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मल्‍टीमॉडल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की समीक्षा की


एकीकृत और कुशल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए रेल अवसंरचना प्रस्तावों की समीक्षा की गई

प्रविष्टि तिथि: 08 DEC 2025 9:50PM by PIB Delhi

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) की तर्ज़ पर मल्‍टीमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करने और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार लाने के उद्धेश्‍य से अवसंरचना प्रस्तावों की समीक्षा के लिए आज नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 104वीं बैठक आयोजित की गई।

एनपीजी ने 05 रेल परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति के एकीकृत मल्‍टीमॉडल अवसंरचना, आर्थिक एवं सामाजिक केंद्रों का अंतिम छोर तक संपर्क तथा ‘समूची सरकार’ दृष्टिकोण के सिद्धांतों की अनुरूपता के आधार पर किया। इन पहलों से लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ने, आवाजाही में लगने वाला समय कम होने और परियोजना के सेवा क्षेत्रों को महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के मूल्यांकन और संभावित प्रभाव नीचे विस्तार से दिए गए हैं।

परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:

गूम्मिडिपुंडी और गुडूर (आंध्र प्रदेश) के बीच प्रस्तावित तीसरी और चौथी लाइन: रेलवे मंत्रालय ने गूम्मिडिपुंडी (जीपीडी) और गुडूर (जीडीआर) के बीच 89.96 कि.मी. लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के विकास का प्रस्ताव रखा है, जो तमिलनाडु के तिरुवल्लूर ज़िले और आंध्र प्रदेश के तिरुपति ज़िले से होकर गुज़रेगी। यह परियोजना मौजूदा परिवहन नेटवर्क के अनुरूप है, जो प्रमुख औद्योगिक केंद्रों से मज़बूत सड़क संपर्क द्वारा समर्थित है और मल्‍टीमॉडल माल परिवहन की निर्बाध आवाजाही को सक्षम बनाती है।

नई रेलवे लाइनें प्रमुख क्षेत्रों जैसे उर्वरक, पेट्रोलियम उत्पाद, कंटेनर में पैक माल, पावर प्लांट और सीमेंट उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स को महत्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ करेंगी, जो कच्चे माल के इनबाउंड और तैयार माल के आउटबाउंड, दोनों का समर्थन करेंगी। इस गलियारे के माध्यम से 25.07 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) का परिवहन संभाला जाएगा, जो चेन्नई–गुडुर मार्ग पर नई स्वीकृत गूम्मिडिपुंडी–सुल्लुरुपेटा–गुडुर मल्टी-ट्रैकिंग सेक्शन पर माल यातायात के पथ-परिवर्तन द्वारा संभव होगा।

यह परियोजना माल परिवहन क्षमता को सुदृढ़ करेगी, आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता में सुधार करेगी और चेन्नई पोर्ट के माध्यम से बढ़ती व्यापार गतिविधियों का समर्थन करेगी।

कोकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल)  के वित्तीय और परिचालन स्वास्थ्य में सुधार का प्रस्ताव - तीसरी वित्तीय पुनर्गठन योजना (महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक): रेल मंत्रालय ने गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कोकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) के वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन को सुदृढ़ करने के लिए तीसरी वित्तीय पुनर्गठन पहल का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव में कोकण रेलवे मार्ग पर लाइन क्षमता, सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से बड़े अवसंरचना निवेश शामिल हैं।

योजना के तहत प्रमुख कार्यों में पर्नेम और ओल्ड गोवा में दो नई सुरंगों का निर्माण और मयेम, नेउरा-ओ-ग्रांडे तथा मुकांबिका रोड–बाइंडूर में तीन नए क्रॉसिंग स्टेशन शामिल हैं। इन उन्‍नयनों से भीड़-भाड़ कम, परिचालन दक्षता में सुधार और क्षेत्रीय संपर्क में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है।

निदादवोलु – डुव्वाडा स्टेशनों (आंध्र प्रदेश) के बीच प्रस्तावित तीसरी और चौथी लाइन: रेल मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश में निदादवोलु और डुव्वाडा के बीच 198.10 कि.मी. लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह गलियारा, जो हावड़ा–चेन्नई मुख्य लाइन का हिस्सा है, मिशन 3000 एमटी रणनीति के तहत उच्च यातायात घनत्व वाला मार्ग है और दक्षिण-मध्य रेलवे की विजयवाड़ा डिवीजन के अंतर्गत आता है।

यह परियोजना आंध्र प्रदेश के विस्‍तृत होते बंदरगाहों से कोयला, जिप्सम और उर्वरक आयात के चलते बढ़ते माल परिवहन को संभालने और जनता की बढ़ती यात्री कनेक्टिविटी की मांग को पूरा करने का उद्देश्य रखती है। अतिरिक्त लाइनें माल परिवहन तथा यात्री सेवाओं, दोनों की क्षमता बढ़ाएंगी, विशेष रूप से विशाखापट्टनम और दक्षिणी गंतव्यों की ओर।

इस सुदृढ़ीकरण से विशाखापट्टनम स्टील प्लांट, रामको सीमेंट्स, चेट्टिनाड सीमेंट सहित प्रमुख औद्योगिक इकाइयों को समर्थन मिलेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास में योगदान होगा।

नागदा–मथुरा सेक्शन (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान) में नई तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण: रेल मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 567.860 कि.मी. लंबी नागदा और मथुरा के बीच तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह गलियारा स्‍वर्णिम चतुर्भुज और हाई-डेंसिटी नेटवर्क-3 (एचडीएन-3) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कोटा, भरतपुर, नागदा और रतलाम से होते हुए दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले प्रमुख माल और यात्री मार्ग के रूप में कार्य करता है।

यह परियोजना राष्ट्रीय रेल योजना में मिशन 3000 एमटी का हिस्सा है और मौजूदा डबल लाइन को उन्नत करके बढ़ती माल और यात्री मांग को पूरा करने का उद्देश्य रखती है। इस सेक्शन का पूर्ण होना—जो वर्तमान में एचडीएन-3 पर एकमात्र बिना क्षमता वृद्धि वाला खंड है—दिल्ली–मुंबई गलियारे की परिवहन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा।

नई लाइनें क्षेत्र में प्रमुख उद्योगों द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पन्न माल परिवहन वृद्धि का समर्थन करेंगी, जिनमें थर्मल पावर प्लांट, पेट्रोलियम टर्मिनल, उर्वरक संयंत्र, सीमेंट उद्योग और गोदाम केंद्र शामिल हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स अवसंरचना सुदृढ़ होगी और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को सुविधा मिलेगी।

गाजियाबाद स्टेशन–न्यू सीतापुर स्टेशन (उत्तर प्रदेश) के बीच प्रस्तावित तीसरी और चौथी लाइन: रेल मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और न्यू सीतापुर के बीच तीसरी और चौथी ब्रॉड-गेज (1676 मिमी) रेलवे लाइन बनाने का प्रस्ताव रखा है, जो दस जिलों में 402.78 किमी तक फैली होगी। इस परियोजना का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करना है, जिससे उत्‍तरी फ्रंटियर रेलवे की ओर यातायात प्रवाह आसान हो और उत्तरी बाजारों में यात्री और माल संचालन की दक्षता में सुधार हो।

नई लाइनों से लॉजिस्टिक्स लागत को कम होने, परिवहन दक्षता में सुधार होने और सतत् गतिशीलता को समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह गलियारा प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों, लॉजिस्टिक्स हब और अन्य आर्थिक केंद्रों से मजबूत सड़क संपर्क द्वारा समर्थित है, साथ ही भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए उन्नयन की संभावनाएं भी मौजूद हैं। इस क्षेत्र को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (दिल्ली), बरेली हवाई अड्डा और चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लखनऊ) जैसे प्रमुख हवाई अड्डों के नजदीक होने का लाभ भी मिलता है, जिससे मल्‍टीमॉडल पहुंच और मजबूत होती है।

बैठक की अध्यक्षता संयुक्त सचिव, लॉजिस्टिक्स, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा की गई।

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पीके/केसी/पीके


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