युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय
सरदार@150 राष्ट्रीय पदयात्रा अंतिम चरण में प्रवेश कर गई; 10वें दिन गरुड़ेश्वर पहुंची
राष्ट्रीय एकता मार्च का समापन कल केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर होगा
सरदार@150 यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एकीकरण के प्रति राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है: केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी
सरदार पटेल की 150वीं जयंती राष्ट्रीय प्रेरणा को पुनर्जीवित करती है: शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री श्री जयंत चौधरी
एकता भारत की शक्ति है; अमृत पीढ़ी को सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए: शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार
प्रविष्टि तिथि:
05 DEC 2025 6:49PM by PIB Delhi
अपने अंतिम चरण में प्रवेश करते हुए, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव के तहत आयोजित सरदार@150 एकता पदयात्रा राजपीपला से गरुड़ेश्वर तक के मार्ग पर आगे बढ़ी और समुदायों तक पहुंचना जारी रखा। इस पदयात्रा में नागरिकों, युवा समूहों, सांस्कृतिक संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी जारी रही।


पदयात्रा की शुरुआत स्मृति वन में “एक पेड़ माँ के नाम” कार्यक्रम से हुई, जहां गणमान्य व्यक्तियों और पदयात्रियों ने मिलकर पौधे रोपे। इस पहल ने स्थायित्व, सामुदायिक भागीदारी और सामूहिक उत्तरदायित्व के प्रति एकता यात्रा के जोर को दोहराया।
जैसे-जैसे पदयात्रा आगे बढ़ी, साबरमती प्रवाह के 200 से अधिक पदयात्री इसमें शामिल हुए। गरबा नृत्य समूह के साथ उनकी भागीदारी ने पूरे मार्ग में सांस्कृतिक जुड़ाव को और बढ़ा दिया।

यह पदयात्रा जब भनंद्रा चोकड़ी पहुंची, तो नर्मदा जिले के नानीदेवरु पान स्थित नवोदय ग्राम विकास ट्रस्ट के आदिवासी समुदाय ने अपने पारंपरिक होली नृत्य के साथ प्रतिभागियों का स्वागत किया। होली नृत्य कई गांवों में प्रतिवर्ष किया जाने वाला एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है। इस प्रस्तुति में क्षेत्र की आदिवासी विरासत और उसकी दीर्घकालिक सांस्कृतिक परंपराओं को रेखांकित किया गया।


इसके बाद, केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता तथा शिक्षा राज्यमंत्री श्री जयंत चौधरी; केन्द्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मत्री डॉ. सुकांत मजूमदार; उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल कुमार; गुजरात के मंत्री श्री रमेशभाई कटारा, श्रीमती दर्शनबेन वाघेला, श्री प्रवीणभाई माली, डॉ. जयरामभाई गामित; और सांसद श्री मनसुखभाई वसावा, डॉ. राज कुमार सांगवान एवं श्री चंदन चौहान की गरिमामयी उपस्थिति में सरदार गाथा का आयोजन किया गया। नेताओं ने सरदार पटेल के राष्ट्र निर्माण योगदान पर अपने विचार साझा किए और विकसित भारत की दिशा में भारत की प्रगति में उनकी निरंतर प्रासंगिकता पर बल दिया।

श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सरदार@150 मार्च एकता और राष्ट्रीय अखंडता के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एकता शक्ति, विकास और आत्मनिर्भरता में योगदान देती है और कहा कि जिस आत्मविश्वास के साथ भारत के युवा एकता और विकास के मुद्दों पर सक्रिय हैं, वह वल्लभभाई पटेल की चिरस्थायी विरासत से उपजा है।

श्री जयंत चौधरी ने भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की निर्णायक भूमिका को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि देश की विविधता एवं युवा इसकी शक्ति के प्रमुख घटक हैं। प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, उन्होंने नागरिकों से राष्ट्रीय विकास में सार्थक योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरदार@150 एकता पदयात्रा प्रभावी रूप से जागरूकता फैला रही है और विभिन्न समुदायों के युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है।

अपने संबोधन में, डॉ. सुकांत मजूमदार ने राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि आज भारत का एकीकृत ढांचा सरदार पटेल द्वारा रखी गई नींव पर टिका है। उन्होंने कहा कि जहां पटेल ने राष्ट्र के एकीकरण का अपना कार्य पूरा किया, वहीं भारत को और मजबूत बनाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। उन्होंने पदयात्रा के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में प्रतिभागियों एवं स्वयंसेवकों की भूमिका की सराहना की और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने युवा नागरिकों को विभाजनकारी प्रवृत्तियों से सावधान रहने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

दसवें दिन की कार्यवाही के अंत में, यह पदयात्रा गरुड़ेश्वर पहुंचेगी जहां एक ग्राम सभा और दयारो नामक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। सांसद श्री जशुभाई भीलूभाई राठवा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और मुख्य भाषण देंगे। यह कार्यक्रम सामुदायिक संवाद, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और एकीकृत भारत के निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका पर चिंतन का अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस दिनों के दौरान, सरदार@150 एकता पदयात्रा ने निरंतर जनभागीदारी और नागरिक सहभागिता का प्रदर्शन किया है। 26 नवंबर को अपनी शुरुआत के बाद से, यह पदयात्रा कई जिलों से गुजरी है और 9वें दिन तक 149 किलोमीटर की दूरी तय कर विविध समुदायों से जुड़ चुकी है। पिछले नौ दिनों की गतिविधियों में वृक्षारोपण अभियान, सरदार सभाएं, युवा संवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ग्राम-स्तरीय परामर्श शामिल हैं। वरिष्ठ नेताओं, जनप्रतिनिधियों, युवा संगठनों और नागरिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया है, जिससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करने और सरदार पटेल के शासन के सिद्धांतों का प्रसार करने के पदयात्रा के उद्देश्यों को बल मिला है। इन कार्यक्रमों ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सामुदायिक भागीदारी की भूमिका और विकसित भारत के लिए राष्ट्र की सामूहिक आकांक्षाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में योगदान दिया है।
यह पदयात्रा अपने समापन दौर में पहुंच रही है और कल इसका अंतिम चरण होगा। 11वें और अंतिम दिन, सरदार@150 एकता पदयात्रा केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर समाप्त होगी, जो सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू की गई इस राष्ट्रव्यापी पहल का औपचारिक समापन होगा।
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पीके/ केसी / आर /डीए
(रिलीज़ आईडी: 2199648)
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