्यशील पूंजी दक्षता में सुधार होता है।

इससे उर्वरक कंपनियों की इनपुट लागत कम होगी और किसानों के लिए कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी।

इससे किफायती उर्वरकों की समय पर उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी और बुवाई के मौसम में किसानों को सीधे तौर पर मदद मिलेगी।

 

जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व

12 जैव-कीटनाशक और कई सूक्ष्म पोषक तत्व:

जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया, जो जैव-आधारित इनपुट को अधिक किफायती बनाकर पर्यावरण-अनुकूल, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देता है।

यह किसानों को रासायनिक कीटनाशकों से जैव-कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे मृदा स्वास्थ्य और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।

दर में कटौती से छोटे जैविक किसानों और एफपीओ को लाभ होगा, यह प्राकृतिक खेती मिशन के अनुरूप है और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के क्रम 1(जी), अनुसूची 1, भाग (ए) के अंतर्गत सूक्ष्म पोषक तत्वों पर लागू होता है।

जीएसटी कटौती से पर्यावरण-अनुकूल कृषि सामग्रियों के बाजार का विस्तार होने, नई उत्पाद श्रृंखलाओं को बढ़ावा मिलने और उर्वरक कंपनियों के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है।

 

इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा-आधारित उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा; सस्ते सौर ऊर्जा-आधारित उपकरण के परिणामस्वरूप सिंचाई की लागत कम होगी और किसानों को समर्थन मिलेगा।

 

वाणिज्यिक माल वाहन

ट्रक, डिलीवरी वैन आदि

ट्रक भारत की आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ हैं (माल यातायात का 65 प्रतिशत-70 प्रतिशत हिस्सा ढोते हैं)।

जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया। इससे ट्रक अधिक किफायती हो गए, प्रति टन-किमी माल ढुलाई दरों में कमी आई और कृषि वस्तुओं की आवाजाही सस्ती हुई।

जीएसटी कम करने से ट्रकों की शुरुआती पूंजीगत लागत कम हो जाती है। इससे प्रति टन-किमी माल ढुलाई दरें कम हो जाती हैं।

 

 

इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है। इससे कृषि वस्तुओं, सीमेंट, स्टील, एफएमसीजी और ई-कॉमर्स डिलीवरी की आवाजाही सस्ती हो जाएगी। इससे महंगाई का दबाव कम होगा।

इससे एमएसएमई क्षेत्र के ट्रक मालिकों को मदद मिलेगी। यह भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा हैं।

सस्ते ट्रक सीधे तौर पर लॉजिस्टिक लागत को कम करने में मदद करते हैं। इससे निर्यात में सुधार होता है।

पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलती है।

सस्ते ट्रक लॉजिस्टिक लागत कम करते हैं और निर्यात में सुधार करते हैं। माल ढुलाई के थर्ड-पार्टी बीमा पर जीएसटी भी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के साथ 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। यह इन प्रयासों का पूरक है।

 

निष्कर्ष

स्वास्थ्य, दवा, उर्वरक और लॉजिस्टिक क्षेत्रों में जीएसटी कटौती के माध्यम से सरकार निवारक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही है। सामर्थ्य बढ़ा रही है, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दे रही है और आपूर्ति-श्रृंखला की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा रही है। ये उपाय "सभी के लिए स्वास्थ्य" के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करते हैं, किसान कल्याण में सुधार करते हैं और आयुष्मान भारत तथा प्राकृतिक कृषि मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप सतत विकास को बढ़ावा देते हैं।

 

संदर्भ

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पीके/केसी/एसके/एसकेएस/एसवी

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