सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
“दिव्यांगता क्षमता को सीमित नहीं करती बल्कि दृष्टिकोण करता है”: समावेश और आत्मनिर्भरता के सशक्त संदेश के साथ दिव्या कला मेला 2025 का समापन हुआ
प्रविष्टि तिथि:
21 DEC 2025 8:50PM by PIB Delhi
दिव्यांगता को सहानुभूति नहीं बल्कि समान अवसर और सम्मान की आवश्यकता है। इसी विचार को केंद्र में रखकर भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्लूडी) की ओर से आयोजित नौ दिवसीय ‘दिव्य कला मेला’ का आज इंडिया गेट स्थित कर्तव्य पथ पर सफलतापूर्वक समापन हुआ। 13 से 21 दिसंबर 2025 तक आयोजित यह मेला देश भर के दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों की उद्यमशीलता की क्षमता, रचनात्मक उत्कृष्टता और आर्थिक योगदान को प्रदर्शित करने वाले एक प्रभावशाली राष्ट्रीय मंच के रूप में उभर कर सामने आया।

दिसंबर 2022 में इसी कर्तव्य पथ से शुरू हुई दिव्य कला मेला की यात्रा अपने 28वें पड़ाव पर दिल्ली लौटते हुए एक परिपक्व और प्रभावशाली राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप ले चुकी है, जो एक सतत आंदोलन के रूप में मेले के विकास को रेखांकित करता है। अब तक देशभर में आयोजित 28 मेलों के माध्यम से 2,362 से अधिक दिव्यांग शिल्पियों और उद्यमियों ने भाग लिया है और कुल 23 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। दिल्ली में आयोजित मेले में देश के 20 राज्यों से आए लगभग 100 दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों ने अपने उत्पादों और कौशल से आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। होम डेकोर, ऑर्गेनिक फूड और हस्तशिल्प उत्पादों की भारी मांग के चलते लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया गया, जो दिव्यांग-नेतृत्व वाले उद्यमों में बढ़ते जन विश्वास को दर्शाती है।
इस मेले ने रोजगार और वित्तीय समावेशन के रास्ते भी मजबूत किए। 16 दिसंबर को आयोजित एक विशेष रोजगार मेले में 157 दिव्यांग युवाओं ने भाग लिया, जिनमें से 99 को चुना गया और कई को प्रतिष्ठित कंपनियों से मौके पर ही नौकरी के प्रस्ताव मिले। उद्यमिता को और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय दिव्यांग वित्त और विकास निगम (एनडीएफडीसी) ने दिव्यांग उद्यमियों को 1.05 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए, जबकि एएलआईएमसीओ ने सहायक उपकरणों के वितरण और पंजीकरण को सुगम बनाया, जिससे व्यावहारिक स्वतंत्रता और उत्पादकता में वृद्धि हुई।

समापन अवसर पर आयोजित ‘दिव्य कला शक्ति’ सांस्कृतिक कार्यक्रम ने आयोजन को भावनात्मक ऊंचाई प्रदान की। दिल्ली-एनसीआर से आए दिव्यांग कलाकारों ने नृत्य और संगीत की सशक्त प्रस्तुतियों के माध्यम से यह सिद्ध कर दिया कि कलात्मक अभिव्यक्ति किसी शारीरिक सीमा की मोहताज नहीं होती। इसके साथ ही मेले में स्थापित ‘एक्सपीरियंस ज़ोन’ तथा ब्लाइंड क्रिकेट और बोचिया जैसे दिव्यांग खेलों ने आगंतुकों को दिव्यांगजनों की चुनौतियों के साथ-साथ उनकी क्षमताओं और आत्मविश्वास को नज़दीक से समझने का अवसर दिया।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और एनडीएफडीसी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए दिल्ली के लोगों, स्थानीय प्रशासन और कर्तव्य पथ के अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। विभाग ने देश भर में इसी तरह की पहल आयोजित करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसका उद्देश्य समावेशी, गरिमामय और अवसर-संचालित समाज का निर्माण करना है, जहां दिव्यांगजनों को भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में समान भागीदार के रूप में मान्यता दी जाए।
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पीके/केसी/आरकेजे
(रिलीज़ आईडी: 2207285)
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