मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार
प्रविष्टि तिथि:
16 DEC 2025 3:08PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के अंतर्गत भारत सरकार का पशुपालन और डेयरी विभाग स्वदेशी नस्लों के मवेशियों और भैंसों का पालन-पोषण करने वाले डेयरी किसानों (पंजीकृत नस्लों की सूची (53 मवेशी और 20 भैंसें) संलग्न), डेयरी सहकारी समितियों/दुग्ध उत्पादक कंपनियों/कृषक उत्पादक संगठनों और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (एआईटी) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित श्रेणियों में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (एनजीआरए) प्रदान कर रहा है -
- स्वदेशी नस्लों के मवेशियों/भैंसों का पालन-पोषण करने वाला सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
- ii. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/ दुग्ध उत्पादक कंपनी (एमपीसी)/ डेयरी कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ)।
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में दुग्ध विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए 2024 में एक विशेष पुरस्कार का भी प्रावधान शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त 2025 से एनईआर श्रेणी के साथ हिमालयी राज्यों को भी शामिल किया गया है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को एनजीआरए प्रदान किया जाता है। साथ ही उपरोक्त प्रत्येक श्रेणी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर)/हिमालयी राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार भी दिया जाता है । एनजीआरए में योग्यता प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह और नकद पुरस्कार शामिल हैं, जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए क्रमशः 5,00,000 रुपये, 3,00,000 रुपये और 2,00,000 रुपये तथा सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/एफपीओ/एमपीसी की श्रेणी में उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर)/हिमालयी राज्यों के लिए विशेष पुरस्कार के रूप में 2,00,000 रुपये का पुरस्कार शामिल हैं। सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) श्रेणी के मामले में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार में केवल योग्यता प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिया जाता है।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त किए जाते हैं। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय दुग्ध दिवस यानी 26 नवंबर के अवसर पर प्रदान किए जाते हैं ।
आज तक पूर्वोत्तर राज्यों/हिमालयी राज्यों के लिए विशेष पुरस्कार सहित कुल 21 दुग्ध किसानों को स्वदेशी मवेशी/भैंस की नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ दुग्ध किसान की श्रेणी के तहत सम्मानित किया गया है ।
भारत सरकार में मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उपरोक्त जानकारी दी।
अनुलग्नक
पंजीकृत मवेशी नस्लें (एनजीआरए के लिए)
|
क्र.सं.
|
नस्ल
|
गृह क्षेत्र
|
|
1
|
अमृतमहल
|
कर्नाटक
|
|
2
|
बछौर
|
बिहार
|
|
3
|
बरगुर
|
तमिलनाडु
|
|
4
|
दांगी
|
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
|
|
5
|
देउनी
|
महाराष्ट्र और कर्नाटक
|
|
6
|
गाओलाओ
|
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
|
|
7
|
गिर
|
गुजरात
|
|
8
|
हल्लिकर
|
कर्नाटक
|
|
9
|
हरियाणा
|
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान
|
|
10
|
कांगयम
|
तमिलनाडु
|
|
11
|
कंकरेज
|
गुजरात और राजस्थान
|
|
12
|
केनकाथा
|
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
|
|
13
|
खेरीगढ़
|
उत्तर प्रदेश
|
|
14
|
खिलार
|
महाराष्ट्र और कर्नाटक
|
|
15
|
कृष्णा घाटी
|
कर्नाटक
|
|
16
|
मालवी
|
मध्य प्रदेश
|
|
17
|
मेवाती
|
राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश
|
|
18
|
नागौरी
|
राजस्थान
|
|
19
|
निमाड़ी
|
मध्य प्रदेश
|
|
20
|
ओंगोल
|
आंध्र प्रदेश
|
|
21
|
पोनवार
|
उत्तर प्रदेश
|
|
22
|
पुंगनूर
|
आंध्र प्रदेश
|
|
23
|
राठी
|
राजस्थान
|
|
24
|
लाल कंधारी
|
महाराष्ट्र
|
|
25
|
लाल सिंधी
|
केवल संगठित फार्मों पर
|
|
26
|
साहीवाल
|
पंजाब और राजस्थान
|
|
27
|
सिरी
|
सिक्किम और पश्चिम बंगाल
|
|
28
|
थारपारकर
|
राजस्थान
|
|
29
|
अम्बलाचेरी
|
तमिलनाडु
|
|
30
|
वेचुर
|
केरल
|
|
31
|
मोटू
|
ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश
|
|
32
|
घुमुसारी
|
ओडिशा
|
|
33
|
बिनझारपुरी
|
ओडिशा
|
|
34
|
खारियर
|
ओडिशा
|
|
35
|
पुलिकुलम
|
तमिलनाडु
|
|
36
|
कोसाली
|
छत्तीसगढ
|
|
37
|
मालनाद गिद्दा
|
कर्नाटक
|
|
38
|
बेलाही
|
हरियाणा और चंडीगढ़
|
|
39
|
गंगातीरी
|
उत्तर प्रदेश और बिहार
|
|
40
|
बद्री
|
उत्तराखंड
|
|
41
|
लखीमी
|
असम
|
|
42
|
लद्दाखी
|
जम्मू और कश्मीर
|
|
43
|
कोंकण कपिला
|
महाराष्ट्र और गोवा
|
|
44
|
पोडाथुरपु
|
तेलंगाना
|
|
45
|
नारी
|
राजस्थान और गुजरात
|
|
46
|
डागरी
|
गुजरात
|
|
47
|
थुथो
|
नगालैंड
|
|
48
|
श्वेता कपिला
|
गोवा
|
|
49
|
हिमाचली पहाड़ी
|
हिमाचल प्रदेश
|
|
50
|
पूर्णिया
|
बिहार
|
|
51
|
कटहनी
|
महाराष्ट्र
|
|
52
|
सांचोरी
|
राजस्थान
|
|
53
|
मसिलम
|
मेघालय
|
पंजीकृत भैंसों की नस्लें (एनजीआरए के लिए)
|
क्रमांक
|
नस्ल
|
गृह क्षेत्र
|
|
1
|
भदावरी
|
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
|
|
2
|
जाफ़राबादी
|
गुजरात
|
|
3
|
मराठवाड़ी
|
महाराष्ट्र
|
|
4
|
मेहसाणा
|
गुजरात
|
|
5
|
मुर्राह
|
हरियाणा
|
|
6
|
नागपुरी
|
महाराष्ट्र
|
|
7
|
नीली रावि
|
पंजाब
|
|
8
|
पंढरपुरी
|
महाराष्ट्र
|
|
9
|
सुरती
|
गुजरात
|
|
10
|
टोडा
|
तमिलनाडु
|
|
11
|
बन्नी
|
गुजरात
|
|
12
|
चिलिका
|
ओडिशा
|
|
13
|
कालाहांडी
|
ओडिशा
|
|
14
|
लुइट (स्वैम्प)
|
असम और मणिपुर
|
|
15
|
बरगुर
|
तमिलनाडु
|
|
16
|
छत्तीसगढ़ी
|
छत्तीसगढ
|
|
17
|
गोजरी
|
पंजाब और हिमाचल प्रदेश
|
|
18
|
धारवाड़ी
|
कर्नाटक
|
|
19
|
मांडा
|
ओडिशा
|
|
20
|
पूर्णाथाडी
|
महाराष्ट्र
|
****
पीके/केसी/केके/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2204642)
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