स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन अपडेट
30.11.2025 तक देशभर में 1,81,873 आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यरत हैं
वास्तविक समय में रोगों की निगरानी को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री-अभिज्ञान योजना के तहत देशभर में 744 एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है
जिला स्तरीय आपातकालीन और संक्रामक रोग देखभाल को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री-अभिज्ञान योजना के तहत 621 गहन चिकित्सा ब्लॉकों को अनुमोदित और स्वीकृत किया गया है
प्रविष्टि तिथि:
16 DEC 2025 3:02PM by PIB Delhi
भारत सरकार ने घोषणा की है कि दिसंबर 2022 तक देश भर में 1,50,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम), जो पहले प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) थे, स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को परिवर्तित किया जाएगा ताकि बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के संपूर्ण 12 पैकेज के साथ व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तारित श्रृंखला प्रदान की जा सके। इन प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरएमएनएचए+एन) सेवाएं, संक्रामक रोग, गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) (उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मुख, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के 3 सामान्य कैंसर जैसे एनसीडी की जांच और प्रबंधन) शामिल हैं, और धीरे-धीरे मानसिक स्वास्थ्य, ईएनटी, नेत्र विज्ञान, मुख स्वास्थ्य, वृद्धावस्था एवं उपशामक स्वास्थ्य देखभाल और आघात देखभाल आदि के लिए अन्य सेवाएं भी जोड़ी जा रही हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर योग, जुम्बा, शिरोधारा, ध्यान आदि जैसी विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां भी आयोजित करते हैं, जो शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होती हैं। 30.11.2025 तक देशभर में कुल 1,81,873 आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यरत हैं।
ज़िला अस्पतालों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) संक्रामक रोगों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने की भारत की क्षमता को मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री-अभिमान एवं स्वास्थ्य देखभाल योजना (सीएससी) के अंतर्गत 621 सीसीबी को मंज़ूरी और स्वीकृति मिल चुकी है। ये ब्लॉक सुसज्जित आईसीयू, ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों और मज़बूत संक्रमण नियंत्रण तंत्रों के माध्यम से व्यापक गहन देखभाल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे ज़िले गंभीर रूप से बीमार रोगियों को समय पर और प्रभावी देखभाल प्रदान कर सकेंगे। सीसीबी ज़िला स्तर पर तैयारियों को काफ़ी हद तक बढ़ाएंगे, समुदायों के नज़दीक क्रिटिकल केयर सेवाएं सुनिश्चित करेंगे, उच्च स्तरीय सुविधाओं में रेफरल कम करेंगे और आपात स्थितियों के दौरान रोगियों की कठिनाई और जेब से होने वाले खर्च को कम करेंगे।
प्रधानमंत्री-अभिम सीएसएस घटक के अंतर्गत, एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ (आईपीएचएल) सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम, वास्तविक समय रोग निगरानी प्रणाली के निर्माण का एक महत्वपूर्ण घटक हैं। सभी जिलों में कुल 744 आईपीएचएल स्वीकृत की गई हैं। ये प्रयोगशालाएँ व्यापक निदान, रोग पुष्टिकरण और जन स्वास्थ्य निगरानी के लिए जिला स्तरीय नोडल हब के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। उभरते स्वास्थ्य खतरों का समय पर पता लगाने, रिपोर्टिंग और विश्लेषण को सक्षम बनाकर, आईपीएचएल प्रकोप की तैयारी और प्रतिक्रिया को मजबूत करती हैं। यह एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) में वास्तविक समय डेटा प्रवाह का समर्थन करती है, जिससे रुझानों, प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की त्वरित पहचान और जिलों और ब्लॉकों में समन्वित प्रतिक्रिया की सुविधा मिलती है। उन्नत निदान सुविधा और डिजिटल निगरानी प्रणालियों के साथ सहज एकीकरण जिला स्तरीय जन स्वास्थ्य तैयारियों और संक्रामक रोग प्रकोपों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने की देश की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी उपलब्ध कराई।
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एमजी/एआर/पीसी/ओपी
(रिलीज़ आईडी: 2205089)
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