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उपराष्ट्रपति त्रिवेंद्रम फेस्ट 2025 में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए; इसे विचारों, संस्कृति और सामुदायिक भावना का उत्सव करार दिया


त्रिवेंद्रम फेस्ट भारत की समावेशी सामाजिक संरचना और सभ्यतागत मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है: उपराष्ट्रपति

केरल सह-अस्तित्व, मजबूत सामाजिक मूल्यों और सांस्कृतिक चेतना के लिए जाना जाता है: उपराष्ट्रपति

प्रविष्टि तिथि: 29 DEC 2025 10:02PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज तिरुवनंतपुरम में आयोजित त्रिवेंद्रम फेस्ट 2025 में भाग लिया।

क्रिसमस-न्यू ईयर पीस कार्निवल को त्रिवेंद्रम फेस्ट के रूप में मनाया जा रहा है। इसे चर्च ऑफ साउथ इंडिया के साउथ केरल डायसिस द्वारा, असेंबली ऑफ क्रिश्चियन ट्रस्ट सर्विसेज के सहयोग से मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने इसे विचारों, रचनात्मकता, संस्कृति और सामुदायिक भावना का जीवंत उत्सव बताया, जो भारत की समृद्ध सभ्यतागत विरासत और समावेशी सामाजिक ताने-बाने को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्रम फेस्ट जैसे आयोजन राष्ट्र की बौद्धिक और सांस्कृतिक सजीवता को उजागर करते हैं तथा सामाजिक सद्भाव को सुदृढ़ करने में सामूहिक उत्सव की शक्ति को रेखांकित करते हैं।

श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने राज्य को “ईश्वर का अपना देश” बताते हुए कहा कि केरल केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत बैकवॉटर्स और हरियाली के लिए ही नहीं, बल्कि अपने मजबूत सामाजिक मूल्यों, सांस्कृतिक चेतना और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है, जो भारत की उस उत्कृष्ट आत्मा का प्रतीक है जहाँ विरासत और प्रगति सामंजस्य के साथ आगे बढ़ती हैं।

उन्होंने कहा कि क्रिसमस सद्भावना और करुणा का सार्वभौमिक संदेश देता है और यह केवल आस्था तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सकारात्मक और मानवीय समाज के निर्माण के लिए प्रयासरत सभी लोगों का भी उत्सव है।

इस उत्‍सव के समावेशी स्वरूप को रेखांकित करते हुए श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि त्रिवेंद्रम फेस्ट जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और आस्थाओं से जुड़े लोगों को एक साथ लाता है तथा आनंद, रचनात्मकता और संवाद के लिए साझा मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच कला, साहित्य, प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और सार्वजनिक नीति जैसे विषयों पर संवाद को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत में जारी व्यापक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश नवाचार, अवसंरचना विकास, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशी विकास के बल पर विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ अग्रसर है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सांस्कृतिक उत्सव रचनात्मक अर्थव्यवस्थाओं को पोषित करते हुए, स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देते हुए और वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर को सुदृढ़ करते हुए इस राष्ट्रीय विजन में सार्थक योगदान दे सकते हैं।

इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर; तिरुवनंतपुरम के रोमन कैथोलिक आर्चडायसिस के आर्चबिशप परम आदरणीय डॉ. थॉमस जे. नेट्टो; तिरुवनंतपुरम के महापौर श्री वी. वी. राजेश; असेंबली ऑफ क्रिश्चियन ट्रस्ट सर्विसेज के महासचिव श्री जॉर्ज सेबास्टियन; सीएसआई साउथ केरल डायसिस के सचिव डॉ. टी. टी. प्रवीन; त्रिवेंद्रम फेस्ट के अध्यक्ष श्री बेबी मैथ्यू सोमथीरम; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति, कलाकार और सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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पीके/केसी/आरके


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