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एआईआईए गोवा ने अपना चौथा स्थापना दिवस कई नई पहलों की शुरुआत और कैंसर उपचार हेतु एकीकृत प्रोटोकॉल विकसित करने पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन के साथ मनाया

प्रविष्टि तिथि: 11 DEC 2025 7:20PM by PIB Delhi

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), गोवा ने आज, 11 दिसंबर को अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया। यह संस्थान गोवा में आयुर्वेदिक शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल के लिए उत्कृष्टता के एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में अपनी तेज़ प्रगति में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुँच गया है। 2022 में स्थापित और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस संस्थान ने अपने नैदानिक और शैक्षणिक क्षेत्र का लगातार विस्तार किया है।

संस्थान के स्थापना दिवस समारोहों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर बोलते हुए, एआईआईए के निदेशक, प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति ने क्षेत्र में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान और शिक्षा को आगे बढ़ाने में संस्थान की सफलताओं, प्रगति और भविष्य की पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "एआईआईए गोवा उच्च गुणवत्ता वाली नैदानिक सेवाओं, अकादमिक उत्कृष्टता और सहयोगात्मक अनुसंधान के माध्यम से एकीकृत आयुर्वेद को बढ़ाने और राष्ट्र के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।" प्रोफेसर प्रजापति ने बताया, "अस्पताल में अब 25 विशेषज्ञ ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) संचालित हैं और यह प्रतिदिन 800 से अधिक रोगियों को सेवा प्रदान करता है, जिनमें सभी को आयुर्वेदिक दवाइयाँ निःशुल्क मिलती हैं। स्थापना के बाद से, यहाँ 5.25 लाख से अधिक ओपीडी विजिट, 31,000 से अधिक आईपीडी प्रवेश, 77,200 पंचकर्म प्रक्रियाएँ और 1,35,000 रेडियोलॉजी और प्रयोगशाला जाँच हुई हैं। एआईआईए गोवा के लिए यह गर्व की बात है कि संस्थान में आने वाले ओपीडी रोगियों की दैनिक संख्या 800 को पार कर गई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी।"

इस अवसर पर बोलते हुए, एआईआईए गोवा की डीन, प्रोफेसर (डॉ.) सुजाता कदम ने नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) द्वारा संस्थान को मान्यता प्राप्त होने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “एनएबीएच मान्यता गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। शैक्षणिक रूप से, एआईआईए गोवा में 400 स्नातक छात्र पढ़ते हैं और इसने आयुर्वेद आहार विज्ञान तथा पंचकर्म चिकित्सा में विशेष पाठ्यक्रमों के साथ-साथ, कई विषयों में अपने स्नातकोत्तर कार्यक्रमों का भी 49 स्कॉलर्स तक विस्तार किया है।”

प्रोफेसर कदम ने कहा कि संस्थान पर्यटन विभाग, सीएसआईआर-एनआईओ, बिट्स पिलानी, गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड, गोवा प्रबंधन संस्थान और एसीटीआरईसी-टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ सहयोग के माध्यम से अपने अनुसंधान और शैक्षणिक इकोसिस्टम को मजबूत करने के मिशन पर रहा है। यह सहयोग एकीकृत ऑन्कोलॉजी, जैव विविधता, कल्याण पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा नवाचार में पहलों का समर्थन करता है।

चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर, एआईआईए गोवा ने कोलोरेक्टल कार्सिनोमा के लिए एक एकीकृत प्रोटोकॉल विकसित करने पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें एकीकृत ऑन्कोलॉजी में साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोणों को आगे बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया। संस्थान ने नई सुविधाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें एक असेसमेंट स्क्रीनिंग ओपीडी, एक डेंटल ओपीडी, दो पंचकर्म थिएटर और विस्तारित इनपेशेंट सर्विसेज शामिल हैं। छात्रों ने आयुर्वेदिक आहार विज्ञान सिद्धांतों पर एक प्रेजेंटेशन के साथ समारोहों में अपना योगदान दिया।

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पीके/केसी/डीवी


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