कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नुकसान का आकलन करने के लिए मानदंड

प्रविष्टि तिथि: 12 DEC 2025 6:25PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) राज्यों और किसानों दोनों के लिए स्वैच्छिक है। यह योजना संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित की गई फसलों/इलाकों के लिए बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक, ऐसे प्राकृतिक जोखिमों से होने वाले फसल नुकसान के लिए समग्र जोखिम बीमा देती है जिन्हें रोका नहीं जा सकता। जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान, जो रोके जा सकते हैं, इसलिए पहले कवर नहीं किए जाते थे। हालांकि, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राज्य सरकारों के अनुरोध पर, राज्यों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को राज्य सरकार के खर्च पर ऐड-ऑन कवर के तौर पर व्यक्तिगत मूल्यांकन पर अधिसूचित करने की अनुमति दी गई है। इस तरह के कवरेज के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल योजना के परिचालन दिशानिर्देश में दिया गया है।

पीएमएफबीवाई के तहत सभी अधिसूचित फसलों के लिए बाढ़ का जोखिम कवर उपलब्ध है। हालांकि, धान, जूट, मेस्टा, गन्ना जैसी हाइड्रोफिलिक फसलों के लिए, स्थानीय दावे क्लेम के मामले को छोड़कर ऐसा कवर उपलब्ध है।

हालांकि, “स्थानीय जोखिम वाली धान की फसल के लिए जंगली जानवरों के हमले और बाढ़ से फसल के नुकसान के तौर-तरीकों को तय करनेके लिए बनाई गई समिति ने इन जोखिमों के कवरेज के लिए सिफारिशों और एसओपी के साथ अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है।

यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।

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पीके/केसी/एमपी/एसएस


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