औषधि विभाग
फार्मा पीएसयू का आधुनिकीकरण
प्रविष्टि तिथि:
12 DEC 2025 4:17PM by PIB Delhi
औषधि विभाग के अंतर्गत पांच केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) हैं, जिनके नाम हैं : इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आईडीपीएल), राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आरडीपीएल), हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल), बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (बीसीपीएल) और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (केएपीएल)।
आईडीपीएल, बीसीपीएल और एचएएल को क्रमशः वर्ष 1992, 1993 और 1997 में बीमार घोषित कर औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड को औपचारिक रूप से संदर्भित किया गया था। आईडीपीएल, एचएएल और बीसीपीएल के पुनरुद्धार/पुनर्वास पैकेज अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में विफल रहे। प्रबंधन, लागत प्रतिस्पर्धा, कच्चे माल की कमी, क्षमता का कम उपयोग, भारी परिचालन घाटा आदि से संबंधित मुद्दों के कारण इन औद्योगिक उपक्रमों को लगातार भारी घाटा हो रहा था। इस पृष्ठभूमि में, मंत्रिमंडल/सीसीईए ने इन औद्योगिक उपक्रमों को बंद करने/रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी। इसके फलस्वरूप, सरकार ने आईडीपीएल को बंद करने, आरडीपीएल में भारत सरकार की हिस्सेदारी राजस्थान राज्य सरकार को हस्तांतरित करने और एचएएल, केएपीएल और बीसीपीएल के संबंध में रणनीतिक बिक्री/विनिवेश/संपत्ति मुद्रीकरण की दिशा में कदम उठाए हैं।
यद्यपि इन सीपीएसई को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उनके आधुनिकीकरण और पुनर्जीवन हेतु कोई योजना लागू नहीं की गई है, फिर भी उनकी उत्पादन क्षमता में सुधार के लिए उनके द्वारा उठाए गए उपाय और उनके वैधानिक दायित्वों को निपटाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए उपचारात्मक कदम अनुलग्नक में विस्तृत रूप से दिए गए हैं।
पिछले तीन वित्तीय वर्षों और वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान आईडीपीएल को बंद करने के लिए आवंटित बजटीय राशि और व्यय का वर्षवार विवरण निम्नलिखित है:
(करोड़ रुपये में)
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बजटीय आबंटन
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व्यय
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वित्तीय वर्ष
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ऋृण
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अनुदान
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कुल
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ऋृण
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अनुदान
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कुल
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2022-23
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4.00
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0
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4.00
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2.11
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0
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2.11
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2023-24
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0
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356.44
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356.44
|
0
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356.44
|
356.44
|
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2024-25
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39.00
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0
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39.00
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39.00
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0
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39.00
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2025-26 (दिनांक 11.12.2025 तक)
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0
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0
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0
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0
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0
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0
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कुल
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43.00
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356.44
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399.44
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41.11
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356.44
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397.55
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उपर्युक्त वर्षों के दौरान अन्य सीपीएसई को कोई बजटीय सहायता प्रदान नहीं की गई है। उनके बंद होने/रणनीतिक बिक्री के संबंध में लिए गए निर्णयों के कारण बजटीय आवंटन कम रहा है। बजटीय आवंटन के मुकाबले व्यय लगभग पूर्ण (99.52%) रहा है।
अनुलग्नक
औषधि विभाग के अंतर्गत आने वाली फार्मास्युटिकल सीपीएसई द्वारा अपनी उत्पादन क्षमता में सुधार के लिए उठाए गए उपाय और उनके द्वारा अपने वैधानिक दायित्वों को निपटाने के लिए उठाए गए सुधारात्मक कदम।
बीसीपीएल, केएपीएल और एचएएल ने आवश्यक दवाओं की उत्पादन क्षमता में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें विनिर्माण सुविधाओं का उन्नयन, उत्पादन लाइनों का संवर्धन और नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाना शामिल है। इसके साथ ही, उन्होंने औषधि नियम, 1945 की अनुसूची-एम के तहत अच्छी विनिर्माण प्रथाओं से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पहल की है। उन्होंने विपणन और वितरण नेटवर्क को भी मजबूत किया है और क्षमता के बेहतर उपयोग और आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय उपलब्धता में निरंतर योगदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और राज्य खरीद एजेंसियों के साथ समन्वय में सुधार किया है।
सुधारात्मक कदमों में एचएएल की लंबे समय से लंबित वैधानिक देनदारियों का निपटारा शामिल है:
- एचएएल पर भारतीय रेलवे का 2.28 करोड़ रुपये (मूलधन और ब्याज सहित) का बकाया था, जो एचएएल में रेलवे साइडिंग सुविधाओं के लिए था, जिसका निपटारा केवल 15 लाख रुपये की मूल राशि के भुगतान के माध्यम से किया गया है।
- 2015 तक एचएसएल को दी गई सेवाओं के लिए सीआईएसएफ के प्रति 10 करोड़ रुपये से अधिक (मूलधन और ब्याज सहित) की देनदारी एचएएल पर थी। इस देनदारी का निपटारा केवल मूलधन राशि, यानी 2.81 करोड़ रुपये के भुगतान के माध्यम से किया गया है।
- बिक्री कर/वैट के बकाया भुगतान के निपटान के लिए एक माफी योजना थी। एचएएल ने इस योजना का लाभ उठाते हुए बिक्री कर/वैट के 1.78 करोड़ रुपये के बकाया का निपटान कर दिया है।
- बॉम्बे सेल्स टैक्स (बीएसटी) और सीएसटी के लंबित बकाया के निपटान के लिए एक और माफी योजना चलाई गई थी। बीएसटी/सीएसटी के लिए एचएएल की कुल देनदारी 87.82 करोड़ रुपये थी, जिसका निपटान 7.16 करोड़ रुपये में किया गया है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी आज लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
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पीके/केसी/केएल/एनके
(रिलीज़ आईडी: 2203460)
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