आयुष
azadi ka amrit mahotsav

आयुष में चिकित्सा बीमा

प्रविष्टि तिथि: 19 DEC 2025 9:25PM by PIB Delhi

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) (बीमा उत्पाद) विनियम 2024, अनुसूची-III के नियम 1.1 के अनुसार "आयुष उपचार" की परिभाषा में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी प्रणालियों के अंतर्गत दिए जाने वाले चिकित्सा और/या अस्पताल में भर्ती उपचारों को संदर्भित किया गया है। इसके अलावा, अनुसूची III के नियम 5 के अनुसार, बीमाकर्ताओं को आयुष कवरेज प्रदान करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करना अनिवार्य है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, स्वास्थ्य बीमा के उद्देश्य से आयुष उपचारों को अन्य उपचारों के समान रखने का उनका दृष्टिकोण शामिल है जिससे पॉलिसीधारकों को अपनी पसंद का उपचार चुनने का विकल्प प्राप्त हो सके।

इसके अलावा, स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय पर दिनांक 29.05.2024 के मास्टर परिपत्र के अनुसार, अध्याय I के खंड (I)(1)(ए) के अनुसार, बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों/संभावित ग्राहकों को आयुष चिकित्सा प्रणालियों सहित चिकित्सा एवं उपचारों की सभी प्रणालियों को ध्यान में रखते हुए व्यापक विकल्प प्रदान करने के लिए उत्पाद/ऐड-ऑन/राइडर उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके अलावा, अध्याय II के खंड (ए)(I)(1)(बी) के अनुसार, सभी बीमाकर्ताओं के पास बोर्ड द्वारा अनुमोदित अंडरराइटिंग नीति होनी चाहिए जो आयुष उपचारों को अन्य उपचारों के समान सुनिश्चित करे जिससे पॉलिसीधारकों को अपनी पसंद का उपचार चुनने का विकल्प प्राप्त हो सके।

जनरल काउंसिल ऑफ इंश्योरेंस (जीआईसी) के अनुसार, कवरेज की सीमा पॉलिसी अवधि पर निर्भर करती है, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने के सभी खर्च एवं अस्पताल में भर्ती होने से 30 दिन पहले तक और उस बीमारी के उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के 60 दिन बाद तक के सभी खर्च आमतौर पर कवर किए जाते हैं।

यह जानकारी आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

*****

पीके/केसी/एके


(रिलीज़ आईडी: 2209505) आगंतुक पटल : 10
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu