अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) देश भर में स्वरोजगार आय सृजन उपक्रमों के लिए रियायती ऋण प्रदान करके अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के “पिछड़े वर्गों” के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाएं क्रियान्वित करता है
एनएमडीएफसी देश भर में अल्पसंख्यक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए विपणन अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करता है
प्रविष्टि तिथि:
08 DEC 2025 3:40PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) देश भर में स्व-रोज़गार आय सृजन उपक्रमों के लिए रियायती ऋण प्रदान करके (06) अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के "पिछड़े वर्गों" के सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करता है। एनएमडीएफसी की योजनाओं का क्रियान्वयन संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों, पंजाब ग्रामीण बैंक, केनरा बैंक और यूनियन बैंक द्वारा नामित स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से किया जाता है। एनएमडीएफसी की योजनाओं का विवरण "अनुलग्नक-ए" में संलग्न है।
अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एनएमडीएफसी द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से वितरित रियायती ऋण का विवरण “अनुलग्नक-बी” में संलग्न है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) देश भर में अल्पसंख्यक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए विपणन अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता है। प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत ये पहल कारीगरों के लिए समर्पित ऋण सुविधाएं भी प्रदान करती हैं।
विपणन और कारीगर सहायता प्रदान करने वाली प्रमुख योजना है:
विपणन सहायता योजना
यह एनएमडीएफसी द्वारा अपनी स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से कार्यान्वित प्रोत्साहन योजना है।
• लक्ष्य समूह: यह योजना व्यक्तिगत शिल्पकारों, एनएमडीएफसी के लाभार्थियों और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए तैयार की गई है।
• उद्देश्य: इसका उद्देश्य लाभकारी मूल्यों पर शिल्पकारों के उत्पादों की बिक्री और विपणन को बढ़ावा देना है।
• विपणन पद्धति: यह राज्य या जिला स्तर पर भागीदारी या प्रदर्शनियों के आयोजन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
पिछले 6 वर्षों के दौरान विपणन सहायता योजना के अंतर्गत राज्यवार स्वीकृतियों को दर्शाने वाला विवरण “अनुलग्नक-सी” के रूप में संलग्न है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
अनुलग्नक-ए
पात्रता की शर्त
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन एनएमडीएफसी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
- क्रेडिट लाइन-1 के अंतर्गत वार्षिक पारिवारिक आय पात्रता मानदंड ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए 3 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है। क्रेडिट लाइन-2 के अंतर्गत, 8 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की उच्च वार्षिक पारिवारिक आय वाले व्यक्ति उच्च ब्याज दर पर अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
एनएमडीएफसी की रियायती ऋण योजनाएं
1. सावधि ऋण:- इस योजना के अंतर्गत किसी भी व्यावसायिक और तकनीकी रूप से व्यवहार्य उपक्रम के लिए सहायता उपलब्ध है। क्रेडिट लाइन-1 के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये तक का ऋण 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर उपलब्ध है।
क्रेडिट लाइन-2 के अंतर्गत पुरुष लाभार्थियों के लिए 8% प्रति वर्ष तथा महिला लाभार्थियों के लिए 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर अधिकतम 30 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध है।
शिक्षा ऋण:- शिक्षा ऋण योजना, सावधि ऋण योजना का भाग है। तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है, जिनकी अधिकतम अवधि 5 वर्ष होती है। देश में पाठ्यक्रमों के लिए 20 लाख रुपये और विदेश में पाठ्यक्रमों के लिए 30 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण क्रेडिट लाइन-1 के अंतर्गत 3% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर उपलब्ध है, जबकि क्रेडिट लाइन-2 के अंतर्गत पुरुष लाभार्थियों को 8% प्रति वर्ष और महिला लाभार्थियों से 5% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।
विरासत योजना:- यह योजना भी सावधि ऋण योजना का एक भाग है और इसका उद्देश्य कारीगरों की कार्यशील पूंजी और उपकरण/औज़ार/मशीनरी की खरीद के लिए स्थायी पूंजी, दोनों के रूप में ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस योजना के अंतर्गत क्रेडिट लाइन-1 के अंतर्गत पुरुष कारीगरों के लिए 5% प्रति वर्ष और महिला कारीगरों के लिए 4% प्रति वर्ष की साधारण ब्याज दर पर, और क्रेडिट लाइन-2 के अंतर्गत पुरुष कारीगरों के लिए 6% प्रति वर्ष और महिला कारीगरों के लिए 5% प्रति वर्ष की साधारण ब्याज दर पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध है।
2. सूक्ष्म वित्त:- सूक्ष्म वित्त योजना के अंतर्गत, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों, विशेषकर दूरदराज के गांवों और शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं को सूक्ष्म ऋण प्रदान किया जाता है, जो औपचारिक बैंकिंग ऋण का लाभ नहीं ले पाते हैं। इस योजना के लिए लाभार्थी का स्वयं सहायता समूहों में संगठित होना आवश्यक है। क्रेडिट लाइन-1 के अंतर्गत प्रत्येक स्वयं सहायता समूह सदस्य के लिए अधिकतम एक लाख तक का ऋण 7% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर उपलब्ध है।
क्रेडिट लाइन-2 के अंतर्गत पुरुष लाभार्थियों के लिए 10% प्रति वर्ष और महिला लाभार्थियों के लिए 8% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध है।
एनएमडीएफसी योजनाओं के क्रेडिट लाइन (एक और दो) अन्य मापदंड और वित्तपोषण संरचना
ए. क्रेडिट लाइन 1
|
क्र. सं.
|
मापदंड
|
सावधि ऋण
|
शिक्षा ऋण
|
सूक्ष्म वित्त
|
विरासत
|
|
1
|
अधिकतम ऋण राशि (लाख रुपये में)
|
20
|
20 ( देश में 5 वर्ष तक की अवधि के पाठ्यक्रमों के लिए)
30 ( विदेश में 5 वर्ष तक की अवधि के पाठ्यक्रम)
|
एसएचजी के प्रत्येक सदस्य के लिए 1
20 के समूह के लिए 20
|
10
|
|
2
|
लाभार्थियों के लिए ब्याज दर (% प्रति वर्ष)
|
6
|
3
|
7
|
5 (पुरुष)
4 (महिलाएं)
|
|
3
|
एससीए/बैंक द्वारा एनएमडीएफसी को ब्याज दर (प्रति वर्ष %)
|
3
|
1
|
1
|
3 (पुरुष)
2 (महिलाएं)
|
|
4
|
लाभार्थियों के लिए स्थगन अवधि
|
6 महीने
|
कोर्स पूरा होने या नौकरी मिलने के 6 महीने बाद
|
3 महीने
|
6 महीने
|
|
5
|
लाभार्थियों के लिए पुनर्भुगतान अवधि
|
5 साल
|
5 साल
|
3 वर्ष
|
5 साल
|
|
6
|
एनएमडीएफसी के वित्तपोषण के साधन: एससीए/बैंक: लाभार्थी
|
90 :5 : 5
|
बी. क्रेडिट लाइन 2
|
क्र. सं.
|
मापदंड
|
सावधि ऋण
|
शिक्षा ऋण
|
सूक्ष्म वित्त
|
विरासत
|
|
1
|
अधिकतम ऋण राशि (लाख रुपये में)
|
30
|
20 ( देश में 5 वर्ष तक की अवधि के पाठ्यक्रमों के लिए)
30 ( विदेश में 5 वर्ष तक की अवधि के पाठ्यक्रम)
|
एसएचजी के प्रत्येक सदस्य को 1.50
20 के समूह के लिए 30
|
10
|
|
2
|
लाभार्थियों के लिए ब्याज दर (% प्रति वर्ष)
|
8 (पुरुष)
6 (महिलाएं)
|
8 (पुरुष)
5 (महिलाएं)
|
10 (पुरुष)
8 (महिलाएं)
|
6 (पुरुष)
5 (महिलाएं)
|
|
3
|
एससीए/बैंक द्वारा एनएमडीएफसी को देय ब्याज दर (% प्रति वर्ष)
|
5 (पुरुष)
3 (महिलाएं)
|
2
|
4 (पुरुष)
2 (महिलाएं)
|
4 (पुरुष)
3 (महिलाएं)
|
|
4
|
लाभार्थियों के लिए स्थगन अवधि
|
6 महीने
|
कोर्स पूरा होने या नौकरी मिलने के 6 महीने बाद
|
3 महीने
|
6 महीने
|
|
5
|
लाभार्थियों के लिए पुनर्भुगतान अवधि
|
5 साल
|
5 साल
|
3 वर्ष
|
5 साल
|
|
6
|
एनएमडीएफसी के वित्तपोषण के साधन: एससीए/बैंक: लाभार्थी
|
90 :5 : 5
|
अनुलग्नक-बी
एनएमडीएफसी द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से वितरित रियायती ऋण
राशि करोड़ रुपये में
|
क्र. सं.
|
वित्तीय वर्ष
|
राशि
|
|
1
|
2014-2015
|
431.20
|
|
2
|
2015-2016
|
473.29
|
|
3
|
2016-2017
|
503.32
|
|
4
|
2017-2018
|
570.83
|
|
5
|
2018-2019
|
603.66
|
|
6
|
2019-2020
|
602.50
|
|
7
|
2020-2021
|
650.41
|
|
8
|
2021-2022
|
700.00
|
|
9
|
2022-2023
|
881.70
|
|
10
|
2023-2024
|
765.45
|
|
11
|
2024-2025
|
860.43
|
अनुग्नक-सी
पिछले 6 वर्षों के दौरान विपणन सहायता योजना के अंतर्गत राज्यवार स्वीकृतियों का विवरण
राशि लाख रुपये में
|
क्र. सं.
|
राज्य
|
कुल
|
|
|
|
|
राशि
|
लाभार्थियों
|
|
|
1
|
गुजरात
|
66.45
|
320
|
|
|
2
|
गोवा
|
10.40
|
80
|
|
|
3
|
जम्मू-कश्मीर
|
93.73
|
640
|
|
|
4
|
केरल
|
18.30
|
200
|
|
|
5
|
नगालैंड
|
5.20
|
40
|
|
|
6
|
राजस्थान
|
15.20
|
80
|
|
|
7
|
पश्चिम बंगाल
|
39.88
|
320
|
|
****
पीके/केसी/जेके/केके
(रिलीज़ आईडी: 2200466)
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